‘बड़ा मंगल’ पर दान-पुण्य करने के साथ महाबली हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए लाल रंग का चोला जरूर चढ़ाना चाहिए।
By Sandeep Chourey
Publish Date: Sat, 25 May 2024 10:54:04 AM (IST)
Updated Date: Sat, 25 May 2024 10:54:23 AM (IST)
HighLights
- हिंदू धर्म में घी को शुद्धता का प्रतीक माना जाता है।
- किसी भी पूजा में घी का दीपक जलाने या यज्ञ के दौरान घी की आहुति देने का विशेष महत्व होता है।
- पूजा-पाठ में घी विशेष रूप से शामिल किया जाता है।
धर्म डेस्क, इंदौर। हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह में जितने भी मंगलवार आते हैं, उन्हें ‘बड़ा मंगल’ कहा जाता है। इसका विशेष धार्मिक महत्व होता है और इस दिन महाबली हनुमान की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि ‘बड़ा मंगल’ पर हनुमान जी की पूजा करने से भक्तों को जीवन में सुख, शांति और समृद्धि मिलती है। साथ ही यह भी धार्मिक विश्वास है कि बजरंगबली की पूजा करने से प्रभु श्रीराम प्रसन्न होते हैं। पंडित हर्षित मोहन शर्मा के मुताबिक, ‘बड़ा मंगल’ पर हनुमान जी के वृद्ध स्वरूप की पूजा की जाती है और इस खास दिन 3 चीजों का दान जरूर करना चाहिए।
गरीबों को करें शुद्ध घी का दान
हिंदू धर्म में घी को शुद्धता का प्रतीक माना जाता है। किसी भी पूजा में घी का दीपक जलाने या यज्ञ के दौरान घी की आहुति देने का विशेष महत्व होता है। पूजा-पाठ में घी विशेष रूप से शामिल किया जाता है। ऐसे में ‘बड़ा मंगल’ पर गरीबों या जरूरतमंद लोगों को घी का दान जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से जीवन में उन्नति आती है। परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
हनुमान जी को चढ़ाएं चोला
‘बड़ा मंगल’ पर दान-पुण्य करने के साथ महाबली हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए लाल रंग का चोला जरूर चढ़ाना चाहिए। इसके अलावा गरीबों को लाल रंग के कपड़े भी जरूर दान करना चाहिए। ऐसा करने में विवाह में आ रही बाधा दूर होती है और नौकरी में किसी भी तरह की परेशानी नहीं आती है।
गुड़ का दान
‘बड़ा मंगल’ पर गुड़ का दान करना भी शुभ माना जाता है। ऐसा करने से राम भक्तों पर भगवान राम की विशेष कृपा बनी रहती है। पौराणिक मान्यता है कि ‘बड़ा मंगल’ पर गुड़ का दान करने से कुंडली से अशुभ ग्रहों का प्रभाव खत्म हो जाता है।
डिसक्लेमर
‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’