अक्षय तृतीया का दिन बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस दिन सोना खरीदने की परंपरा है, साथ ही सभी तरह के शुभ कार्य बिना मुहूर्त देखे किए जाते हैं।
By Ekta Sharma
Publish Date: Mon, 06 May 2024 04:27:56 PM (IST)
Updated Date: Mon, 06 May 2024 04:27:56 PM (IST)
HighLights
- इस दिन देवी लक्ष्मी, भगवान विष्णु और कुबेर देव की पूजा करने की परंपरा है।
- इस वर्ष यह पर्व 10 मई 2024 को मनाया जाएगा।
- फल, मिठाई, मखाने की खीर आदि का भगवान को भोग लगाएं।
धर्म डेस्क, इंदौर। Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया हिंदुओं का प्रमुख त्योहार माना जाता है। यह दिन सभी मांगलिक कार्यों के लिए शुभ माना जाता है। लोग इसे आखातीज के भी कहते हैं। इस दिन देवी लक्ष्मी, भगवान विष्णु और कुबेर देव की पूजा करने की परंपरा है। अक्षय तृतीया वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। इस वर्ष यह पर्व 10 मई 2024 को मनाया जाएगा।
अक्षय तृतीया का महत्व
अक्षय तृतीया पूजा का मुहूर्त सुबह 5.13 बजे से 11.43 बजे तक रहेगा। अक्षय तृतीया का दिन बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस दिन सोना खरीदने की परंपरा है, साथ ही सभी तरह के शुभ कार्य बिना मुहूर्त देखे किए जाते हैं। कहा जाता है कि इस दिन किसी भी तरह के धार्मिक कार्य किए जाए, तो पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। यह दिन सोना, चांदी और आभूषणों की खरीदारी के लिए भी शुभ माना जाता है। इससे जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
अक्षय तृतीया पूजा विधि
- इस दिन सुबह उठकर पवित्र स्नान करें और मंदिर की साफ-सफाई करें।
- अब एक चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाएं।
- इसके बाद चौकी पर माता लक्ष्मी, भगवान विष्णु, गणेश जी और कुबेर देव की मूर्ति स्थापित करें।
- मूर्ति को गंगाजल से साफ करें।
- चंदन कुमकुम का तिलक लगाएं और पूजा करें।
- फूलों की माला चढ़ाएं।
- अक्षत, दूर्वा, सुपारी, पान, नारियल आदि चढ़ाएं।
- फल, मिठाई, मखाने की खीर आदि का भगवान को भोग लगाएं।
- इस दिन पूजा के दौरान कनकधारा स्तोत्र, विष्णु नामावली, कुबेर चालीसा, गणेश चालीसा का पाठ करना चाहिए।
- आरती के साथ पूजा समाप्त करें।
डिसक्लेमर
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