मुंबई15 मिनट पहले
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ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी को IPO लाने के लिए सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) की मंजूरी मिल गई है। स्विगी ने अप्रैल में इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) के लिए SEBI को ड्राफ्ट पेपर सौंपे थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी यह IPO इसी साल नवंबर में लॉन्च कर सकती है। स्विगी इसके जरिए 1.25 लाख करोड़ रुपए के वैल्युएशन पर 11 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा जुटाने का प्लान कर रही है। इसमें 5000 करोड़ रुपए के फ्रेश शेयर होंगे।
इससे पहले स्विगी ने अपने IPO के जरिए करीब 1.25 बिलियन डॉलर (करीब 10 हजार करोड़ रुपए) जुटाने का टारगेट रखा था। इसमें से करीब 3,750 करोड़ रुपए को नए शेयरों की बिक्री से और 6,664 करोड़ रुपए को ऑफर-फॉर-सेल (OFS) के जरिए जुटाना था।
जोमैटो और ब्लिंकिट को टक्कर देना चाहती है स्विगी
स्विगी के इस कदम का मकसद साफ है कि वह जोमैटो और ब्लिंकिट को टक्कर देना चाहती है। अप्रैल में जब स्विगी ने अपने ड्राफ्ट IPO पेपर्स दाखिल किए थे, तब से अब तक जोमैटो और ब्लिंकिट दोनों ने अपनी प्रॉफिटेबिलिटी में इजाफा किया है।
इसके अलावा जेप्टो जैसी नई कंपनियों ने भी पिछले दो महीने में 1 बिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाकर बाजार में अपनी पकड़ मजबूत कर ली है। इतना ही नहीं वॉलमार्ट ने भी फ्लिपकार्ट मिनट्स के जरिए क्विक कॉमर्स सेगमेंट में एंट्री करके कॉम्पिटीशन को और भी तेज कर दिया है।
वित्त वर्ष 2024 में स्विगी का रेवेन्यू 36% बढ़ा
इस बीच स्विगी की फाइनेंशियल कंडीशन में भी सुधार हुआ है। वित्त वर्ष 2024 में स्विगी का रेवेन्यू 36% बढ़कर 11,247 करोड़ रुपए रहा, जो इसके पिछले वित्त वर्ष में 8,265 करोड़ रुपए था।
वहीं कंपनी ने इस दौरान अपने घाटे को भी 44% तक कम कर लिया और वित्त वर्ष 2024 में यह 2,350 करोड़ रुपए रहा, जो इसके पिछले साल 4,179 करोड़ रुपए था। कंपनी को अपनी लागत को काबू में रखने के चलते घाटा कम करने में मदद मिली है।
हालांकि, स्विगी का प्रदर्शन जोमैटो की तुलना में कम है, फिर भी उसने FY24 में अपने प्रतिद्वंद्वी से अंतर को कम किया है। जोमैटो ने वित्त वर्ष 2024 में 12,114 करोड़ रुपए का रेवेन्यू दर्ज किया, जबकि स्विगी का रेवेन्यू 11,247 करोड़ रुपए रहा। इसी तरह, जोमैटो ने 351 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया, जबकि स्विगी का घाटा 2,350 करोड़ रुपए रहा था।