How To Control Hyperthyroidism: थायराइड लाइफस्टाइल से जुड़ी समस्या है। यह समस्या व्यक्ति को तब होती है जब उसके शरीर में थायराइड हार्मोन असंतुलित हो जाता है। दरअसल, हमारी गर्दन के निचले हिस्से में थायराइड ग्लैंड मौजूद होता है। थायराइड ग्लैंड में थायरॉक्सिन हार्मोन्स बनता है, जो बॉडी में मेटाबोलिक एक्टिविटीज बैलेंस करने में मदद करता है। जब शरीर में थायरॉक्सिन हार्मोन्स कम या ज्यादा हो जाता है, तो ऐसे में हमें थायराइड हो सकता है। अगर थायराइड हार्मोन कम बनता है तो ऐसे में व्यक्ति को हाइपोथायरायडिज्म हो सकता है। वहीं जरूरत से ज्यादा हार्मोन रिलीज होने पर हाइपरथायराइडिज्म हो सकता है। हाइपरथायराइडिज्म होने पर व्यक्ति का वजन कम होने लगता है, सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। इसके अलावा, छाती में दर्द शुरू होता है और हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। लेकिन अगर डाइट और लाइफस्टाइल को बैलेंस रखा जाए, तो इसे कंट्रोल किया जा सकता सकता है।
इस बात का उदाहरण है कात्यायनी तिवारी की कहानी। कात्यायनी बताती हैं कि उन्होंने कोविड के दौरान कुछ महिनों में ही हाइपरथायराइडिज्म को कंट्रोल किया है। इसके लिए उन्होंने हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो किया जिससे उन्हें काफी मदद मिली। इससे कात्यायनी अपना वेट भी मेंटेन कर पाई और उनके हेल्थ इशुज भी कम हुए। आइये ओनलीमायहेल्थ की स्पेशल सीरीज ‘बीमारी और डाइट’ में जानें हाइपरथायराइडिज्म क्या है? साथ ही, जानें डाइट में बदलाव करके इस बीमारी को कैसे कंट्रोल किया जा सकता है। इस लेख में हम कात्यायनी की कहानी को विस्तार से समझेंगे। चलिए कात्यायनी से ही जानें उन्होंने कैसे हाइपरथायराइडिज्म को कंट्रोल किया है।
पहले जानें क्या है हाइपरथायराइडिज्म- What Is Hyperthyroidism
अगर आपके शरीर में थायराइड हार्मोन असंतुलित हो जाता है, तो आपको हाइपरथायराइडिज्म हो सकता है। ऐसे में थायराइड ग्लैंड थायराइड हार्मोन ज्यादा रिलीज करने लगता है। हाइपरथायराइडिज्म होने पर व्यक्ति का वजन कम होने लगता है, उसे सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। हर वक्त कमजोरी और थकावट जैसा महसूस होने लगता है। इसके अलावा, छाती में दर्द और हड्डियों में कमजोर जैसी परेशानियां होने लगती हैं।
आइए अब कात्यायनी से जानें उन्होंने हाइपरथायराइडिज्म को कैसे कंट्रोल किया-
हाइपरथायराइडिज्म के कारण आपको क्या-क्या परेशानियां होती थी?
कात्यायनी बताती हैं “हाइपरथायराइडिज्म होने की वजह से मेरा वजन लगातार कम होता जा रहा था। मैं कभी-कभी थकावट और कमजोरी भी महसूस करती थी। इसकी वजह से कई बार स्ट्रेस भी हो जाता था। मुझे हड्डियों की कमजोरी भी महसूस होती थी। थायराइड मुझे कम उम्र में ही हो गया था, लेकिन उम्र बढ़ने के साथ परेशानियां बढ़ रही थी।”
इसे भी पढ़ें- बीमारी और डाइट: हाइपरथायराइडिज्म के रोगी फॉलो करें 7 दिनों का ये खास डाइट प्लान, कंट्रोल रहेंगे हार्मोन्स
आपने अपनी हेल्थ पर काम करना कब और कैसे शुरू किया?
कात्यायनी ने बताया कि अपनी हेल्थ पर काम करना उन्होंने कोविड के दौरान शुरू किया था। क्योंकि ऐसे में बाहर की सभी चीजें खाना या कहीं भी जा पाना बंद हो गया था, तो ऐसे में हेल्दी ईटिंग पर ध्यान देना शुरू किया। कात्यायनी ने यूट्यूब की वीडियोज के जरिए जाना कि थायराइड कंट्रोल करने के लिए डाइट और योगा दोनों पर काम करना जरूरी है। इसके लिए उन्होंने मोबाइल में योगासन का ऐप डाउनलोड किया। इसके जरिए उन्होंने रोज योगा करना शुरू किया।
योगासन से आपको क्या-क्या फर्क नजर आएं?
इस प्रश्न का जवाब देते हुए कात्यायनी कहती हैं “योगासन करने के 15 दिन के अंदर ही मुझे फर्क दिखना शुरू हुए। कुछ ही महिनों में मेरा वजन बढ़ने लगा और मैं हेल्दी वेट मेंटेन कर पा रही थी। इससे मुझे पहले जितनी थकावट और कमजोरी भी महसूस नहीं होती थी। मैं पहले से ज्यादा एक्टिव और कॉन्फिडेंट महसूस करने लगी।”
इसे भी पढ़ें- बीमारी और डाइट: खान-पान में बदलाव करके रिद्धि शर्मा ने PCOD को किया कंट्रोल, 13 साल की उम्र में हुई थीं शिकार
हाइपरथायराइडिज्म कंट्रोल करने के लिए आप कैसी डाइट लेती थीं?
कात्यायनी कहती हैं कि किसी भी समस्या को खत्म करने के लिए बॉडी को अंदर से हील करना जरूरी है। एक अच्छी डाइट बॉडी डिटॉक्स करने और हेल्दी रखने दोनों में मदद करती है। हाइपरथायराइडिज्म कंट्रोल करने के लिए कात्यायनी ने इस तरह से डाइट में बदलाव किये।
- जंक और प्रोसेस्ड फूड पूरी तरह अवॉइड किया। केवल घर का हेल्दी खाना खाया।
- इस दौरान कोई भी मील स्किप नहीं किया। सभी मील रोज फिक्स टाइम पर खाना शुरू किया।
- सरसों के तेल या घी में बना खाना ही खाया। रिफाइंड प्रोडक्ट्स जैसे चीनी और मैदा को भी अवॉइड किया।
- अपनी डेली डाइट में ड्राई फ्रूट्स और फ्रेश फ्रूट्स को भी शामिल किया। इससे एक्टिव रहने में मदद मिलती थी।
- हर मील के साथ सलाद जरूर खाया। कात्यायनी इस बात का ध्यान रखती थी कि वो हर मील में बैलेंस डाइट लें।
इस लेख में हमने कात्यायनी तिवारी की कहानी से जाना कि डाइट और योगा कैसे किसी भी बीमारी को कंट्रोल करने में मददगार हो सकते हैं। हमने देखा कि लिवर हाइपरथायराइडिज्म में योगा और सही डाइट किस तरह फायदेमंद साबित हुई। इस सीरीज में ऐसी ही नई कहानी आपसे साझा करते हैं, जिसमें डाइट के जरिए किसी बीमारी को ठीक किया गया हो। इस बारे में ज्यादा जानने के लिए आप ओनलीमायहेल्थ के इंस्टाग्राम और फेसबुक पेज पर भी हमने जुड़ सकते हैं।