चैत्र नवरात्र के नौवें दिन को महानवमी-दुर्गा नवमी कहा जाता है। महानवमी के दिन मां दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है।
By Ekta Sharma
Publish Date: Tue, 16 Apr 2024 04:28 PM (IST)
Updated Date: Tue, 16 Apr 2024 04:30 PM (IST)
HighLights
- मां सिद्धिदात्री सभी प्रकार सिद्धियां प्रदान करती हैं।
- पूजा के बाद हवन करें और कन्या पूजन करें।
- कन्या पूजन के बाद प्रसाद ग्रहण कर अपना व्रत खोलें।
धर्म डेस्क, इंदौर। Chaitra Navratri 2024 Day 9: चैत्र नवरात्र का त्योहार हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। नवरात्र के दौरान मां दुर्गा के 9 रूपों की विशेष पूजा का विधान है। इसके साथ ही व्रत भी रखा जाता है। नवरात्र के आखिरी दिन हवन करके कन्या पूजन किया जाता है। इस बार चैत्र नवरात्र 9 अप्रैल को शुरू हुए और 17 अप्रैल को समाप्त होंगे। चैत्र नवरात्र के नौवें दिन को महानवमी-दुर्गा नवमी कहा जाता है। महानवमी के दिन मां दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। मां सिद्धिदात्री सभी प्रकार सिद्धियां प्रदान करती हैं।
मां सिद्धिदात्री पूजा विधि
मां सिद्धिदात्री स्वरूप
माना जाता है कि मां सिद्धिदात्री अपने भक्तों को सभी प्रकार की सिद्धियां प्रदान करती हैं। मां सिद्धिदात्री भगवान विष्णु की प्रिय लक्ष्मी की तरह कमल पर विराजमान हैं। इनकी चार भुजाएं हैं। मां सिद्धिदात्री के हाथों में कमल, शंख, गदा, सुदर्शन चक्र भी है। सिद्धिदात्री देवी सरस्वती का भी एक रूप हैं। भगवान शिव ने भी देवी सिद्धिदात्री की कृपा से ही सभी सिद्धियां प्राप्त की थीं।
मां दुर्गा के इस रूप की पूजा ऋषियों, यक्षों, देवताओं, राक्षसों, साधकों, किन्नरों और गृहस्थ आश्रमों में रहने वाले भक्तों द्वारा की जाती है।
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