विन्यास योग को फ्लो योगा के रूप में भी जाना जाता है। इसमें किसी एक मुद्रा में स्थिर रहने की जगह मुद्राओं को एक-एक कर बदला जाता है। चलिए जानते हैं इस महत्वपूर्ण योगाभ्यास के बारे में सब कुछ।
तन और मन को संतुलित रखने के लिए योग एक बेहतरीन उपाय है। इसे नियमित तौर पर करने सेस्टिफनेस और दर्द को कम करके पोश्चर में सुधार लाने में मदद मिलती है। योग में सबसे महत्वपूर्ण हैं सांस पर नियंत्रण बनाए रखना। ताकि योगासनों को परफॉर्म करने में असुविधा न हो। योग की सबसे प्रभावी क्रियाओं में से एक है विन्यास योग। यह आपकी फिजिकल और मेंटल हेल्थ को बूस्ट करने में मददगार है। विन्यास योग की खास बात यह है कि यह सांस पर नियंत्रण बनाकर आपको एनर्जेटिक बनाए रखता है। चलिए जानते हैं इस महत्वपूर्ण योगाभ्यास के बारे में सब कुछ।
विन्यास योग किसे कहते हैं (What is Vinyasa yoga)
योग प्रशिक्षक एंव फिजियोथेरेपिस्ट डॉ गरिमा भाटिया कहती हैं, “विन्यास योग को फ्लो योगा के रूप में भी जाना जाता है। इसमें किसी एक मुद्रा में स्थिर रहने की जगह मुद्राओं को एक-एक कर बदला जाता है। इन योग मुद्राओं के दौरान सांस पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित किया जाता है। यह मेंटल हेल्थ को बूस्ट करता है, जिससे एकाग्रता, फोकस और सीखने की क्षमता बढ़ने लगती है। यह आपके शरीर को पहले से अधिक लचीला बनाए रखता है।
हठ योग के समान विन्यास योग भी योग क्रियाओं का एक समूह है। इसे नियमित तौर पर करने से शरीर में हल्कापन महसूस होता है और दिमाग शांत होने लगता है। सांस को लेने और छोड़ने की इस प्रक्रिया को कई योगासनों के माध्यम से पूर्ण किया जाता है। वे लोग जो पूरी तरह से शारीरिक रूप से फिट है, उन्हें इस योग को करने की सलाह दी जाती है। इसमें कई स्टेज होती है, जो समय समय पर अपग्रेड होती रहती है। हृदय रोगी और हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों को इस योग को करने से बचना चाहिए।
जानते हैं विन्यास योग के फायदे (Benefits of Vinyasa yoga)
1. शरीर के पोश्चर में सुधार करता है
लंबे वक्त तक काम करने से शरीर के अंगों में बदलावा आने लगता है और शरीर का पोश्चर बिगड़ने लगता है। इससे शरीर को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इससे बचने के लिए विन्यास योग का नियमित अभ्यास आवश्यक है। इससे शरीर हेल्दी और एक्टिव बना रहता है।
2. कार्यक्षमता में बढ़ोतरी होती है
वे लोग जो थोड़ी दूरी पर चलकर या काम करने से थकान का अनुभव करते हैं, उन्हें विन्यास योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए है। सूर्य नमस्कार के कुछ योगासनों को मिलाकर किए जाने वाले विन्यास योग में हठ योग के समान कुछ वक्त रूककर योगासनों को करने की जगह एक ही लय में सभी योग मुद्राओं का अभ्यास किया जाता है। इससे शरीर का स्टेमिना बिल्ढ होने लगता है।
3. ब्लड सर्कुलेशन सुचारू होता है
विभिन्न योगासनों का अभ्यास करने से शरीर में रक्त का प्रवाह नियमित हो जाता है। इससे शरीर में बढ़ने वाली ऐंठन और दर्द की समस्या से मुक्ति मिल जाती है। इसके अलावा हृदय संबधी समस्याओं को दूर करने में मदद मिलती है। योगासनों के दौरान मसल्स स्ट्रेच और कंप्रेस होने लगती हैं, जिससे ब्लड सर्कुलेटरी सिस्टम को स्टीम्यूलेट करने में मदद मिल जाती है।
