इस महीने यह व्रत 6 अप्रैल 2024 दिन शनिवार को रखा जाएगा। कहा जाता है कि इस व्रत को सच्ची श्रद्धा से रखा जाए, तो भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
By Arvind Dubey
Publish Date: Sat, 30 Mar 2024 02:03 PM (IST)
Updated Date: Sat, 30 Mar 2024 02:03 PM (IST)
HighLights
- शनिवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष को शनि प्रदोष के नाम से जाना जाता है।
- शनि प्रदोष व्रत बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।
- भगवान शिव के साथ-साथ शनिदेव की भी पूजा करनी चाहिए।
धर्म डेस्क, इंदौर। Shani Pradosh Vrat 2024: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत महत्व है। यह दिन भगवान शिव को समर्पित माना जाता है। इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा की जाती है। शनिवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष को शनि प्रदोष के नाम से जाना जाता है। इस महीने यह व्रत 6 अप्रैल 2024 दिन शनिवार को रखा जाएगा। कहा जाता है कि इस व्रत को सच्ची श्रद्धा से रखा जाए, तो भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
शनि प्रदोष व्रत महत्व
शनि प्रदोष व्रत बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। शनि देव भगवान शिव के बहुत बड़े भक्त थे और प्रदोष व्रत बहुत पवित्र और विशेष होता है, शनि दोष से पीड़ित लोगों को शनि प्रदोष व्रत जरूर करना चाहिए, इससे जीवन में चल रहे कष्टों से छुटकारा मिलता है। इस दिन भगवान शिव के साथ-साथ शनिदेव की भी पूजा करनी चाहिए।
शनि प्रदोष पूजा विधि
- इस दिन सुबह जल्दी उठें और पवित्र स्नान करें।
- इसके बाद पूजा घर को अच्छी तरह साफ करें।
- एक चौकी पर भगवान शिव और देवी पार्वती की मूर्ति स्थापित करें।
- पंचामृत और गंगाजल से उन्हें स्नान कराएं।
- अब सफेद चंदन और कुमकुम का तिलक लगाएं।
- इसके बाद देसी घी का दीपक लगाएं।
- फल, मिठाई और खीर का भोग लगाएं।
- शिव चालीसा, शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करें।
- आरती के साथ पूजा समाप्त करें।
- प्रदोष पूजा हमेशा शाम में की जाती है, इसलिए इसे शाम में ही पूजा करें।
- शनिदेव की कृपा प्राप्त करने के लिए पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
- पूजा समाप्त करने के बाद सात्विक भोजन से व्रत खोलें।
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