ज्येष्ठ माह का पहला प्रदोष व्रत 4 जून, मंगलवार को रखा जाएगा। यदि यह व्रत मंगलवार के दिन पड़ रहा है, इसके कारण इसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है।
By Ekta Sharma
Publish Date: Thu, 30 May 2024 12:06:08 PM (IST)
Updated Date: Thu, 30 May 2024 12:06:08 PM (IST)
HighLights
- भौम प्रदोष व्रत पूजा मुहूर्त शाम 5.44 बजे से रात 8.21 बजे तक रहेगा।
- भौम प्रदोष के दिन पति-पत्नी को शिव-पार्वती की पूजा करनी चाहिए।
- ज्येष्ठ माह का पहला प्रदोष व्रत मंगलवार के दिन पड़ रहा है।
धर्म डेस्क, इंदौर। Bhaum Pradosh Vrat 2024: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा करने से वैवाहिक जीवन खुशहाल बना रहता है। आइए, जानते हैं कि जून महीने के पहले प्रदोष व्रत के दौरान किस तरह पूजा करने से भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 3 जून को रात्रि 10 बजकर 48 मिनट पर हो रहा है। साथ ही यह तिथि 4 जून को रात्रि 8 बजकर 31 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में ज्येष्ठ माह का पहला प्रदोष व्रत 4 जून, मंगलवार को रखा जाएगा। यदि यह व्रत मंगलवार के दिन पड़ रहा है, इसके कारण इसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है। भौम प्रदोष व्रत पूजा मुहूर्त शाम 5.44 बजे से रात 8.21 बजे तक रहेगा।
वैवाहिक जीवन में आएंगी खुशियां
ज्येष्ठ माह में आने वाले भौम प्रदोष के दिन पति-पत्नी को विधि-विधान से शिव-पार्वती की पूजा करनी चाहिए और अपने वैवाहिक जीवन के लिए प्रार्थना करनी चाहिए। ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में आने वाली परेशानियों से मुक्ति मिलती है।
विवाह में देरी होने पर
यदि किसी व्यक्ति के विवाह में देरी हो रही है, तो ऐसी स्थिति में प्रदोष व्रत के दिन तांबे के लोटे में जल लें और उसमें एक बेलपत्र, कुछ हरे मूंग और गुड़ डालें। अब इस जल को शिवलिंग पर चढ़ाएं। इस प्रकार से शीघ्र ही विवाह के योग बनने लगते हैं।
परिवार की तरक्की के लिए
प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर सबसे पहले स्नान आदि कर लें। इसके बाद सूर्य स्तोत्र का पाठ करें और उन्हें जल अर्पित करें। ऐसा करने से परिवार का हर सदस्य तरक्की की ओर बढ़ता है। इतना ही नहीं, भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा हमेशा बनी रहती है।
डिसक्लेमर
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