देश लगातार प्रगति करता हुआ दिखाई दे रहा है। इस बीच देश में कई नए कारोबार भी होते हुए देखने को मिल रहे हैं और लोग अपने नया कारोबार भी शुरू कर रहे हैं। इसके साथ ही लोगों के जरिए कई स्टार्टअप भी खोले जा रहे हैं, जिनके कारण देश में प्रगति देखने को मिल रही है। वहीं आने वाले वक्त में देश में और भी ज्यादा स्टार्टअप देखने को मिल सकते हैं।
स्टार्टअप इकोसिस्टम
अमेजन वेब सर्विसेज (एडब्ल्यूएस) के वरिष्ठ अधिकारी कुमार राघवन ने कहा है कि भारत में स्टार्टअप इकोसिस्टम परिपक्व है और इसमें कई अनुकूल परिस्थितियां भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए प्रेरित कर रही हैं। राघवन भारत और दक्षिण एशिया में एडब्ल्यूएस के स्टार्टअप प्रमुख हैं।
राघवन ने जीवंत भारतीय स्टार्टअप परिदृश्य पर चर्चा की और इसकी ताकत और इनोवेशन क्षमता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “हम पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं और तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर हैं… इसमें योगदान देंने वाले कारक श्रम वृद्धि, इंफ्रास्ट्रक्चर की वृद्धि और दक्षता में सुधार हैं, जहां जेनएआई जैसी टेक्नॉलोजी अपनी भूमिका निभाएंगी।”
नियामक अनुकूल परिस्थितियां
उन्होंने कहा कि इनके अलावा एक बड़े डेवलपर इकोसिस्टम की मौजूदगी, देश में उत्पाद बनाने और दुनिया भर में सेवा देने की क्षमता और नियामक अनुकूल परिस्थितियां भी हैं। राघवन ने भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम की परिपक्वता की सराहना की। उन्होंने कहा कि इसमें ऐसे अनुभवी संस्थापकों के महत्वपूर्ण योगदान को ध्यान में रखा गया, जिन्होंने कई उद्यम शुरू किए हैं।
तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम
उन्होंने कहा, “हम दुनिया में तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम हैं। हमारे लिए कुछ अनुकूल परिस्थितियां जारी हैं।” राघवन ने कहा, “पिछले सात-आठ साल में हमने संस्थापकों को कई स्टार्टअप शुरू करते हुए देखा है।” उन्होंने कहा कि अनुभव की इस संपदा ने न केवल स्टार्टअप को गति दी है, बल्कि उनकी सफलता की संभावना भी बढ़ा दी है।