अगर आपको भी योनि में किसी तरह की खुजली, जलन या किसी भी तरह की समस्या होती है, तो इसे छिपाने की बजाए उपचार पर ध्यान दें। जानें कैसे करना है ट्रीट।
योनि में खुजली या जलन (Vaginal rash) महिलाओं की एक सबसे आम समस्या है। योनि (Vagina) हमारे शरीर के सबसे संवेदनशील अंगों में से एक है। इसके प्रति बरती गई छोटी सी भी लापरवाही आपको बड़ी परेशानी में डाल सकती है। पसीना, ह्यूमिडिटी, हाइजीन के प्रति ध्यान न देना आदि आपकी योनि में रैशेज का कारण बन सकते हैं। वेजाइनल रैशेज काफी परेशान करने वाले होते हैं। ज्यादातर महिलाएं योनि में होने वाली परेशानियों को छुपाए रखती हैं, वही हमेशा ढके रहने के कारण इसे वापस ठीक होने में भी ज्यादा समय लगता है। अगर आपको भी योनि में किसी तरह की खुजली, जलन या किसी भी तरह की समस्या होती है, तो इसे छिपाने की बजाए उपचार पर ध्यान दें।
हेल्थ शॉट्स ने इस विषय पर सीके बिरला हॉस्पिटल गुरुग्राम की ऑब्सटेट्रिक्स और गाइनेकोलॉजिस्ट अस्था दयाल से बात की। एक्सपर्ट ने वेजाइनल रैशेज के कारण (causes of Vaginal rashes) एवं इसके ट्रीटमेंट के कुछ प्रभावी तरीके बताए हैं। तो चलिए जानते हैं इससे जुड़ी कुछ जरूरी बातें।
जानिए क्यों योनि में जलन, खुजली या छिलने जैसा अनुभव होता है (what is vaginal rashes)
वेजाइनल रैशेज एक आम और असुविधाजनक स्थिति है जो वेजाइना, वल्वा और आस-पास के क्षेत्रों की नाजुक त्वचा को प्रभावित करती है। ये रैशेज लाल, खुजली वाले पैच से लेकर छाले और जलन तक कई रूपों में आपको प्रभावित कर सकते हैं। इसके कारणों को समझना, लक्षण को पहचानना और प्रभावी उपचार विकल्पों पर ध्यान देना वेजाइनल रैश को ट्रीट करने के लिए महत्वपूर्ण है।
यहां हैं योनि में होने वाली जलन के सामान्य कारण (causes of vaginal rashes)
1.डर्माटाइटिस: साबुन, डिटर्जेंट, वेजाइनल वॉश या यहां तक कि कुछ प्रकार के कपड़े पहनने से जलन पैदा करने वाला डर्माटाइटिस हो सकता है, जिससे योनि में खुजली, रेडनेस और अन्य असुविधा हो सकती है।
2.यीस्ट इंफेक्शन: प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले यीस्ट, कैंडिडा के अत्यधिक विकास के कारण यीस्ट संक्रमण हो सकता है, जिससे रेडनेस, इचिंग वाले दाने के साथ-साथ गाढ़ा, सफेद, पनीर जैसा डिस्चार्ज हो सकता है।
3.बैक्टीरियल वेजिनोसिस: योनि में प्राकृतिक बैक्टीरिया में असंतुलन आने से बैक्टीरियल वेजिनोसिस हो सकता है, जो भूरे-सफेद रंग के डिस्चार्ज और रेड, जलन पैदा करने वाले दाने के रूप में प्रकट हो सकता है।
4.सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डिजीज (एसटीआई): कुछ एसटीआई या एसटीडी (सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डिजीज), जैसे कि हर्पीज, सिफलिस, रैशेज और अन्य लक्षण पैदा कर सकते हैं।
5.त्वचा की स्थिति: एक्जिमा या सोरायसिस जैसी त्वचा की स्थिति भी इंटिमेट एरिया को प्रभावित कर सकती है, जिससे रैशेज और जलन हो सकते हैं।
