व्यक्ति के स्वास्थ्य मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का बेहतर होना बेहद आवश्यक होता है। यदि व्यक्ति का शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर हो और उसका मानसिक में किसी तरह की समस्या हो तो उसको स्वस्थ नहीं माना जाता है। मानसिक स्वास्थ्य में ब्रेन की अहम भूमिका होती है। व्यक्ति का ब्रेन शरीर का सबसे जटिल और महत्वपूर्ण अंग होता है। कई तरह की समस्याएं, बीमारियां और कारक ब्रेन के फंक्शन को प्रभावित कर सकती हैं। इनमें वायरस के संक्रमण को भी शामिल किया जाता है। कुछ खतरनाक वायरस ब्रेन की कोशिकाओं और नर्वस सिस्टम पर गहरा प्रभाव डालते हैं, जिससे ब्रेन के कार्य में बाधा उत्पन्न हो सकती है। इस लेख में नारायणा अस्पताल के इंंटरनल मेडिसिन सीनियर कंसल्टेंट डॉ. गौरव जैन से जानते हैं कि उन वायरस के बारे में, जो आपके ब्रेन फंक्शन को प्रभावित कर सकते हैं।
आपके ब्रेन को प्रभावित कर सकते हैं ये वायरस – Viruses That Can Affect Brain Function In Hindi
जिका वायरस (Zika Virus)
जिका वायरस व्यक्ति में मच्छर के काटने से फैलता है। यह वायरस प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को संक्रमित कर सकता है। प्रेग्नेंसी के दौरान जिका वायरस से संक्रमित महिला के बच्चे के ब्रेन के डवलपमेंट प्रभावित हो सकता है। इस वजह से बच्चे को माइक्रोसेफाली (Microcephaly) डिसऑर्डर होने की सभावना बढ़ जाती है।
रेबीज वायरस (Rabies Virus)
रेबीज एक गंभीर वायरल संक्रमण है, जो आमतौर पर किसी संक्रमित जानवर के काटने से फैलता है। यह वायरस ब्रेन और रीढ़ की हड्डी को नुकसान पहुंचाता है, जिससे न्यूरोलॉजिकल समस्याएं हो सकती हैं। रेबीज इंफेक्शन के दौरान व्यक्ति को कंफ्यूजन, जलन, व्यवहार में बदलाव होता है। यह वायरस ब्रेन के न्यूरॉन्स को डैमेज कर सकते हैं।
हर्पीस सिम्पलेक्स वायरस (Herpes Simplex Virus – HSV)
हर्पीस सिम्पलेक्स वायरस ब्रेन के टिश्यू में सूजन पैदा कर सकता है, जिसे एन्सेफलाइटिस (Encephalitis) कहते हैं। यह वायरस आमतौर पर दो प्रकार के होते हैं, जिसमें HSV-1 और HSV-2 को शामिल किया जाता है। यह होंठ और जननांगों पर हर्पीस संक्रमण कर सकता है। यदि, यह वायरस ब्रेन में प्रेवश करता है तो इससे ब्रेन सेल्स डैमेज हो सकते हैं।
एंटरोवायरस (Enterovirus)
एंटरोवायरस संक्रमण मुख्य रूप से बच्चों को प्रभावित करता है। यह वायरस ब्रेन और रीढ़ की हड्डी में सूजन का कारण बन सकता है। एंटरोवायरस ई 71 (EV71) विशेष रूप से गंभीर संक्रमण का कारण बनता है, जिससे एन्सेफलाइटिस और पोलियो जैसी नर्वस सिस्टम से जुड़ी समस्याएं हो सकती है। इसके गंभीर मामलों में लकवा (Paralysis) भी हो सकता है।
वेस्ट नाइल वायरस (West Nile Virus)
वेस्ट नाइल वायरस मुख्य रूप से संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलता है और यह वायरस भी ब्रेन और रीढ़ की हड्डी को प्रभावित कर सूजन का कारण बन सकता है। इससे व्यक्ति को मेनिन्जाइटिस जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है।
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इस तरह के वायरस ब्रेन के फंक्शन और उसके विकास को प्रभावित कर सकते हैं। इनमें से कुछ वायस को तुरंत इलाज की आवश्यकता होती है। वहीं कुछ वायरस से बचने के लिए आप पहले से ही वैक्सीन के इंजेक्शन ले सकते हैं। इनके लक्षणों को अनदेखा नहीं करना चाहिए। ऐसे में आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।