Nature नामक जर्नल में एक नई स्टडी पब्लिश की गई है। इसमें गुआना तट के करीब पानी के भीतर मौजूद क्रेटर्स के डिटेल्ड स्कैन वैज्ञानिकों ने निकाले हैं। रिपोर्ट के अुसार, इनको आधार बनाकर दावा किया गया है कि उस वक्त इतना ही बड़ा एक और एस्टरॉयड धरती से टकराया था। जिसने पृथ्वी पर ऐसे हालात पैदा करने में उतनी ही बड़ी भूमिका निभाई थी और जो डायनासोर के विलुप्त होने में उतना ही बड़ा भागीदार था।
वैज्ञानिकों ने नादिर (Nadir) क्रेटर को मापा है। यह 8 किलोमीटर चौड़ा है। दावा किया गया है कि यह क्रेटर 400 मीटर चौड़े एस्टरॉयड द्वारा बनाया गया है। यह एस्टरॉयड धरती से 72 हजार किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड से टकराया था। हालांकि कहा गया है कि पहले एस्टरॉयड से यह साइज में कुछ कम था। लेकिन यह फिर भी इतना शक्तिशाली धमाका था कि इसने धरती पर एक बड़ा निशान छोड़ा था।
शोधकर्ताओं ने 3D सिस्मिक इमेजिंग का इस्तेमाल किया है। सी-फ्लोर (sea floor) से यह क्रेटर 300 मीटर नीचे है। यानी इसके निशान रेत की परत के नीचे दबे हैं। इसकी भूवैज्ञानिक विशेषताएं सिस्मिक इमेजिंग के द्वारा ही पता लगाई गई हैं। स्टडी से जुड़े डॉ निकॉल्सन कहते हैं कि दुनियाभर में ऐसे 20 के लगभग मरीन क्रेटर मौजूद हैं। लेकिन यह पहला है जिसकी इतनी डिटेल स्टडी की गई है।
स्टडी से निष्कर्ष निकलता है कि इसके प्रभाव से तीव्र झटके आए जिससे समुद्र तल के नीचे मौजूद तलछट लिक्विड में बदल गई। इससे भूस्खलन हुए जिससे क्रेटर के किनारे से परे हजारों वर्ग मील तक नुकसान हुआ जिसके निशान अभी भी मौजूद हैं। साथ ही इस टक्कर से एक विशाल सुनामी उठी जिसकी ऊंचाई लगभग 800 मीटर से अधिक रही होगी और यह अटलांटिक महासागर तक पहुंच गई होगी। हालांकि इस एस्टरॉयड की टाइमिंग के बारे में शोधकर्ता अभी पुख्ता तौर पर नहीं कह पाए हैं। यह 6.5 से 6.7 करोड़ साल पहले गिरा बताया गया है। लेकिन इतना तो तय है कि डायनासोर के खात्मे में एक से ज्यादा एस्टरॉयड शामिल थे।
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