Sawan 2024: हिंदू धर्म में सावन के महीने का खास महत्व है। इस महीने, मौसम तो सुहावना होता ही है, साथ ही भगवान शिव की अराधना इसे और भी पावन बना देती है। भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना के साथ ही सावन में व्रत रखने की भी मान्यता है। श्रद्धालु अपनी श्रद्धा अनुसार एक या अनेक दिन व्रत रखते हैं। शादीशुदा महिलाएं और लड़कियां, सावन में विशेष श्रृंगार करती हैं। श्रृंगार में महिलाएं सिंदूर लगाती हैं, पैरों मे आलता मलती हैं, काजल लगाती हैं और जेवर भी पहनती हैं। श्रृंगार करने से केवल रूप ही नहीं निखरता, बल्कि ऐसा माना जाता है कि इससे मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाया जा सकता है। आप सोच रहे होंगे कि भला श्रृंगार करने से मानसिक स्वास्थ्य कैसे बेहतर बनाया जा सकता है। लेकिन मेडिकल एक्सपर्ट्स भी इस बात को मानते हैं कि श्रृंगार करने का पॉजिटिव असर मानसिक स्वास्थ्य पर देखा जा सकता है। इस लेख में हम जानेंगे कि श्रृंगार आपके मानसिक स्वास्थ्य को कैसे बेहतर बनाता है। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के बोधिट्री इंडिया सेंटर की काउन्सलिंग साइकोलॉजिस्ट डॉ नेहा आनंद से बात की।
मानसिक स्वास्थ्य के लिए श्रृंगार के फायदे- Shringhar Benefits For Mental Health
मानसिक स्वास्थ्य के लिए श्रृंगार करने के कई फायदे हो सकते हैं। यह एक व्यक्ति के आत्मसम्मान, आत्मविश्वास और मेंटल बैलेंस पर पॉजिटिव असर डालता है। श्रृंगार करने से मानसिक सेहत को कई फायदे मिल सकते हैं-
- श्रृंगार करने से व्यक्ति को अपने बारे में अच्छा महसूस होता है। इस तरह उसका आत्मसम्मान और आत्मविश्वास बढ़ता है।
- श्रृंगार करना भी एक तरह की सेल्फ-केयर हॉबी है। इसलिए इसे मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है। सेल्फ केयर की मदद से मानसिक तनाव को कम किया जा सकता है।
- श्रृंगार की मदद से व्यक्ति क्रिएटिविटी दिखा सकता है और इस तरह मन को संतुष्टि और खुशी मिलती है।
- नियमित श्रृंगार करने से एक अनुशासन और रूटीन बनता है, जो मानसिक स्थिरता में मददगार साबित हो सकता है।
- श्रृंगार करने से मूड में सुधार होता है। यह एक पॉजिटिव अनुभव हो सकता है जो व्यक्ति को दिनभर की थकान से राहत दिला सकता है।
- श्रृंगार करने से सामाजिक संपर्क में सुधार होता है। जब व्यक्ति अच्छा महसूस करता है, तो वह अन्य लोगों के साथ ज्यादा सकारात्मक और आत्मविश्वास से भरा हुआ संवाद करता है।
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श्रृंगार करने से व्यक्ति खुशी का अनुभव करता है: स्टडी- Makeup Makes You Happy
पूरी दुनिया में डिप्रेशन एक बड़ी समस्या बना हुआ है। महिलाओं में, पुरुषों के मुकाबले डिप्रेशन के मामले ज्यादा देखने को मिलते हैं। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन एक जर्नल में स्टडी प्रकाशित हुई थी। स्टडी में दो ग्रुप बनाए गए एक वो ग्रुप जिसे मेकअप करने के लिए कहा गया और एक वह ग्रुप जिसे मेकअप करने के लिए नहीं कहा गया। रिजल्ट में यह देखा गया कि जिस ग्रुप के लोगों ने मेकअप किया, वह अपनी सेल्फ इमेज को लेकर पॉजिटिव थे और उन्हें आत्मविश्वास नजर आ रहा था। वहीं जिन लोगों ने मेकअप नहीं किया था, उनमें सेल्फ इमेज को लेकर कम अच्छे विचार थे और वे अपनी सेल्फ इमेज के प्रति उतना पॉजिटिव नहीं नजर आए।
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Study Link: https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC10965876/