सनातन धर्म में नवरात्र का पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। सातवें दिन, भक्त देवी कालरात्रि की पूजा करते हैं। यह मां दुर्गा का उग्र स्वरूप हैं।
By Ekta Sharma
Publish Date: Sun, 14 Apr 2024 05:11 PM (IST)
Updated Date: Sun, 14 Apr 2024 05:11 PM (IST)
HighLights
- मां कालरात्रि की पूजा करने से जीवन में व्याप्त भय और दुखों से मुक्ति मिल जाती है।
- देवी मां की विधि-विधान से आराधना करनी चाहिए।
- नीला रंग देवी कालरात्रि को समर्पित माना जाता है।
धर्म डेस्क, इंदौर। Chaitra Navratri 2024 Day 7: नवरात्र के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा करने की परंपरा है। देवी काली मां दुर्गा के नौ रूपों में से एक हैं। माना जाता है कि मां कालरात्रि की पूजा करने से जीवन में व्याप्त भय और दुखों से मुक्ति मिल जाती है। गुप्त शत्रुओं का भी नाश होता है। अगर आप अपने जीवन से सभी समस्याओं को खत्म करना चाहते हैं, तो देवी मां की विधि-विधान से आराधना करनी चाहिए। नीला रंग देवी कालरात्रि को समर्पित माना जाता है। यही कारण है कि भक्तों को देवी को आर्किड फूल अर्पित करने चाहिए।
माता कालरात्रि पूजा विधि
मां कालरात्रि स्वरूप
सनातन धर्म में नवरात्र का पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। सातवें दिन, भक्त देवी कालरात्रि की पूजा करते हैं। यह मां दुर्गा का उग्र स्वरूप हैं। देवी काली को राक्षसों, बुरी आत्माओं और नकारात्मक ऊर्जाओं को नष्ट करने के लिए जाना जाता है। यह भक्तों के जीवन से अंधकार को भी दूर करती हैं। देवी कालरात्रि का रंग अंधेरी रात के समान गहरा माना गया है। खुले बाल और गले में मुंड माला उनके स्वरूप को उग्र रूप में प्रदर्शित करता है। गधे पर सवार होकर देवी अपने भक्तों की रक्षा करती हैं।
डिसक्लेमर
‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’