Buddha Purnima 2024 Date: बुद्ध पूर्णिमा पर बनेंगे ये 5 शुभ योग, ऐसे करें भगवान बुद्ध का पूजन, जानें शुभ मुहूर्त


Buddha Purnima Date 2024: उदया तिथि के अनुसार, बुद्ध पूर्णिमा 23 मई को ही मनाना उचित होगा। बुद्ध पूर्णिमा तिथि पर स्नान दान का समय सुबह 4:04 से लेकर सुबह 5:26 मिनट तक रहेगा।

By Sandeep Chourey

Publish Date: Tue, 21 May 2024 01:07:13 PM (IST)

Updated Date: Tue, 21 May 2024 05:36:45 PM (IST)

वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 22 मई, बुधवार को शाम 6.47 बजे शुरू होगी और इस तिथि का समापन 23 मई, गुरुवार को रात 7.22 बजे होगा।

HighLights

  1. बुद्ध पूर्णिमा तिथि को गंगा स्नान के साथ दान का भी विशेष महत्व होता है।
  2. बुद्ध पूर्णिमा पर्व भारत सहित पूरी दुनिया में पूरे उल्लास के साथ मनाया जाता है।
  3. हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार बुद्ध पूर्णिमा 23 मई, गुरुवार को मनाई जाएगी।

धर्म डेस्क, इंदौर। Buddha Purnima Kab Hai: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाती है। धार्मिक मान्यता है कि इस तिथि को ही भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था। बुद्ध पूर्णिमा तिथि को गंगा स्नान के साथ दान का भी विशेष महत्व होता है। बुद्ध पूर्णिमा पर्व भारत सहित पूरी दुनिया में पूरे उल्लास के साथ मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार बुद्ध पूर्णिमा 23 मई, गुरुवार को मनाई जाएगी।

भगवान बुद्ध की पूजा का शुभ मुहूर्त (Buddha Purnima Subh Muhurat)

पंडित हर्षित मोहन शर्मा के मुताबिक, इस साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 22 मई, बुधवार को शाम 6.47 बजे शुरू होगी और इस तिथि का समापन 23 मई, गुरुवार को रात 7.22 बजे होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, बुद्ध पूर्णिमा 23 मई को ही मनाना उचित होगा। बुद्ध पूर्णिमा तिथि पर स्नान दान का समय सुबह 4:04 से लेकर सुबह 5:26 मिनट तक रहेगा।

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बुद्ध पूर्णिमा पर बनेंगे ये 5 शुभ योग (Buddha Purnima Shubh Yog)

  • सर्वार्थ सिद्धि योग
  • शिव योग
  • शुक्रादित्य योग
  • राजभंग योग
  • गजलक्ष्मी राजयोग

सर्वार्थ सिद्धि योग का मुहूर्त

बुद्ध पूर्णिमा पर सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 9.15 बजे से 24 मई को सुबह 5.26 बजे तक रहेगा।

शिव योग का मुहूर्त

शिव योग दोपहर 12.12 बजे से 24 मई को सुबह 11.22 बजे तक रहेगा।

ऐसे करें भगवान बुद्ध का पूजन

  • सुबह जल्दी स्नान के बाद सूर्यदेव को अर्घ्य दें।
  • बहते जल में तिल प्रवाहित करके पीपल को जल अर्पित करें।
  • शनिदेव की तेल, तिल और दीप आदि जलाकर पूजा करें।
  • शनि चालीसा का पाठ भी करना चाहिए।
  • शनि मंत्रों का जाप करने से शनि दोष दूर होता है।
  • गरीबों व जरूरतमंदों को दान-दक्षिणा भी देना चाहिए।

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    कई मीडिया संस्थानों में कार्य करने का करीब दो दशक का अनुभव। करियर की शुरुआत आकाशवाणी केंद्र खंडवा से हुई। महाराष्ट्र में फील्ड रिपोर्टिंग, भोपाल दूरदर्शन, ETV न्यूज़ सहित कुछ रीजनल न्यूज चैनल में काम करके इलेक्



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