4. एंग्ज़ाइटी और तनाव को दूर करता है
देर तक दिमाग में एक ही बात को सोचने के चलते मेंटल हेल्थ प्रभावित होने लगती है। इससे डिप्रेशन को खतरा और तनाव का स्तर बढ़ने लगता है, जिससे मेमोरी लॉस की संभावना बढ़ जाती है। विन्यास योग की मदद से देर तक एक ही योग प्रक्रिया को दोहराने से मानिसक स्वास्थ्य को मज़बूती मिलती है और याद रखने की क्षमता में भी सुधार आने लगता है।
जानें कैसे करें विन्यास योग (How to practice Vinyasa Yoga)
विन्यास योग में चार योगासनों को शामिल किया जाता है। इसे मिनी सन सेल्यूटेशन यानि सूर्य नमस्कार कहा जाता है। मगर इसकी शुरूआत ताड़ासन की जगह प्लैंक पोज़ से की जाती है।
1. कुंभकासन (Plank pose)
शरीर की मांसपेशियों को मज़बूती प्रदान करने के लिए किए जाने वाले कुंभकासन को नियमित रूप से करने से बेहद फायदा मिलता है। इसे करने के लिए पेट के बल लेट जाएं और फिर प्लैंक्स करने के समान दोनों हाथों को कंधों के पास जमीन पर टिका लें। अब आगे से शरीर को उपर की ओर उठाएं और पैरों की उंगलियों पर शरीर को बैलेंस करें। इससे शरीर में बढ़ने वाली स्टिफनेस से राहत मिलती है। 30 सेकण्ड तक इसी पोज़िशन में रहने के बाद पेट के बल लेट जाएं।
2. अष्टांग नमस्कार (Knee chest chin pose)
इस योगाभ्यास के दौरान किया जाने वाला अष्टांग नमस्कार बेहद फायदेमंद है। इसे करने के लिए अधोमुखशवासन और उत्थिता चतुरंग दंडासन का हयिस किया जाता है। अष्टांग नमस्कार करने के लिए पेट के बल जमीन पर लेट जाएं। अब दोनों हाथों को जमीन पर टिकाकर रखें। इसके बाद गर्दन और चिन को जमीन से छुएं। इसके बाद हिप्स को उपर की ओर उठाएं और घुटनों को जमीन से छूते हुए उंगलियों के बल पर खड़े हो जाएं।
3. भुजंगासन (Cobra pose)
सूर्य नमस्कार की साइकिल के दौरान भुजगासन को भी किया जाता है। इस योगासन को करने के लिए पेट के बल जमीन पर लेट जाएं। अब शरीर के उपरी हिस्से को उपर की ओर उठाएं और गर्दन को पीछे लेकर जाएं। अब दोनों कोहनियों को सीधा करें और बाजूओं को सीधा करके जमीन पर चिपका लें। इसके बाद दोनों टांगों के मध्य दूरी बनाए रखें और उन्हें जमीन पर टिकाएं।
4. अधोमुख शवासन
मेंटल हेल्थ को बूस्ट करने के लिए अधोमुख शवासन का अभ्यास नियिंमत तौर पर करना चाहिए। इसे करने के लिए मैट पर सीधे खड़े रहें और दोनों पैरों के मध्य दूरी बनाकर रखें। इसके बाद शरीर को कमर से असागे की ओर झुकाएं और दोनों हाथों को जमीन पर रखें। इस दौरान टांगों और बाजूओं में गैप बनाकर रहें। इसे करने के बाद शरीर को वी का आकार दें।
इस बारे में डॉ गरिमा भाटिया का कहना है कि विन्यास योग को सुबह करने के अलावा शाम के वक्त भी किया जा सकता है। इससे शरीर एक्टिव बना रहता है और शरीर कई समस्याओं से बचा रहता है। इससे शरीर में बढ़ने वाली थकान दूर हो जाती है और दिनभर की दौड़भाग के बाद माइंड रिलैक्स होने लगता है।
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