मत्स्य पालन
मत्स्य विभाग विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ लेने और आय में बढोतरी करने के लिये किसानों को मछली पालन उपलब्ध कराया जा रहा है। इसमें एक तरफ जहां किसान अपने तालाब में मछली पालन करते हुए सरकारी स्कीम का लाभ ले रहे हैं। तालाब से लेकर बाजारों तक मछलियों को पहुंचाने के लिए किसानों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े। ऐसे में लोकल-18 की टीम द्वारा मेरठ के मत्सय विभाग के मुख्य कर्यकारी अधिकारी विनोद कुमार से खास बातचीत की।
इस तरह खरीद सकते हैं वाहन:
मत्स्य विभाग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनोद कुमार ने बताया कि शासन के दिशा निर्देशानुसार मछलियां मार्केट तक सही समय पर पहुंच सके। इसके लिए विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत किसानों को वाहन भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसमें साइकिल, बाइक एवं ऑटो की सुविधा होनी चाहिए, जिसमें मछलियों को रखकर वह बाजारों तक पहुंच सकें।
मत्स्य पालन करने पर कितना मिलेगा अनुदान How much grant will be given for fishing?
मत्स्य पालन विभाग द्वारा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और सामान्य वर्ग के लिए अलग-अलग सब्सिडी का क्राइटेरिया रखा गया है। विभाग द्वारा बताया गया कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिये महिलाओं को 60% तक अनुदान मिलेगा। वहीं, पुरुषों को यह अनुदान 40% तक रहेगा। ऐसे में जो भी युवा इन वाहनों की खरीदारी करना चाहते हैं। विभाग की आधिकारिक वेबसाइट https://fisheries.up.gov.in पर लगातार नजर बनाए रखें। उन्होंने बताया कि विभाग की वेबसाइट पर जैसे ही इस योजना का क्रियान्वयन होगा, उन युवाओं को इसका लाभ दिया जा सके और वह मछलियों को मार्केट तक सप्लाई करने में बेहतर भूमिका निभा सकें।
तालाब के लिए मिलती है सब्सिडी Subsidy is available for the pond:
विनोद कुमार ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और सामान्य वर्ग की महिलाएं एवं पुरुष जिनके पास भी अपनी जमीन है या फिर 5 साल के लिए पट्टे की जमीन है। उन्हें तालाब बनाने से लेकर मछली उत्पादन के कार्यों में विभाग द्वारा मदद की जाती है। इसमें कई ऐसी योजनाएं हैं, जिसमें 40 से 50% तक की सब्सिडी उपलब्ध कराई जा रही है। ऐसे में अधिक से अधिक किसान मछली पालन से जुड़ सके।
वाहन पर कितने प्रतिशत मिलेगा अनुदान: यदि आप योजनाओं के अंतर्गत वाहन खरीदते हैं, तो साइकिल के लिए 10000 रुपए, बाइक के लिए 75000 रुपए एवं माल ढोने वाले टेंपो के लिए ढाई से तीन लाख रुपए तक का मूल्य विभाग द्वारा निर्धारित किया गया है। इसमें महिलाओं को 60% और पुरुषों को 40% तक का अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा।