The country’s foreign exchange reserves crossed $700 billion for the first time | देश का विदेशी-मुद्रा-भंडार पहली बार 700 बिलियन डॉलर पार: भारत यह मुकाम हासिल करने वाला चौथा देश बना, एक हफ्ते में सबसे ज्यादा 12.58 बिलियन डॉलर बढ़ा


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नई दिल्ली48 मिनट पहले

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देश का फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व पहली बार 700 बिलियन डॉलर के आंकड़े के पार हो गया है। 27 सितंबर को बीते सप्ताह में 12.58 बिलियन डॉलर बढ़कर 704.885 बिलियन डॉलर (करीब 59 लाख करोड़) के नए ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया।

पिछले सप्ताह, यह राशि 692.296 बिलियन डॉलर के ऑल टाइम हाई पर थी। भारत यह माइलस्टोन पार करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है। इस बात की जानकारी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने दी।

RBI के शुक्रवार के आंकड़ों के अनुसार, भारतीय फॉरेक्स का सबसे हिस्सा फॉरेन करेंसी एसेट (FCA) 616.154 बिलियन डॉलर है। फिलहाल भारत का गोल्ड रिजर्व 65.796 बिलियन डॉलर का है।

अनुमान के मुताबिक, भारत का फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व अब एक साल से ज्यादा के इंपोर्ट को कवर करने के लिए पर्याप्त है।

पिछले साल 58 बिलियन डॉलर बढ़ा

साल 2023 में भारत ने अपने विदेशी मुद्रा भंडार में लगभग 58 बिलियन डॉलर जोड़े। जबकि 2022 में 71 बिलियन डॉलर की गिरावट देखी गई।

फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व यानी विदेशी मुद्रा भंडार का स्टॉक ग्लोबल झटकों से डोमेस्टिक इकोनॉमिक एक्टिविटी को बचाए रखने में मदद करता है।

सेंट्रल बैंक या मॉनेटरी अथॉरिटी का एसेट है फॉरेक्स

फॉरेने एक्सचेंज रिजर्व किसी देश के सेंट्रल बैंक या मॉनेटरी अथॉरिटी द्वारा रखी गई एसेट्स हैं। विदेशी मुद्रा भंडार में देश का सेंट्रल बैंक अमेरिकी डॉलर, यूरो, जापान की करेंसी येन और पाउंड स्टर्लिंग जैसी करेंसी रखता है।

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ब्याज दरों में लगातार 9वीं बार बदलाव नहीं: लोन महंगे नहीं होंगे, EMI भी नहीं बढ़ेगी; RBI ने रेपो रेट 6.5% पर बरकरार रखी

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लगातार 9वीं बार ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया है। RBI ने ब्याज दरों को 6.5% पर जस का तस रखा है। यानी लोन महंगे नहीं होंगे और आपकी EMI भी नहीं बढ़ेगी। RBI ने आखिरी बार फरवरी 2023 में दरें 0.25% बढ़ाकर 6.5% की थीं।

6 अगस्त से चल रही मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की मीटिंग में लिए गए फैसलों की जानकारी RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज यानी गुरुवार को दी। ये मीटिंग हर दो महीने में होती है। RBI ने इससे पहले जून में हुई बैठक में ब्याज दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की थी।

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फेडरल रिजर्व ने ब्याज-दर में 50 बेसिस-पॉइंट की कटौती की: 4.75% से 5% के बीच रहेगी दर; आखिरी बार मार्च 2020 में कम की थी

अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 50 बेसिस पॉइंट की कटौती की है। अब ब्याज दर 4.75% से 5% के बीच रहेंगी। इससे पहले मार्च 2020 में फेड ने इंटरेस्ट रेट्स में कटौती की थी। इन्फ्लेशन पर काबू पाने के लिए अमेरिका के सेंट्रल बैंक ने मार्च 2022 से जुलाई 2023 के बीच 11 बार ब्याज दरों में इजाफा किया था।

पिछले साल फेडरल रिजर्व ने अपने पॉलिसी डिसीजन में लगातार तीसरी बार ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखा था। 26 जुलाई 2023 को फेड ने बाजार की उम्मीदों के मुताबिक पॉलिसी रेट को 5.25%-5.5% की रेंज में जस-का-तस रखा था।

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