मां चामुंडा दरबार शाहजहांनाबाद के पंडित रामजीवन दुबे ने बताया कि ग्रहण दृश्य पर्व होता है, इसलिए जहां यह दिखाई देता है, वहीं पर इसका प्रभाव और सूतक मान्य होता है। यह भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इसका सूतक हमारे यहां मान्य नहीं होगा।
By Brajendra verma
Publish Date: Mon, 08 Apr 2024 08:35 AM (IST)
Updated Date: Mon, 08 Apr 2024 08:35 AM (IST)
HighLights
- नौ अप्रैल से नवरात्र शुरू होंगे
- हिन्दू नववर्ष भी इसी दिन से शुरू हा रहा
- विशेष फलदायी होती है सोमवती अमावस्या
Somvati Amavasya 2024: नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। इस वर्ष की आखिरी सोमवती अमावस्या और अप्रैल को रहेगी। इन दिनों चैत्र माह चल रहा है। नौ अप्रैल से चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के साथ ही विक्रम संवत 2081 की शुरूआत होगी। इसके साथ ही नवरात्र भी शुरू होंगे। नवरात्र और नव संवत्सर के पूर्व कई वर्षों बाद सोमवती अमावस्या का संयोग बन रहा है। इस बार सोमवती अमावस्या के दिन सूर्यग्रहण रहेगा, लेकिन यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए धार्मिक दृष्टि से इस ग्रहण का कोई असर भारत में नहीं होगा। यह ग्रहण विदेशों में देखा जा सकेगा। मां चामुंडा दरबार शाहजहांनाबाद के पंडित रामजीवन दुबे ने बताया कि ग्रहण दृश्य पर्व होता है, इसलिए जहां यह दिखाई देता है, वहीं पर इसका प्रभाव और सूतक मान्य होता है। यह भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इसका सूतक हमारे यहां मान्य नहीं होगा।
विशेष फलदायी होती है सोमवती अमावस्या
पंडित विष्णु राजौरिया ने बताया कि सोमवती अमावस्या का दिन बेहद खास माना गया है। इस दिन स्नान दान करना विशेष शुभ होता है। इस दिन पवित्र तीर्थों में स्नान करना विशेष फलदायी होता है। जब अमावस्या तिथि सोमवार के दिन आती है तो सोमवती अमावस्या का योग बनता है। साल में बहुत कम बार ऐसा मौका आता है, जब सोमवार को अमावस्या आती है।
कर सकेंगे दान-पुण्य
सोमवती अमावस्या को स्नानदान के पर्व के रूप में माना जाता है। ग्रहण का असर नहीं होने के कारण धार्मिक दृष्टि से सूतक, स्नान, दान-पुण्य आदि दोष मान्य नहीं होंगे।
इन देशों में दिखेगा सूर्य ग्रहण
ग्रहण की खग्रास आकृति मेकिस्को, पूर्वी अमेरिका, कनाडा में दिखाई देगी। भारतीय समयानुसार ग्रहण का स्पर्श रात्रि 09:13 बजे से, मध्य 11:47 बजे, मोक्ष रात्रि 02:22 बजे होगा।