एनल इचिंग कभी भी शुरू हो जाती है और यह बेहद अनकंफरटेबल हो सकती है। यदि आपको यह फ्रिक्वेंटली हो रहा है, तो कारणों को समझें और उन पर फौरन ध्यान दें।
कई लोगों को एनस एरिया में अधिक खुजली होती है। जिसके कारण कई बार एनस के आसपास की स्किन छिल जाती है और बहुत से लोगों को इंफेक्शन भी हो जाता है। इसलिए यदि आपको अधिक खुजली का अनुभव हो रहा है, तो शुरुआत से ही इस पर ध्यान दें। एनल इचिंग कभी भी शुरू हो जाती है और यह बेहद अनकंफरटेबल हो सकती है। हालांकि, ऐसा कई कारणों से होता हैं। यदि आपको यह फ्रिक्वेंटली हो रहा है, तो कारणों को समझें और उन पर फौरन ध्यान दें।
विद्या नर्सिंग होम की ऑब्सटेट्रिशियन और गाइनेकोलॉजिस्ट डॉ नीरज शर्मा ने एनल इचिंग के कारण बताते हुए इसे अवॉइड करने के कुछ जरूरी सुझाव भी दिए हैं। तो चलिए जानते हैं, इस स्थिति से कैसे बचाव करना है (how to avoid Anal Itching)।
जानें एनल इचिंग के कारण (causes of anal itching)
1. एनल डिसऑर्डर (anal disorder)
बवासीर, फोड़े, दरारें और फिस्टुला सहित एनल डिसऑर्डर, एनल एरिया के आस पास खुजली, दर्द और अन्य असुविधाओं का कारण बन सकते हैं।
2. स्किन कंडीशन (skin condition)
कई प्रकार के स्किन कंडीशन एनस इचिंग को ट्रिगर कर सकते हैं, जिसमें सोरायसिस, डर्मेटाइटिस और एक्जिमा जैसी स्थितियां शामिल हैं।
3. संक्रमण (infection)
बैक्टीरियल, फंगल और पेरासिटिकल इन्फेक्शन और यौन सेक्सुअल ट्रांसमिटेड इनफेक्शन (एसटीआई), जिसमें गोनोरिया और एनल हर्पीज शामिल हैं, ये सभी एनल इचिंग का कारण बन सकती हैं। यदि आपको यूटीआई या अन्य वेजाइनल संक्रमण है, तो यह भी एनल इचिंग का कारण बन सकता है।
4. जलन पैदा करने वाले तत्व (irritants)
व्यक्तिगत आदतें, जैसे कि हम क्या खाते हैं और क्या पहनते हैं, हम खुद को कैसे साफ करते हैं और हम कौन से उत्पाद इस्तेमाल करते हैं, एनल के आसपास की त्वचा में जलन पैदा कर सकते हैं। ओवर क्लीनिंग, मल के नमी के लंबे समय तक संपर्क में रहना, पसीना आना या टाइट कपड़े पहनना इस स्थिति को बढ़ा सकता है।
5. हाइजीन के प्रति बरती गई लापरवाही (hygiene ignorance)
नियमित साफ सफाई पर ध्यान न देना। खासकर यदि आप स्टूल पास करने के बाद टिशू पेपर का इस्तेमाल करती हैं, तो दिन में एक बार अपने एनल को पानी से जरूर साफ करें। वहीं रोजाना नहाते समय माइल्ड साबुन को पानी के साथ डाइल्यूट करके अपने एनस को जरूर साफ करें।
स्वास्थ्य समस्याएं जो आपके एनस इचिंग की स्थिति को और ज्यादा गंभीर बना देती हैं:
टाइप 2 डायबिटीज
ल्यूकेमिया और लिम्फोमा
किडनी फेलियर या लीवर संबंधी समस्या
हाइपरथायरायडिज्म
एनीमिया
चिंता और तनाव
अब जानें एनल इचिंग को कम करने के लिए क्या करना है
1. स्क्रैच करने से बचें
यदि आपको खुजली होने पर स्किन को स्क्रैच करने की इच्छा होती है, तो जितना हो सके उतना इसे अवॉइड करने की कोशिश करें। लगातार खुजली करना स्थिति को और ज्यादा खराब कर सकता है और संक्रमण का कारण बन सकता है। खुजली से आराम पाने के लिए नाखूनों की जगह कॉटन के कपड़े से प्रभावित एरिया को कंप्रेस करें। इसके साथ ही अगर आपको नियमित रूप से इचिंग की परेशानी रहती है, तो अपने नाखूनों को छोटा रखें ताकि सोते वक्त स्क्रैच न लगे।
2. एनल एरिया को क्लीन और ड्राई रखें
मॉइस्ट एनल एरिया खुजली का कारण बन सकती है। यदि स्टूल की थोड़ी सी भी मात्रा रह जाए तो यह इरिटेशन इचिंग यहां तक की इन्फेक्शन का भी कारण बन सकती हैं। वहीं अधिक खुजली करने की वजह से एनल एरिया में बर्निंग सेंसेशन हो सकता है। स्टूल पास करने के बाद हमेशा अपने एनल एरिया को अच्छी तरह से क्लीन करें। साथ ही इसे ड्राई रखना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
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यदि आप एनल एरिया को वाइप करती हैं, तो इसके लिए हल्के गीले पेपर का इस्तेमाल करें। ड्राइव पेपर इचिंग और इरिटेशन का कारण बन सकते हैं। साथ ही साथ ड्राई पेपर की वजह से स्टूल पूरी तरह से क्लीन नहीं हो पाता, इसलिए हमेशा गीले पेपर का इस्तेमाल करें। रोजाना शॉवर लेते वक्त अपने एनस एरिया को माइल्ड साबुन से साफ करना न भूले।
3. हल्का और सादा भोजन करें
यदि आपको एनस एरिया में खुजली और जलन की समस्या रहती है, तो मसालेदार भोजन से परहेज करें। मसालेदार भोजन के सेवन से पेट में जलन और स्टूल पास करते हुए एनल स्किन इरिटेट हो सकती है, जिसकी वजह से खुजली की स्थिति अधिक गंभीर हो जाती है। यदि आपको पहले से खुजली है, तो बिल्कुल सादा खाना खाएं।
4. नियमित मल त्याग करें
अपनी डाइट में अधिक फ्लूइड लें, और फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करें। फल एवं सब्जियों को डाइट में शामिल करें, इससे आपको नियमित, दृढ़ मल त्याग बनाए रखने में मदद मिलेगी।
5. मेडिकल ट्रीटमेंट लें
यदि एनल इचिंग पाइल्स, लीवर और किडनी संबंधी समस्या, पाचन क्रिया और किसी भी प्रकार के संक्रमण के कारण हो रही है, तो ऐसे में फौरन डॉक्टर से मिलें। लंबे समय तक इसे नजरंदाज करना आपको परेशान कर सकता है। ऐसे में डॉक्टर द्वारा सुझाई गई दवाइयां, क्रीम और जेल का इस्तेमाल करे।
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