शहर की शीतलदास की बगिया, टीला जमालपुरा शीतला माता मंदिर अन्य मंदिरों में महिलाएं कर रही है पूजा।
By Brajendra verma
Publish Date: Mon, 01 Apr 2024 09:10 AM (IST)
Updated Date: Mon, 01 Apr 2024 09:10 AM (IST)
HighLights
- तिथि की शुरुआत 31 मार्च को रात 09.30 मिनट पर शुरू होगी
- अगले दिन एक अप्रैल को रात 09.09 पर इसका समापन होगा
- शीतला पूजन – सुबह 06.11 – शाम 06.39 (एक अप्रैल)
Sheetala Saptami: भोपाल(नवदुनिया प्रतिनिधि)। शीतला सप्तमी पर सोमवार को शीतला माता की पूजा की जा रही है। सुबह से ही शीतलदास की बगिया,टीला जमालपुरा शीतला माता मंदिर सहित अन्य शीतला माता मंदिर महिलाएं पहुंची। जहां पर विधि-विधान के साथ पूजन कर बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य व परिवार के लिए मंगल कामनाएं कर रही है। सुबह बासी व ठंडे भोजन का भोग ही माताराणी को लगाया जाएगा।
पंडित विनोद गौतम ने बताया कि बताया कि शीतला सप्तमी का व्रत एक अप्रैल को रहेगा। तिथि की शुरुआत 31 मार्च को रात 09.30 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन एक अप्रैल को रात 09.09 पर इसका समापन होगा। तो वहीं शीतला पूजन – सुबह 06.11 – शाम 06.39 (एक अप्रैल)।
वहीं पंडित रामजीवन दुबे ने बताया कि पौराणिक कथा के अनुसार एक बार किसी गांव में लोग शीतला माता की पूजा-अर्चना कर रहे थे। तब उन्होंने गरिष्ठ भोजन माता को प्रसाद के रूप में चढ़ा दिया। शीतलता का प्रतीक मां शीतला का मुंह इससे जल गया और वे नाराज हो गईं। उन्होंने कोप दृष्टि से संपूर्ण गांव में आग लगा दी। केवल एक बुढ़िया का घर सुरक्षित रहा। गांव वालों ने बुढ़िया के पास जाकर इसका कारण पूछा। तो उसने बताया कि वह रात को ही भोजन बनाकर रख ली थी। उसने मां को भोग के रूप में उस ठंडा-बासी भोजन को खिलाया। इससे मां ने प्रसन्न होकर उसके घर को जलने से बचा लिया। उसकी बात सुनकर गांव वालों ने मां से क्षमा मांगी और रंगपंचमी के बाद आने वाली सप्तमी के दिन उन्हें बासी भोजन खिलाकर मां का पूजन किया।
मंगलवार को अष्टमी पर भी होगी पूजा
अष्टमी पर भी माता शीतला का पूजन व बासी भोजन का अर्पण किया जाता है। इसके चलते कुछ महिलाएं मंगलवार को भी पूजा करेगी। इस मौके पर शीतला माता मंदिर शॉपिंग सेंटर टीला जमालपुरा पर शीतला माता जनकल्याण भक्त मंडल के तत्वाधान में शीतला माता की पूजा अर्चना कर दीप प्रज्वलित किए जाएंगे। मंदिर के पुजारी श्रीहरि जोशी ने बताया कि सप्तमी व अष्टमी पर शाम को 151 दीप प्रज्वलित कर आरती की जाएगी। इसके पश्चात माताओं बहनों को प्रसाद वितरित किया जाएगा।