By: Inextlive | Updated Date: Sat, 21 Dec 2024 01:10:22 (IST)
बरेली (ब्यूरो)। तीन वर्ष पहले भुता के खरदाह गांव निवासी पुष्पेंद्र के भाई विनोद की गांव के ही हिस्ट्रीशीटर पूरनलाल के चचेरे भाई पवन ने गोली मारकर हत्या की थी। इस मामले में कोर्ट ने पवन को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वहीं, कोर्ट का फैसला आने से पहले ही हिस्ट्रीशीटर के भाई और चचेरे भाइयों ने मिलकर पुष्पेंद्र की भी हत्या कर दी थी। उन्हें भी बीच चौराहे सरेशाम गोली मारी गई थी। इस मामले में भुता थाने में पुष्पेंद्र समेत 10 लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी लिखी गई थी। पुलिस ने सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। एक आरोपित संतोष अभी फरार चल रहा है। कोर्ट ने हत्यारे पवन पर 2.10 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया है। जुर्माने की रकम मृतक विनोद की पत्नी च् बच्चों को दी जाएगी।
घटना 20 जनवरी 2021 की है.
घटना 20 जनवरी 2021 की है। भुता के खरदाह मोड़ पर दिन दहाड़े सरेराह विनोद की गोली मारकर हत्या की गई। मामले की विनोद के भाई पुष्पेंद्र ने हिस्ट्रीशीटर पूरनलाल उसके भाई अर्जुन और चचेरे भाई पवन के विरुद्ध हत्या की प्राथमिकी लिखाई थी। बताया जा रहा है कि इस मामले में पुष्पेंद्र और अर्जुन का नाम विवेचना में निकल गया था। पवन ने ही इस हत्या की जिम्मेदारी ले ली थी। घटना के बाद पुष्पेंद्र ने पुलिस को बताया कि उनका छोटा भाई विनोद भुता में मेडिकल स्टोर चलाता था। घटना वाले दिन मृतक ने उससे कहा था कि वह भुता स्थित बैंक जाएगा। दोपहर करीब 1:00 बजे पुष्पेंद्र को अपने भाई के मोबाइल नंबर से काल आई। किसी अज्ञात व्यक्ति ने काल पर बताया कि वह जिस नंबर से बात कर रहा है वह नंबर रास्ते में बेहोश पड़े व्यक्ति का है। यह सुनते ही पुष्पेंद्र खरदाह मोड़ पर पहुंचे और अपने भाई को उठाकर शहर के निजी अस्पताल ले गया। वहां डाक्टरों ने विनोद को मृत घोषित कर दिया।
डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया.
पुष्पेंद्र ने पुलिस को यह भी बताया कि वर्तमान प्रधान पूरनलाल (अब पूर्व) ने अपने सगे भाई अर्जुन के साथ साजिश करके उसके भाई विनोद की पवन से हत्या करवा दी है। पोस्टमार्टम के दौरान मृतक के शव में 315 बोर की बुलेट फंसी पाई गई। डाक्टर ने अपने बयान में कहा कि मृतक के एक मीटर दूरी से गोली चलाई गई जो उसके सीने पर लगी। गोली डेड बाडी के अंदर धंसी थी। पुलिस विवेचना में हत्या के मुख्य आरोपित पवन के अलावा आरोपित पूरनलाल व अर्जुन की साजिश होने से पुलिस ने इनकार करते हुए उनको चार्जशीट से बाहर कर दिया। सरकारी वकील सचिन जायसवाल ने कोर्ट में आठ गवाह पेश किए। गवाह संजू ने बयान दिया कि उसके सामने आरोपित पवन ने विनोद को गोली मारी। कोर्ट ने आरोपित पवन को अंत तक जमानत नहीं दी।
नहीं चला बचाव पक्ष का कोई पैंतरा
बचाव पक्ष ने मुकदमा लटकाने के लिए कई पैंतरे दिखाए लेकिन कोई पैंतरा काम नहीं आया। बचाव पक्ष ने चश्मदीद गवाह संजू को तोडऩे का काफी प्रयास किया। संजू की गवाही के करीब दो साल बाद बचाव पक्ष ने कोर्ट में अर्जी लगाई कि संजू को दोबारा जिरह के लिए तलब किया जाए। अगर उसे पुन: प्रति परीक्षा के लिए तलब नहीं किया गया तो बचाव पक्ष के साथ न्याय नहीं हो पाएगा। अभियोजन पक्ष से एडीसी सचिन जायसवाल ने अर्जी का विरोध करते हुए अपनी बहस में कहा कि बचाव पक्ष ने मामले को लटकाने के लिए अर्जी दी। संजू की गवाही 27 अप्रैल 2022 को हुई। लगातार चार तारीखों तक संजू से प्रति परीक्षा की गई। कुल 11 पेज में प्रति परीक्षा दर्ज की गई। इसके बावजूद बचाव पक्ष दोबारा बुलाकर गवाह को तोडऩा चाहता है। अंत में 10 अक्टूबर 2024 को अपर सेशन जज तबरेज अहमद ने बचाव पक्ष की अर्जी खारिज कर दी। इतना ही नहीं बचाव पक्ष छह तारीखों तक बहस को टालता रहा। अंत में मुकदमे में बहस हुई। अपर सेशन तबरेज अहमद ने दोषी को उम्र कैद की सजा सुनाई है।
एडीजीसी ने मांगी फांसी की सजा
सरकारी वकील सचिन जायसवाल ने सजा के प्रश्न पर कोर्ट से मांग की कि दोषी पवन ने विनोद की निर्मम हत्या की है। उसके परिवार में कोई कमाने वाला नहीं बचा। ऐसा हत्यारा समाज के लिए नासूर है। ऐसी क्रूर मानसिकता वाले व्यक्तियों का समाज में जीवित रहना उचित एवं न्याय संगत नहीं है। लिहाजा दोषी को फांसी की सजा दी जाए। दूसरी तरफ बचाव पक्ष ने कहा कि मामला विरल से विरलतम श्रेणी में नहीं आता है। अगर फांसी की सजा दी गई और अपील में उसे दोष मुक्त किया गया तो उसका जीवन वापस नहीं लौटेगा।