सॉफ्टवेयर फर्म जोहो ने तमिलनाडु की ड्रोन टेक्नोलॉजी स्टार्टअप याली एरोस्पेस में निवेश किया है। जोहो के को-फाउंडर और CEO श्रीधर वेम्बू ने यह जानकारी दी। उन्होंने 28 मई को X प्लेटफॉर्म पर बताया, ‘हमें याली एरोस्पेस में निवेश का ऐलान करते हुए बेहद खुशी हो रही है। ड्रोन टेक्नोलॉजी से जुड़ी इस स्टार्टअप को पति-पत्नी दिनेश बलुराज और अनुग्रह ने तंजावुर में शुरू किया है। वे अपने शहर तंजावुर में इस स्टार्टअप को शुरू करने के लिए नीदरलैंड से आए हैं।’ हालांकि, उन्होंने निवेश से जुड़ी जानकारी साझा नहीं की। दिनेश, अनुग्रह और माथुरवाणी ने मिलकर इस स्टार्टअप को 2022 में शुरू किया था.
स्टार्टअप की वेबसाइट में कहा गया है, ‘हम अपनी आधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर एविएशन से जुड़ी भविष्य की चीजें बनाते हैं। हम भारत में अपना ड्रोन बनाते हैं और इंजीनियर एवं वैज्ञानिकों के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने को लेकर प्रतिबद्ध हैं।’
वेम्बू का कहना है कि याली एरोस्पेस (Yali Aerospace) ने फिक्स्ड-विंग ड्रोन बनाया है, जिसमें वर्टिकल टेक-ऑफ और लैंडिंग की सुविधा है। उन्होंने बताया, ‘ याली के ड्रोन दूर-दराज के अस्पतालों में दवाएं और अन्य जरूरी चीजें पहुंचाने में मददगार हैं। इसकी रेंज 150 किलोमीटर है, जबकि इसका पेलोड 7 किलोग्राम तक है। साथ ही, इसकी अधिकतम स्पीड 155 किलोमीटर प्रति घंटा है।’
बिजनेस का विस्तार
वेम्बू ने यह ऐलान ऐसे वक्त में किया है, जब जोहो (ZOHO) आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा सेंटर में निवेश कर रही है, जो उसके कोर बिजनेस से अलग है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने खबर दी थी कि जोहो चिप बनाने की भी तैयारी में है और इसके लिए सरकार से इंसेंटिव की मांग कर रही है। जोहो ने मार्च में सऊदी अरब के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट के लिए 1,000 करोड़ रुपये निवेश का ऐलान किया था।
जोहो टेक्नोलॉजी से लैस मेडिकल इक्विपमेंट जैसी हार्डवेयर डिवाइस की मैन्युफैक्चरिंग में भी निवेश कर रही है। कंपनी ने ऐसे वक्त में याली में निवेश किया है, जब भारत में ड्रोन स्पेस में निवेशकों की दिलचस्पी तेजी से बढ़ रही है। मनीकंट्रोल ने 23 मई को खबर दी थी कि गूगल (Google) की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट (Alphabet) तमिलनाडु में अपनी सब्सिडियरी LLC के जरिये ड्रोन की मैन्युफैक्चरिंग शुरू करेगी।