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SEBI Chief Madhavi Puri Buch Vs Congress; Pawan Kheda | Mahindra & Mahindra | कांग्रेस बोली-सेबी चेयरपर्सन के पति को महिंद्रा से पैसा मिला: दावा- मामले निपटाने के लिए ₹4.78 करोड़ मिले; कंपनी बोली- धवल एक्सपर्ट इसलिए नियुक्ति की

bareillyonline.com by bareillyonline.com
11 September 2024
in बरेली न्यूज़
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SEBI Chief Madhavi Puri Buch Vs Congress; Pawan Kheda | Mahindra & Mahindra | कांग्रेस बोली-सेबी चेयरपर्सन के पति को महिंद्रा से पैसा मिला: दावा- मामले निपटाने के लिए ₹4.78 करोड़ मिले; कंपनी बोली- धवल एक्सपर्ट इसलिए नियुक्ति की
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नई दिल्ली2 घंटे पहले

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कांग्रेस ने मंगलवार (10 सितंबर) को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की अध्यक्ष माधवी पुरी बुच पर नए आरोप लगाए। कांग्रेस ने कहा कि माधबी के पति धवल बुच को ऑटोमोबाइल कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M) से 2019 और 2021 के बीच 4.78 करोड़ रुपए मिले थे।

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कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि सेबी ने इस दौरान (M&M) से जुड़े मामलों में चार आदेश जारी किए थे। यह उस समय हुआ जब धवल की पत्नी माधबी सेबी की सदस्य थीं।

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2016-17, 2019-2020 और 2023-2024 तक माधबी पुरी ने एगोरा के माध्यम से 2.95 करोड़ कमाए। ये पैसे महिंद्रा एंड महिंद्रा, डॉक्टर रेड्डीज, पिडीलाइट, आईसीआईसीआई, सैम्बकॉर्प और विसूलीजी एंड फाइनेंस इन 6 कंपनियों से कमाए गए। ये सारी कंपनियां लिस्टेड हैं और ये सेबी से रेगुलेट होती हैं और साथ ही ये सभी एगोरा की क्लाइंट हैं। – पवन खेड़ा, कांग्रेस नेता

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हालांकि इन आरोपों को महिंद्रा एंड महिंद्रा ने झूठा बताया। कंपनी ने कहा- धवल को उनकी विशेषता के लिए नियुक्त किया था। हमने कभी भी सेबी से किसी तरह के सहूलियत नहीं मांगी थी।

जयराम रमेश ने पूछे पीएम मोदी से 3 सवाल

  • क्या प्रधानमंत्री को पता है कि माधबी पी बुच अगोरा एडवाइजरी प्राइवेट लिमिटेड में 99% हिस्सेदारी रखती हैं और महिंद्रा एंड महिंद्रा सहित सूचीबद्ध कंपनियों से बड़ी फीस ले रही हैं?
  • क्या प्रधानमंत्री को माधबी बुच के इस विवादास्पद संस्था से संबंध के बारे में जानकारी है?
  • क्या प्रधानमंत्री को पता है कि माधबी के पति को रिटायरमेंट के बाद महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड से अच्छी खासी कमाई हो रही है?

महिंद्रा एंड महिंद्रा ने जवाब में क्या कहा महिंद्रा एंड महिंद्रा ने कहा- कंपनी ने धवल बुच को 2019 में हायर किया था। उन्हें उनके सप्लाई चेन और सोर्सिंग से जुड़े एक्सपीरियंस के लिए चुना गया था। उन्होंने अपना ज्यादातर समय ब्रिस्टलकोन में दिया। अभी धवल बुच इसके बोर्ड में हैं। वे माधबी पुरी बुच के सेबी प्रमुख बनने से करीब 3 साल पहले महिंद्रा ग्रुप में आए थे। उन्हें दिए गए पैसे उनके अनुभव और मैनेजमेंट के लिए थे।

सेबी के जिन 5 ऑर्डर की बात कांग्रेस ने की है, उनमें से 3 का कंपनी या इसकी सब्सिडियरी से कुछ लेना देना नहीं है। एक तो फास्ट ट्रैक राइट्स इश्यू था, जिसके लिए सेबी अप्रूवल की कोई जरूरत नहीं थी। एक ऑर्डर मार्च 2018 का है, जब धवल ने महिंद्रा ग्रुप में काम भी शुरू नहीं किया था।

पिछली बार कांग्रेस ने 3 जगह से लाभ लेने का आरोप लगाया था इससे पहले 2 सितंबर को कांग्रेस ने माधवी पर SEBI से जुड़े होने के दौरान ICICI बैंक समेत 3 जगहों से सैलरी लेने का आरोप लगाया था। पवन खेड़ा ने कहा था- माधबी पुरी बुच 5 अप्रैल, 2017 से 4 अक्टूबर, 2021 तक SEBI में पूर्णकालिक सदस्य थीं। फिर 2 मार्च, 2022 को माधबी पुरी बुच SEBI की चेयरपर्सन बनीं। SEBI की चेयरपर्सन को नियुक्त करने वाली कैबिनेट में PM मोदी और अमित शाह शामिल हैं।

उधर, ICICI ने आरोपों को नकारते हुए कहा था- ‘बैंक से रिटायर होने के बाद माधवी को कोई सैलरी या एम्प्लॉई स्टॉक ऑप्शन नहीं दिया गया। उन्होंने सिर्फ रिटायरमेंटल बेनिफिट्स लिए।’

जानिए क्या है SEBI और हिंडनबर्ग रिपोर्ट से जुड़ा विवाद

SEBI यानी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया, भारत सरकार की संस्था है। शेयर मार्केट के निवेशकों की सुरक्षा के लिए साल 1992 में इसकी स्थापना हुई थी। जनवरी 2023 में हिंडनबर्ग ने गौतम अडाणी पर अपने ग्रुप के शेयरों की कीमतें बढ़ाने के लिए ऑफशोर फंड का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था। अडाणी ने आरोपों से इनकार किया, लेकिन मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। SEBI को मामले की जांच सौंपी गई थी।

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