trai may finalize its recommendations on satcom spectrum allocation by december 15


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ANI

ट्राई उपग्रह संचार के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन से संबंधित प्रस्तावित नियमों पर अपनी सिफारिशों को 15 दिसंबर तक अंतिम रूप दे सकता है। सरकार ट्राई की सिफारिशों का मूल्यांकन करेगी और उसके बाद उपग्रह संचार (सैटकॉम) कंपनियों को स्पेक्ट्रम आवंटित करने पर निर्णय लेगी, जिससे देश में उपग्रह आधारित ब्रॉडबैंड सेवाओं का रास्ता खुलेगा।

नयी दिल्ली । भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) उपग्रह संचार के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन से संबंधित प्रस्तावित नियमों पर अपनी सिफारिशों को 15 दिसंबर तक अंतिम रूप दे सकता है। सरकार ट्राई की सिफारिशों का मूल्यांकन करेगी और उसके बाद उपग्रह संचार (सैटकॉम) कंपनियों को स्पेक्ट्रम आवंटित करने पर निर्णय लेगी, जिससे देश में उपग्रह आधारित ब्रॉडबैंड सेवाओं का रास्ता खुलेगा। एक सूत्र ने कहा, “ट्राई सैटकॉम स्पेक्ट्रम आवंटन पर 15 दिसंबर तक सिफारिश भेजने के लिए काम कर रहा है। खुली चर्चा के दौरान कई मुद्दे उठाए गए, जिनमें से कुछ परामर्श पत्र से परे थे। उन बिंदुओं पर भी गौर करने की जरूरत है।”

पिछले सप्ताह ट्राई ने कुछ उपग्रह-आधारित वाणिज्यिक संचार सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन की शर्तों और नियमों पर खुली चर्चा आयोजित की थी। रिलायंस जियो और भारती एयरटेल जैसी दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियां चाहती हैं कि पूरे देश में पूर्ण गतिशीलता के लिए स्पेक्ट्रम का आवंटन केवल नीलामी के माध्यम से किया जाना चाहिए।

हालांकि, एलन मस्क की स्टारलिंक और अमेज़न की प्रोजेक्ट कुइपर जैसी वैश्विक कंपनियों और अन्य उपग्रह संचार कंपनियां सैटकॉम स्पेक्ट्रम के प्रशासनिक आवंटन का समर्थन करती हैं। स्थलीय कंपनियों और उपग्रह आकांक्षी कंपनियों के बीच स्पष्ट रूप से मतभेदों के बीच ट्राई की कई घंटों तक चली मैराथन खुली चर्चा में दूरसंचार कंपनियां रिलायंस जियो और भारती एयरटेल एक साथ आईं। दोनों कंपनियों ने भारत द्वारा सैटकॉम स्पेक्ट्रम के लिए मानदंड तय किए जाने के संबंध में समान अवसर की आवश्यकता के बारे में एक स्वर में बात की।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।



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