चयापचय (Metabolism) शरीर के सेल्स में होने वाला केमिकल रिएक्शन है। ये प्रतिक्रियाएं खाने को ऊर्जा में बदलती हैं, जो शरीर को ताकत देने और सही तरह से काम करने में मदद करते हैं। मेटाबॉलिज्म आपके शरीर का निर्माण या मरम्मत करने में मदद करती है। शरीर को खाना पचाने, ब्लड सर्कुलेशन बेहतर रखने और हार्मोन संतुलित करने के लिए एनर्जी की जरूरत होती है, जिसके लिए हेल्दी फूड्स जरूरी है। चयापचय बढ़ने से शरीर भोजन को ऊर्जा में बदलता है। लेकिन मेटाबॉलिज्म स्लो होने से आपको कई तरह की स्वास्थ्य समस्या का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में समय-समय पर मेटाबॉलिज्म के स्तर की जांच करना जरूरी है। न्यूट्रिशनिस्ट राशि चौधरी ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर करके ऐसे ही 5 टेस्ट के बारे में बतााय है, जो मेटाबॉलिज्म के स्तर की जांच करने में मदद कर सकते हैं।
मेटाबॉलिज्म के स्तर की जांच करने के लिए टेस्ट – 5 Test To Check Metabolism Level in Hindi
1. फास्टिंग ग्लूकोज और इंसुलिन स्तर
हाई फास्टिंग ग्लूकोज या इंसुलिन का स्तर टाइप 2 डायबिटीज, दिल से जुड़ी बीमारियों और अन्य चयापचय समस्याओं के बढ़ते जोखिम से जुड़ा है। ऐसे में आप फास्टिंग ग्लूकोज और इंसुलिन स्तर की नियमित रूप से जांच करवा सकते हैं। आपके शरीर में ग्लूकोज का स्तर 100mg/dl से कम और इंसुलिन का स्तर 2-5 μIU/mL के बीच होना चाहिए।
2. फास्टिंग ट्राइग्लिसराइड स्तर
हाई फास्टिंग ट्राइग्लिसराइड (खून में मौजूद एक तरह का वसा) का स्तर अक्सर बहुत ज्यादा कैलोरी सेवन, खासकर कार्बोहाइड्रेट और वसा से होता है। हाई ट्राइग्लिसराइड का स्तर इंसुलिन प्रतिरोध और मोटापे से भी जुड़ा है। ऐसे में आप फास्टिंग ट्राइग्लिसराइड स्तर की जांच करवा सकते हैं, जिसका स्तर 110mg/dl से कम होना चाहिए।
3. ब्लड प्रेशर की जांच
हाई ब्लड प्रेशर, दिल के दौरे और स्ट्रोक, दिल से जुड़ी बीमारियों का एक प्रमुख जोखिम कारक है। लगातार बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर दिल और ब्लड वेसल्स पर दबाव डालता है, जिससे समय के साथ मेटाबॉलिज्म पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए आप नियमित रूप से अपने ब्लड प्रेशर लेवल की जांच करते रहें और ध्यान रहें कि इसका स्तर 90/60mmHg से 110/70mmHg के बीच होना चाहिए।
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4. एचडीएल कोलेस्ट्रॉल की जांच
एचडीएल कोलेस्ट्रॉल को अक्सर अच्छा कोलेस्ट्रॉल माना जाता है, क्योंकि यह ब्लड फ्लो से खराब कोलेस्ट्रॉल को हटाने और बाहर निकालने के लिए के लिए लिवर तक पहुंचाने में मदद करता है। एचडीएल का उच्च स्तर दिल से जुड़ी बीमारियों कम जोखिम से जुड़ा है, क्योंकि यह धमनियों में प्लाक के निर्माण से बचाने में मदद करता है। इसलिए आप अपने शरीर में एचडीएल कोलेस्ट्रॉल की जांच करवाते रहें और ध्यान दें कि इसका स्तर 60mg/dl हो।
5. कमर से हिप्स का साइज
कमर के आसपास जमा एक्स्ट्रा वसा, खासकर आंत की वसा, इंसुलिन प्रतिरोध, सूजन और डिस्लिपिडेमिया जैसी चयापचय संबंधी गड़बड़ी से जुड़ी होती है। कमर से कूल्हे का अनुपात (डब्ल्यूएचआर) वसा वितरण का माप है, जो किसी व्यक्ति के समग्र स्वास्थ्य का संकेत देने में मदद कर सकता है। अपने कमर से कूल्हे के अनुपात को मापने के लिए, अपनी कमर और कूल्हे दोनों के नाप को मापें, फिर कमर के माप को कूल्हे के माप से बांट दें। महिलाओं में कमर से कूल्हे का अनुपात 0.8 या उससे कम होना चाहिए और पुरुषों में यह 1.0 या उससे कम होना चाहिए।
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