Things To Keep In Mind While Going Out Of The House For Asthmatic Patient In Hindi: त्योहारों का मौसम अभी जारी है। खासकर, दिवाली की बात करें, तो महज दो-तीन दिन में दिवाली है। दीपों का यह त्योहार सबको खास पसंद होता है। इन दिनों हर घर में दिये जलाए जाते हैं और रंग-बिरंगी लाइटों से घरों को सजाया जाता है। इसके अलावा, लोग इस दिन को सेलिब्रेट करने के लिए तरह-तरह पटाखे भी जलाते हैं। हालांकि, कई शहरों में पटाखे जलाना मना है, क्योंकि इसकी वजह से प्रदूषण का स्तर काफी तेजी से बढ़ रहा है। वहीं, बढ़ते प्रदूषण के कारण अस्थमा के मरीजों के लिए समस्याएं बढ़ जाती हैं। उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगती है, चेस्ट इंफेक्शन जैसी समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है। ऐसे में रोजमर्रा के कामकाज करना भी उनके लिए मुश्किल हो जाता है। इसलिए, जरूरी है कि अस्थमा के मरीज घर से बाहर निकलने से पहले कुछ जरूरी सुझावों पर अमल करें। यहां हम उन्हीं सजेशंस के बारे में बता रहे हैं।
मास्क लगाकर घर से बाहर निकलें
बढ़ते प्रदूषण के बावजूद लोगों को ऑफिस जाना है, बाजार जाना और रोजमर्रा के कामकाज करने हैं। इसलिए, हर व्यक्ति के लिए इन दिनों घर से बाहर निकलना मजबूरी होता है। वहीं, अस्थमा के मरीजों को चाहिए कि जब भी वह घर से बाहर निकलें, वे मास्क जरूर लगाएं। मास्क लगाकार बाहर निकलने से प्रदूषिण हवा सांस लेने के दौरान नाक से होते हुए फेफड़ों तक नहीं पहुंचती है। इस तरह प्रदूषण के संपर्क में आने का रिस्क कम हो जाता है।
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स्मोक करने से बचें
वैसे तो स्मोकिंग करना हर व्यक्ति के लिए घातक है। लेकिन, अस्थमा के मरीजों के लिए यह और भी ज्यादा खतरनाक होती है। इसलिए, उन्हें इन दिनों स्मोकिंग यानी धूम्रपान बिल्कुल नहीं करना चाहिए। धूम्रपान करने से उनकी सेहत पर निगेटिव असर पड़ सकता है। यहां तक कि उनकी फेफड़ें भी प्रभावित हो सकते हैं। ऐसे में अस्थमा अटैक का जोखिम भी बढ़ जाता है।
घर के अंदर रहें
अगर घर से बाहर निकलना जरूरी न हो, तो हर व्यक्ति को अपना ज्यादा से ज्यादा समय घर के अंदर ही बिताना चाहिए। खासकर, अस्थमा के मरीजों को न जरूरत हो, घर में रहें। अगर घर से बाहर निकलना आवश्यक है, तो तभी जाएं जब बाहर प्रदूषण का स्तर सबसे कम होता है। इससे अस्थमा के लक्षणों को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
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स्टीम लेते रहें
प्रदूषण के कारण इन दिनों ज्यादातर लोगों को थ्रोट इंफेक्शन, लंग इंफेक्शन और चेस्ट इंफेक्शन की समस्या हो रही है। अस्थमा के मरीजों में यह समस्याएं अधिक देखने को मिल रही हैं। इस तरह की स्थिति को कंट्रोल करने के लिए आवश्यक है कि आप रोजाना सोने से पहले स्टीम जरूर लें। स्टीम लेने से नाक और लंग्स कंजेक्शन की समस्या को दूर किया जाता है। यह हेल्दी रहने में भी मदद करता है।
डॉक्टर की मदद लें
अस्थमा के मरीजों को इस बढ़ते प्रदूषण में अपनी सेहत को लेकर जरा भी लापरवाही नहीं करनी चाहिए। अगर लगातार खांसी हो रही है, चेस्ट कंजेक्शन हो रहा है, तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। वे आपको जरूरी दवाईयां देंगे। संभवतः नेबुलाइजर की सलाह भी दें। यह पूर्णतया मरीज की स्थिति पर निर्भर करता है। इसके अलावा, डॉक्टर की प्रिस्क्राइब की हुई दवा आपकी इम्यूनिटी को बूस्ट करने में भी मदद कर सकती है।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर कहने की बात यह है कि अस्थमा के मरीजों को इन दिनों अपनी सेहत का स्वस्थ लोगों की तुलना में अधिक ध्यान रखना चाहिए। उन्हें अच्छी डाइट और लाइफस्टाइल फॉलो करनी चाहिए। इससे इम्यूनिटी बूस्ट होती है, जो कि बीमार होने के जोखिम को कम करता है। संभव हो, तो डाइटिशियन की मदद से अपनी लिए डाइट चार्ट बनवा लें। इससे जरूरी पोषक तत्व भी आपको मिलेंगे।
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