नई दिल्ली20 मिनट पहले
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अक्टूबर में UPI (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) के जरिए 1,658 करोड़ ट्रांजैक्शन हुए। इस दौरान टोटल 2,350 लाख करोड़ रुपए की राशि ट्रांसफर की गई। पिछले साल अक्टूबर के मुकाबले ट्रांजैक्शन की संख्या में 45% की बढ़ोतरी हुई है।
अक्टूबर 2023 में UPI के जरिए 1,141 करोड़ ट्रांजैक्शन हुए थे और इसके जरिए 17.16 लाख करोड़ रुपए की राशि ट्रांसफर की गई थी। एक साल में ट्रांजैक्शन की यह राशि 37% बढ़ी है।
अक्टूबर 2024 में डेली एवरेज ट्रांजैक्शन की बात करें को यह 53 करोड़ 50 लाख रहा और रोजाना औसतन 75,801 करोड़ रुपए की राशि ट्रांसफर की गई।
सितंबर की तुलना में 10.23% बढ़ा UPI ट्रांजैक्शन वहीं, पिछले महीने (सितंबर 2024) की तुलना में ट्रांजैक्शन की संख्या में 10.23% की बढ़ोतरी हुई है। जबकि ट्रांसफर की गई राशि में 13.85% की बढ़ोतरी हुई है।
सितंबर 2024 में UPI के जरिए 1,504 करोड़ ट्रांजैक्शन हुए और इसके जरिए 20.64 लाख करोड़ की राशि ट्रांसफर की गई।
UPI को रेगुलेट करने वाली संस्था नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने आज (1 नवंबर) को ट्रांजैक्शन के आंकड़े जारी किए।
2017-18 में 2,071 करोड़ डिजिटल ट्रांजैक्शन हुए थे
वित्त वर्ष 2024-25 के पहले पांच महीनों (अप्रैल-अगस्त) में 8,659 करोड़ डिजिटल पेमेंट्स हुए और इनके जरिए टोटल 1,669 लाख करोड़ रुपए की राशि ट्रांसफर की गई।
वित्त वर्ष 2017-18 में 2,071 करोड़ डिजिटल ट्रांजैक्शन हुए थे और इनसे 1,962 लाख करोड़ रुपए की राशि ट्रांसफर की गई। ट्रांजैक्शन की संख्या में इस दौरान करीब 9 गुना की बढ़ोतरी हुई है।
UPI को NCPI ऑपरेट करता है
भारत में RTGS और NEFT पेमेंट सिस्टम का ऑपरेशन RBI के पास है। IMPS, RuPay, UPI जैसे सिस्टम को नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ऑपरेट करती है। सरकार ने 1 जनवरी 2020 से UPI ट्रांजैक्शन के लिए एक जीरो-चार्ज फ्रेमवर्क मैंडेटरी किया था।
UPI कैसे काम करता है?
UPI सर्विस के लिए आपको एक वर्चुअल पेमेंट एड्रेस तैयार करना होता है। इसके बाद इसे बैंक अकाउंट से लिंक करना होगा। इसके बाद आपका बैंक अकाउंट नंबर, बैंक का नाम या IFSC कोड आदि याद रखने की जरूरत नहीं होती। पेमेंट करने वाला बस आपके मोबाइल नंबर के हिसाब से पेमेंट रिक्वेस्ट प्रोसेस करता है।
अगर, आपके पास उसका UPI आईडी (ई-मेल आईडी, मोबाइल नंबर या आधार नंबर) है तो आप अपने स्मार्टफोन के जरिए आसानी से पैसा भेज सकते हैं। न सिर्फ पैसा बल्कि यूटिलिटी बिल पेमेंट, ऑनलाइन शॉपिंग, खरीदारी आदि के लिए नेट बैंकिंग, क्रेडिट या डेबिट कार्ड भी जरूरत नहीं होगी। ये सभी काम आप यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस सिस्टम से कर सकते हैं।
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वित्त वर्ष 2024-25 के पहले पांच महीनों (अप्रैल-अगस्त) में 8,659 करोड़ डिजिटल पेमेंट्स हुए और इनके जरिए टोटल 1,669 लाख करोड़ रुपए की राशि ट्रांसफर की गई। वित्त वर्ष 2017-18 में 2,071 करोड़ डिजिटल ट्रांजैक्शन हुए थे और इनसे 1,962 लाख करोड़ रुपए की राशि ट्रांसफर की गई।
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