फिलिस्तीन की संयुक्त राष्ट्र में शामिल होने के संबंध में UNGA प्रस्ताव
स्रोत: द हिंदू
संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly- UNGA) ने फिलिस्तीन को नए “अधिकार और विशेषाधिकार” देने वाले प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया तथा सुरक्षा परिषद (Security Council) से संयुक्त राष्ट्र का 194वाँ सदस्य बनने के उसके अनुरोध पर पुनर्विचार करने का आह्वान किया।
- प्रस्ताव “निर्धारित” करता है कि फिलिस्तीन राज्य सदस्यता के लिये योग्य है और सुरक्षा परिषद को उसके अनुरोध पर “अनुकूल रूप से” पुनर्विचार करने की सिफारिश करता है।
- प्रस्ताव फिलिस्तीन को सभी मुद्दों पर प्रस्तावित एजेंडा मदों (items) पर बोलने और संयुक्त राष्ट्र एवं अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लेने का अधिकार देता है, लेकिन यह स्पष्ट रूप से कहता है कि फिलिस्तीन को महासभा में वोट देने का अधिकार नहीं है।
- भारत ने फिलिस्तीन को संयुक्त राष्ट्र की पूर्ण सदस्यता की सिफारिश करने वाले संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया।
- अमेरिका के विरोध के बावज़ूद, प्रस्ताव के पक्ष में 143 वोट मिले, जो संयुक्त राष्ट्र के भीतर फिलिस्तीन की स्थिति के उन्नयन के लिये वैश्विक दबाव का संकेत है।
- फिलिस्तीनी ने पहली बार 2011 में संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता के लिये आवेदन दिया था, जो सुरक्षा परिषद में आवश्यक समर्थन प्राप्त करने में विफल रहा।
- इसके बाद, महासभा ने 2012 में फिलिस्तीन की स्थिति को एक गैर-सदस्य पर्यवेक्षक राज्य में अपग्रेड कर दिया, जिससे अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में भागीदारी की अनुमति मिल गई।
- संयुक्त राष्ट्र में पूर्ण फिलिस्तीनी सदस्यता के लिये नए सिरे से दबाव तब आया है जब गाज़ा में युद्ध ने 75 साल से अधिक पुराने इज़रायली-फिलिस्तीनी संघर्ष पुनः उजागर कर दिया है।
और पढ़ें: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार