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- TCS Market Cap; Top 10 Market Capitalization 2024 Update | Reliance LIC SBI ICICI Bank
मुंबई13 मिनट पहले
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मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से देश की टॉप-10 कंपनियों में से 8 की वैल्यू बीते हफ्ते कंबाइंड रूप से 2,10,330.26 करोड़ रुपए (2.10 लाख करोड़ रुपए) बढ़ा है। इस दौरान टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज लिमिटेड (TCS) टॉप गेनर रही।
हफ्ते भर में कारोबार के दौरान IT कंपनी वैल्यूएशन में 42,639 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी हुई। अब कंपनी का मार्केट कैप 15.57 लाख करोड़ रुपए हो गया। इससे पहले कंपनी का मार्केट कैप 15.14 लाख करोड़ रुपए था।
इसके अलावा लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (LIC), इंफोसिस, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI),हिंदुस्तान यूनिलीवर, ITC, भारती एयरटेल और ICICI बैंक ने भी इस दौरान बाजार में खूब कमाई की है।
रिलायंस और HDFC की वैल्यू ₹69,923 करोड़ कम हुई
वहीं, मार्केट वैल्यू के हिसाब से देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज का मार्केट कैप 56,799 करोड़ रुपए कम हुआ है। अब कंपनी का मार्केट कैप 21.04 लाख करोड़ रह गया है। जबकि HDFC बैंक की मार्केट वैल्यू 13,124 करोड़ रुपए कम होकर 12.23 लाख करोड़ रुपए रह गई है।
इन कंपनियों का मार्केट-कैप बढ़ा
कंपनी | मार्केट कैप में बढ़ोतरी (करोड़ में) | मौजूदा मार्केट कैप (₹ लाख करोड़) |
TCS | ₹42,639 | ₹15.57 |
LIC | ₹36,748 | ₹7.02 |
इंफोसिस | ₹33,569 | ₹7.44 |
SBI | ₹26,372 | ₹7.94 |
हिंदुस्तान यूनिलीवर | ₹24,494 | ₹6.41 |
ITC | ₹19,421 | ₹5.93 |
भारती एयरटेल | ₹16,223 | ₹8.32 |
ICICI बैंक | ₹10,863 | ₹8.79 |
टोटल | ₹2,10,330 | *** |
नोट: सोर्स: BSE (12 से19 जुलाई 2024)
इन कंपनियों का मार्केट कैप गिरा
कंपनी | मार्केट कैप में गिरावट (करोड़ में) | मौजूदा मार्केट कैप (₹ लाख करोड़) |
रिलायंस इंडस्ट्रीज | ₹56,799 | ₹21.04 |
HDFC बैंक | ₹13,124 | ₹12.23 |
टोटल | ₹69,923 | *** |
नोट: सोर्स: BSE (12 से19 जुलाई 2024)
मार्केट कैप के लिहाज से देश की टॉप-10 कंपनियां
कंपनी | मार्केट-कैप (₹ लाख करोड़) |
रिलायंस इंडस्ट्रीज | ₹21.04 |
TCS | ₹15.57 |
HDFC बैंक | ₹12.23 |
ICICI बैंक | ₹8.79 |
भारती एयरटेल | ₹8.32 |
SBI | ₹7.94 |
इंफोसिस | ₹7.44 |
LIC | ₹7.02 |
हिंदुस्तान यूनिलीवर | ₹6.41 |
ITC | ₹5.93 |
नोट: सोर्स: BSE (12 से19 जुलाई 2024)
मार्केट कैपिटलाइजेशन क्या होता है?
मार्केट कैप किसी भी कंपनी के टोटल आउटस्टैंडिंग शेयरों यानी वे सभी शेयर, जो फिलहाल उसके शेयरहोल्डर्स के पास हैं, की वैल्यू है। इसका कैलकुलेशन कंपनी के जारी शेयरों की टोटल नंबर को स्टॉक की प्राइस से गुणा करके किया जाता है।
मार्केट कैप का इस्तेमाल कंपनियों के शेयरों को कैटेगराइज करने के लिए किया जाता है, ताकि निवेशकों को उनके रिस्क प्रोफाइल के अनुसार उन्हें चुनने में मदद मिले। जैसे लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप कंपनियां।
मार्केट कैप = (आउटस्टैंडिंग शेयरों की संख्या) x (शेयरों की कीमत)
मार्केट कैप कैसे काम आता है?
किसी कंपनी के शेयर में मुनाफा मिलेगा या नहीं इसका अनुमान कई फैक्टर्स को देख कर लगाया जाता है। इनमें से एक फैक्टर मार्केट कैप भी होता है। निवेशक मार्केट कैप को देखकर पता लगा सकते हैं कि कंपनी कितनी बड़ी है।
कंपनी का मार्केट कैप जितना ज्यादा होता है, उसे उतनी ही अच्छी कंपनी माना जाता है। डिमांड और सप्लाई के अनुसार स्टॉक की कीमतें बढ़ती और घटती है। इसलिए मार्केट कैप उस कंपनी की पब्लिक पर्सीवड वैल्यू होती है।
मार्केट कैप कैसे घटता-बढ़ता है?
मार्केट कैप के फॉर्मूले से साफ है कि कंपनी की जारी शेयरों की कुल संख्या को स्टॉक की कीमत से गुणा करके इसे निकाला जाता है। यानी अगर शेयर का भाव बढ़ेगा तो मार्केट कैप भी बढ़ेगा और शेयर का भाव घटेगा तो मार्केट कैप भी घटेगा।