Startups like Lenskart become unicorns with the help of Ratan Tata | रतन टाटा ने 45 से ज्यादा स्टार्टअप्स में निवेश किया: इनमें से कई कंपनियां यूनिकॉर्न बनीं, जानें उनके पांच बिजनेस लेसन्स


नई दिल्ली25 मिनट पहले

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रतन टाटा का निधन यूं तो पूरे देश के लिए एक बड़ी क्षति है, लेकिन स्टार्टअप्स को उनकी कमी सबसे ज्यादा खलने वाली है। उन्होंने अपस्टॉक्स और कार देखो जैसे कई स्टार्टअप्स में शुरुआती पैसा लगाया। उन्होंने करीब 45 कंपनियों में निवेश किया, जिनमें से कई यूनिकॉर्न्स बन गए हैं।

खास बात ये है कि उन्होंने स्टार्टअप्स में निवेश तब किया जब वे अपने सेक्टर में लीडर्स नहीं थे और पैसे की तंगी से जूझ रहे थे। इनमें अर्बन कंपनी, कैशकरो, ब्लूस्टोन, कार देखो और ट्रैक्सन जैसे नाम शामिल हैं। इसके अलावा, उन्होंने लेंसकार्ट जैसी कंपनी में भी खुद से निवेश किया जो, उनकी कंपनी टाइटन की कॉम्पिटेटिव है।

रतन टाटा के 5 बिजनेस लेसन 1. रिस्क टेकर

  • लक्जरी कार कंपनी जगुआर लैंड रोवर जैसे नए बिजनेस में निवेश करने का जोखिम रतन टाटा ने उठाया। यूरोप की दूसरी बड़ी स्टील कंपनी कोरस का भी अधिग्रहण किया। इस निवेश ने टाटा ग्रुप को सफलता के नए मुकाम पर पहुंचाया।
  • टाटा ने साल 2000 में दुनिया के दूसरे सबसे बड़ी चाय मैन्युफैक्चरर टेटली का अधिग्रहण किया गया था। तब यह कंपनी टाटा टी से तीन गुना बड़ी थी। अधिग्रहण के बाद ये दुनिया की सबसे बड़ी चाय कंपनियों में से एक बन गई।

2. डिसीजन मेकर

  • 1990 के दशक में रतन ने पैसेंजर कार बनाने के अपने फैसले की घोषणा की तो इसकी काफी आलोचना हुई थी। अगले कुछ सालों में उन्होंने अकेले ही कंपनी का आधुनिकीकरण किया। आज टाटा देश की सफलतम कार कंपनियों में शामिल है।
  • 2007 में टाटा ने यूरोप की स्टील कंपनी कोरस के अधिग्रहण का फैसला लिया। उनकी टीम को बोली जमा करने में एक साल लग गया। तब तक कीमत बढ़ चुकी थी, लेकिन वह फिर भी इसके साथ आगे बढ़े। इसका कंपनी को फायदा मिला।

3. आइडिएटर

  • एक लाख रुपए में कार लॉन्च करने का आइडिया रतन टाटा का ही था। 2009 में उन्होंने टाटा नैनो लॉन्च की थी। बिक्री के मोर्चे पर फेल होने के बाद 2019 में भले ही इसे बंद कर दिया गया हो, लेकिन टाटा के इस आइडिया की खूब तारीफ हुई थी।
  • 1998 में लॉन्च हुई टाटा इंडिका भारत की पहली स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित कार थी। इसे बनाने का आइडिया रतना टाटा का ही था। इसके अलावा टाटा सफारी, भारत की पहली एसयूवी है जिसे टेल्को (अब, टाटा मोटर्स) ने लॉन्च किया था।

4. लीडर

  • रतन टाटा एक बड़े टीम लीडर हैं क्योंकि वह लोगों को प्रेरित करते हैं। उनका कंपनी के लिए बिल्कुल साफ विजन है। ये कर्मचारियों को इस विजन के लिए काम करने के लिए प्रेरित करता है।
  • कर्मचारियों के बुरे समय में हमेशा उनके साथ रहना उन्हें एक बड़ा लीडर बनाता है। रतन टाटा एक बार पिछले दो साल से अस्वस्थ एक पूर्व कर्मचारी से मिलने के लिए मुंबई से पुणे में फ्रेंड्स सोसाइटी पहुंच गए थे।

5. इनोवेटर

  • रतन टाटा के पास जब टाटा ग्रुप की पूरी जिम्मेदारी थी तब उन्होंने इंडिका से लेकर नैनो जैसी कार भारत को दी। रतन टाटा कहते हैं किसी भी स्टार्टअप का फ्यूचर तभी अच्छा हो सकता है जब उसमें नए इनोवेशन किए गए हो।
  • नए प्रयोग होने से स्टार्टअप की सफलता की गारंटी बढ़ जाती है। रतन टाटा ने उन स्टार्टअप में निवेश किया जिसमें ज्यादा से ज्यादा इनोवेशन किया गया है। ओला इलेक्ट्रिक, लेंस कार्ट, पेटीएम जैसी कंपनियों में उनका निवेश है।

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