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- SEBI Study Finds 93% Of Individual F&O Traders Made Losses Between FY22 FY24
मुंबई46 मिनट पहले
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सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने बताया कि इक्विटी फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस यानी F&O सेगमेंट में 10 में से 9 इंडिविजुअल ट्रेडर्स को लॉस हुआ है। मार्केट रेगुलेटर SEBI ने अपनी एक लेटेस्ट एनालिसिस रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी है।
SEBI ने रिपोर्ट में बताया कि फाइनेंशियल ईयर-22 और फाइनेंशियल ईयर-24 के बीच तीन साल की टाइम ड्यूरेशन में 1 करोड़ से ज्यादा F&O ट्रेडर्स में से 93% को टोटल 1.8 लाख करोड़ रुपए का घाटा हुआ है। यानी लगभग 93 लाख ट्रेडर्स में से हर एक ट्रेडर को करीब 2 लाख रुपए (ट्रांजेक्शन कॉस्ट सहित) का एवरेज लॉस हुआ है।
इक्विटी और इक्विटी डेरिवेटिव मार्केट्स में इन्वेस्टर्स की भागीदारी बढ़ी SEBI की लेटेस्ट रिपोर्ट में कहा गया है, ‘इक्विटी और इक्विटी डेरिवेटिव मार्केट्स में इंडिविजुअल इन्वेस्टर्स की भागीदारी बढ़ी है। इस वजह से यह स्टडी FY22 से FY24 के दौरान और सभी कैटेगरी के लिए F&O में इंडिविजुअल ट्रेडर्स के प्रॉफिट और लॉस पैटर्न का एनालिसिस करने के लिए की गई थी।’
FY22 में 89% इंडिविजुअल इक्विटी F&O ट्रेडर्स को घाटा हुआ था इससे पहले SEBI ने जनवरी 2023 में एक स्टडी पब्लिश की थी। तब SEBI ने बताया था कि फाइनेंशियल ईयर-22 में 89% इंडिविजुअल इक्विटी F&O ट्रेडर्स को घाटा हुआ था।
सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) की F&O सेगमेंट पर एनालिसिस रिपोर्ट।
SEBI की स्टडी की खास बातें –
- लॉस में रहने वाले टॉप 3.5% यानी लगभग 4 लाख ट्रेडर्स को FY22-FY24 के बीच प्रति व्यक्ति एवरेज 28 लाख रुपए का घाटा हुआ, जिसमें ट्रांजेक्शन कॉस्ट भी शामिल है।
- ट्रांजेक्शन कॉस्ट को एडजस्ट करने के बाद सिर्फ 1% इंडिविजुअल ट्रेडर्स ही 1 लाख रुपए से ज्यादा का मुनाफा कमाने में सफल रहे हैं।
- प्रोप्राइटरी ट्रेडर्स और FPIs ने एक कैटेगरी के तौर पर FY24 में 33,000 करोड़ रुपए और 28,000 करोड़ रुपए का ग्रॉस ट्रेडिंग प्रॉफिट दर्ज किया था।
- फाइनेंशियल ईयर- 24 में इंडिविजुअल ट्रेडर्स और अन्य लोगों को 61,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ था।
- ज्यादातर प्रॉफिट बड़ी एंटिटीज ने जनरेट किया था, जिन्होंने ट्रेडिंग एल्गोरिथम का यूज किया। जिसमें 97% FPI प्रॉफिट और 96% प्रोप्राइटरी ट्रेडर्स प्रॉफिट एल्गोरिथम ट्रेडिंग से आया था।
- ज्यादातर इंडिविजुअल ट्रेडर्स ने F&O सेगमेंट में पैसा नहीं कमाया। उन्होंने FY24 में F&O ट्रांजेक्शन कॉस्ट पर प्रति व्यक्ति एवरेज 26,000 रुपए खर्च किए।
- FY22 से FY24 तक की तीन साल में ट्रेडर्स ने ट्रांजेक्शन कॉस्ट पर लगभग 50,000 करोड़ रुपए खर्च किए, जिसमें 51% ब्रोकरेज फीस और 20% एक्सचेंज फीस शामिल थी।
- उम्र के लिहाज से F&O सेगमेंट में यंग ट्रेडर्स (30 साल से कम) का रेश्यो FY23 में 31% से बढ़कर FY24 में 43% हो गया।
- टोटल F&O ट्रेडर बेस में बियॉन्ड टॉप 30 (B30) शहरों के इंडिविजुअल ट्रेडर्स की 72% से ज्यादा की हिस्सेदारी रही। यह म्यूचुअल फंड इन्वेस्टर्स की तुलना में ज्यादा है।
- ट्रेडर्स की इनकम प्रोफाइल्स की बात करें तो FY24 में 75% से ज्यादा इंडिविजुअल F&O ट्रेडर्स ने 5 लाख रुपए से कम की एनुअल इनकम डिक्लेयर की थी।
- ट्रेडिंग बिहेवियर और परसिसटेंस की बात करें तो लगातार कई सालों तक घाटे के बावजूद, घाटे में चल रहे 75% से ज्यादा ट्रेडर्स ने F&O में ट्रेडिंग जारी रखी है।
फ्यूचर्स एंड ऑप्शन क्या होता है? फ्यूचर्स एंड ऑप्शन (F&O) एक प्रकार के फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट हैं जो निवेशक को स्टॉक, कमोडिटी, करेंसी में कम पूंजी में बड़ी पोजीशन लेने की अनुमति देते हैं। फ्यूचर्स और ऑप्शन, एक प्रकार के डेरिवेटिव कॉन्ट्रेक्ट होते हैं, जिनकी एक तय अवधि होती है।
इस समय सीमा के अंदर इनकी कीमतों में स्टॉक की प्राइस के अनुसार बदलाव होते हैं। हर शेयर का फ्यूचर्स और ऑप्शन एक लॉट साइज में अवेलेबल होता है।