शरीर में कई तरह के संक्रमण आपके किसी खास हिस्से में शुरु होते हैं और वह धीरे-धीरे अन्य हिस्सों को भी प्रभावित करते हैं। सेप्टिक एम्बोलिज्म (Septic Embolism) में नसों में संक्रमण होता है। इस संक्रमण में ब्लड सर्कुलेशन के माध्यम से इंफेक्शन एक हिस्से से दूसरे हिस्से तक पहुंच जाता है। साथ ही, यह संक्रमण तब तक घूमता रहता है जब तक कि वह फंस न जाए और एक छोटी नसों से गुजरने में असमर्थ न हो जाए। सेप्टिक एम्बोलस एक संक्रमित रक्त का थक्का होता है जो एक छोटी रक्त वाहिका में फंस जाता है और ब्लड सर्कुलेशन को रोक देता है। इस थक्के (Clot) में बैक्टीरिय होता है, जिसे ही सेप्टिक एम्बोलस के रूप में जाना जाता है। सेप्टिक एम्बोली बैक्टीरियल और फंगल दोनों हो सकते हैं। सेप्टिक एम्बोली शरीर पर दो तरह से हमला करते हैं। पहले में यह ब्लड सर्कुलेशन को पूरी तरह या कुछ कम रोक सकता है। दूसरी तरह में इंफेक्ट एंजेट्स सूजन और फोड़े होने का कारण बन सकते हैं। इस लेख में यशोदा अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर एस के यादव से जानते हैं कि सेप्टिक एम्बोलिज्म के लक्षण, कारण और इलाज (Septic Embolism Symptoms And Treatment ) किस तरह से किया जाता है।
सेप्टिक एम्बोलिज्म के लक्षण (Symptoms of Septic Embolism)
सेप्टिक एम्बोलिज्म के लक्षण उस अंग पर निर्भर करते हैं जहां रक्त का थक्का जाकर रुकता है और संक्रमण फैलता है। इसके लक्षण आगे बताए गए हैं।
- बुखार और ठंड लगना – संक्रमण के कारण शरीर में बुखार और ठंड लगने की स्थिति हो सकती है।
- सीने में दर्द और सांस की तकलीफ – यदि थक्का फेफड़ों में पहुंच जाए तो सांस लेने में कठिनाई हो सकती है।
- सिरदर्द और उलझन – मस्तिष्क में थक्का जाने से सिरदर्द, उलझन, और यहां तक कि दौरे (seizures) भी हो सकते हैं।
- त्वचा पर लाल या नीले धब्बे – ब्लड सर्कुलेशन में रुकावट होने से त्वचा पर लाल या नीले धब्बे दिखाई दे सकते हैं।
- सिरदर्द, कमजोरी, या एक तरफा कमजोरी – यदि संक्रमण मस्तिष्क में पहुँच जाए तो यह लकवा का कारण भी बन सकता है।
सेप्टिक एम्बोलिज्म के कारण (Causes of Septic Embolism)
बैक्टीरियल संक्रमण
बैक्टीरिया जैसे Staphylococcus aureus और Streptococcus संक्रमण का मुख्य कारण होते हैं, विशेषकर हृदय वाल्व संक्रमण (endocarditis) के दौरान यह गंभीर हो सकते हैं।
कमजोर इम्यून सिस्टम
कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्ति संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं, जिससे संक्रमण रक्त में फैल सकता है।
सर्जिकल प्रक्रिया या इंजेक्शन
सर्जिकल प्रक्रियाओं के दौरान या दूषित सुई के कारण संक्रमण का जोखिम बढ़ जाता है।
हृदय रोग
जिन लोगों में पहले से हृदय वाल्व से संबंधित समस्याएं होती हैं, उनमें संक्रमण का खतरा अधिक होता है।
सेप्टिक एम्बोलिज्म का उपचार (Treatment of Septic Embolism)
सेप्टिक एम्बोलिज्म का उपचार तेज़ी से करना अत्यंत आवश्यक है। इसका मुख्य उद्देश्य संक्रमण को नियंत्रित करना, रक्त प्रवाह को सामान्य बनाना और रक्त के थक्के को दूर करना है।
- एंटीबायोटिक्स का उपयोग – संक्रमण का कारण बनने वाले बैक्टीरिया को खत्म करने के लिए एंटीबायोटिक्स का उपयोग किया जाता है। एंटीबायोटिक्स की उच्च खुराक, डॉक्टर की निगरानी में दी जाती है।
- सर्जरी – कुछ मामलों में, थक्का को हटाने या प्रभावित टिश्यू को निकालने के लिए सर्जरी की आवश्यकता होती है। यह प्रक्रिया उस स्थिति में अपनाई जाती है जब संक्रमण शरीर के किसी गंभीर हिस्से में फैल गया हो।
- एंटीकोएगुलेंट्स – रक्त पतला करने वाली दवाइयां दी जा सकती हैं ताकि खून के थक्के बनने की प्रक्रिया को रोका जा सके।
- सपोर्टिव देखभाल – गंभीर संक्रमण में, आईसीयू में सपोर्टिव देखभाल जैसे कि ऑक्सीजन सपोर्ट, हृदय मॉनिटरिंग, और वेंटिलेशन भी आवश्यक हो सकता है।
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सेप्टिक एम्बोलिज्म एक गम्भीर चिकित्सा स्थिति है, जिसके समय पर पहचान और उपचार की आवश्यकता होती है। इसे अनदेखा करने से संक्रमण तेजी से फैल सकता है और जानलेवा स्थिति उत्पन्न हो सकती है। स्वस्थ जीवनशैली, समय पर इलाज और स्वच्छता के नियमों का पालन करके इसे रोका जा सकता है।