साल में चार नवरात्र पड़ते हैं। हर तीन महीने के बाद नवरात्रि आते हैं। चैत्र माह में मनाए जाने वाले चैत्रीय नवरात्र और आश्विन माह में मनाए जाने वाले शारदीय नवरात्र कहलाते हैं। बाकी दो नवरात्र गुप्त रूप से मनाए जाते हैं। गुप्त नवरात्र तंत्र सिद्धि के लिए महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
By Ekta Sharma
Publish Date: Thu, 20 Jun 2024 09:29:04 AM (IST)
Updated Date: Thu, 20 Jun 2024 09:29:04 AM (IST)
HighLights
- नवरात्र में की जाती है शक्ति के विभिन्न रूपों की पूजा
- 10 महाविद्याओं की पूजा के लिए समर्पित गुप्त नवरात्र
- 6 से 15 जुलाई तक मनाए जाएंगे आषाढ़ गुप्त नवरात्र
धर्म डेस्क, इंदौर। Ashadha Gupt Navratri 2024: नवरात्र पर्व देवी दुर्गा को समर्पित होता है। आषाढ़ माह में गुप्त नवरात्र पर्व मनाया जाता है। यह तंत्र सिद्धि और मां दुर्गा का आशीर्वाद पाने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इस वर्ष आषाढ़ गुप्त नवरात्र 6 जुलाई 2024 दिन शनिवार से प्रारंभ होंगे। गुप्त नवरात्र में मां दुर्गा के सभी स्वरूपों की गुप्त रूप से पूजा की जाती है। माना जाता है कि नवरात्र के नौ दिनों में व्रत रखा जाए और विधि-विधान से मां दुर्गा की पूजा की जाए, तो माता की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
कब से शुरू होंगे आषाढ़ गुप्त नवरात्र?
इस बार आषाढ़ गुप्त नवरात्र 6 जुलाई शनिवार से शुरू होंगे जो की 15 जुलाई सोमवार तक रहेंगे। इस बार गुप्त नवरात्र पूरे 10 दिनों के होंगे। चतुर्थी तिथि की वृद्धि होने के कारण नवरात्र 10 दिन रहेंगे।
महाविद्या की पूजा के लिए समर्पित गुप्त नवरात्र
मां दुर्गा की पूजा के कई नियम होते हैं और इन नियमों का पालन जरूर किया जाना चाहिए। साल में चार बार नवरात्र पर्व मनाया जाता है, जिनमें से दो नवरात्र गुप्त होते हैं। गुप्त नवरात्र माघ माह और आषाढ़ माह में आते हैं। कहा जाता है कि इस गुप्त नवरात्र में मां दुर्गा की आराधना करने से 10 महाविद्याओं की सिद्धि प्राप्त हो सकती है।
देवी काली, देवी ललिता, देवी मां भुवनेश्वरी, देवी तारा, देवी भैरवी, देवी ललिता, देवी मां धूमावती, देवी छिन्नमस्तिका, देवी बगलामुखी, देवी कमला और देवी मातंगी इन सभी शक्तियों की पूजा गुप्त नवरात्र में की जाएगी। मुख्य रूप से तंत्र विद्या के लोगों के लिए यह महत्वपूर्ण है। 10 महाविद्या शक्ति के 10 रूप माने जाते हैं। यह बहुत ही शक्तिशाली मानी जाती है
आषाढ़ गुप्त नवरात्र 2024
- 6 जुलाई, शनिवार- आषाढ़ गुप्त नवरात्र की शुरूआत, देवी शैलपुत्री की पूजा।
- 7 जुलाई, रविवार- गुप्त नवरात्र का दूसरा दिन, देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा।
- 8 जुलाई, सोमवार- गुप्त नवरात्र का तीसरा दिन, देवी चंद्रघंटा की पूजा।
- 9 जुलाई, मंगलवार- गुप्त नवरात्र का चतुर्थी चौथा दिन, देवी कूष्मांडा की पूजा।
- 10 जुलाई, बुधवार- गुप्त नवरात्र की चतुर्थी तिथि।
- 11 जुलाई, गुरुवार- गुप्त नवरात्र का पांचवां दिन, देवी स्कंदमाता की पूजा।
- 12 जुलाई, शुक्रवार- गुप्त नवरात्र का छटवां दिन, देवी कात्ययानी की पूजा।
- 13 जुलाई, शनिवार- गुप्त नवरात्र का सातवां दिन, देवी कालरात्रि की पूजा।
- 14 जुलाई, रविवार- गुप्त नवरात्र की अष्टमी तिथि, देवी महागौरी की पूजा।
- 15 जुलाई, सोमवार- गुप्त नवरात्र का अंतिम दिन, देवी सिद्धिदात्री की पूजा।
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