6.मेनोपॉज: मेनोपॉज से जुड़े हार्मोनल परिवर्तन योनि की त्वचा को पतला और ड्राई कर सकते हैं, जिससे यह रैश और जलन के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाती है।
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7.हाइजीन फैक्टर: इंटिमेट एरिया की साफ सफाई पर ध्यान न देना या सेक्स के बाद अपनी वेजाइना को क्लीन न करना, वहीं पीरियड्स के दौरान पैड को लंबे समय तक लगाए रखना और हाइजीन मेंटेन न करने से भी रैशेज हो सकते हैं। यदि आपको इंटिमेट एरिया में अधिक पसीना आ रहा है और आपकी पैंटी गीली हो गई है, तो उसे लंबे समय तक पहने रहने से भी संक्रमण तथा रैशेज का खतरा बढ़ जाता है।
जानें वेजाइनल रैशेज के कॉमन लक्षण (symptoms of vaginal rashes)
रेडनेस और इरीटेशन
खुजली
स्वेलिंग
वेजाइनल डिस्चार्ज
पेशाब करने में दर्द और जलन होना
इंटरकोर्स के दौरान दर्द होना
वेजाइनल स्किन में बदलाव नजर आना
वेजाइनल स्किन का सेंसिटिव होना
योनि में होने वाली जलन, खुजली और इंफेक्शन के लिए आजमाएं ये उपाय (How to deal with vaginal rashes)
1.माइल्ड क्लींजर का इस्तेमाल करें: हल्के, फ्रेगनेंस फ्री साबुन या क्लींजर का उपयोग करें और प्रभावित क्षेत्र को धोते समय हल्के हाथों से साफ करें, इसे रगड़ने से बचें।
2.प्रोबायोटिक्स: प्रोबायोटिक युक्त खाद्य पदार्थ या सप्लीमेंट का सेवन वेजाइनल माइक्रोबायोम के प्राकृतिक संतुलन को बनाए रखने में आपकी मदद कर सकता है।
3.एलोवेरा: प्रभावित क्षेत्र पर फ्रेश एलोवेरा जेल की एक पतली परत लगाएं, इससे ठंडक और राहत मिल सकती है।
4.ओटमील: नहाने के पानी में ओटमील मिलाने से सूजन और खुजली को कम करने में मदद मिल सकती है। नियमित रूप से ओटमील बाथ लें।
5.नारियल तेल: नारियल तेल के एंटीबैक्टीरियल और मॉइस्चराइजिंग गुण रैशेज को शांत करने और इन्हे हिल होने में मदद कर सकते हैं। नारियल तेल अप्लाई करने के बाद इसे कुछ देर छोड़ दें, उसके बाद इसे साफ कर लें।
6.जलन पैदा करने वाले पदार्थों से बचें: यदि आप रैशेज को जल्द से जल्द हिल करना चाहती हैं, तो जलन को रोकने के लिए सुगंधित उत्पादों, कठोर साबुन और टाइट-फिटिंग कपड़ों से दूर रहें। इसके अलावा अधिक मसालेदार खाद्य पदार्थों का सेवन न करें, इनसे जलन हो सकती है।
7.कॉटन के ढीले कपड़े पहनें: हवा के प्रवाह को बढ़ावा देने और नमी के निर्माण को रोकने के लिए ढीले, सूती अंडरवियर और कपड़े चुनें। वहीं कोशिश करें की कुछ दिनों तक अंडरवियर न पहनें, इससे रैशेज जल्दी हिल हो जायेंगे।
8.मेडिकेशन: रैशेज यदि लंबे समय तक बने रहते हैं और परेशानी बढ़ती जा रही है ऐसे में डॉक्टर से सलाह लेकर आवश्यक मेडिसिंस लेना जरूरी है। दवाइयां रैशेज को हिल होने में मदद करती हैं। हालांकि, किसी भी दवाई या क्रीम को खुद इस्तेमाल न करें, डॉक्टर का प्रिस्क्रिप्शन जरूरी है।
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