पहले अनुमान था कि विस्फोट सितंबर महीने में कभी हो सकता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि अब वह टाइम करीब आ गया है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) के अनुसार, टी कोरोना बोरियालिस तारे में हर 79 से 80 साल में विस्फोट होता है। यानी इस बार विस्फोट के बाद यह फिर 80 साल के लिए खामोश हो जाएगा।
क्यों होता है 80 साल में विस्फोट?
टी कोरोना बोरियालिस एक बाइनरी सिस्टम में बंधा है। ऐसे सिस्टम में एक बड़ा तारा होता है और एक सफेद बौना तारा। मौजूदा मामले में बड़ा तारा अपने मटीरियल को सफेद बौने तारे के तल पर डंप कर रहा है। दोनों एक-दूसरे के बहुत नजदीक चक्कर लगा रहे हैं, ऐसे में मटीरियल डंप होने के कारण बौने तारे के तापमान में बढ़ोतरी हो रही है। रिपोर्ट के अनुसार, टेंपरेचर के ज्यादा बढ़ने पर उसमें थर्मोन्यूक्लियर विस्फोट शुरू हो जाएगा। आखिरकार सफेद बौना तारा सारे मटीरियल को अंतरिक्ष में उड़ा देगा और बहुत अधिक चमकीला हो जाएगा।
इस नजारे को देखने के लिए वैज्ञानिकों ने तैयारी कर ली है। उन्होंने जमीन और स्पेस से ऑपरेट हो रहे टेलिस्कोपों से डेटा जुटाने की योजना बनाई है। नासा के फर्मी गामा-रे स्पेस टेलीस्कोप से इस तारे पर नजर रखी जा रही है। वैज्ञानिक हर घंटे पर अपडेट ले रहे हैं। वह देखना चाहते हैं कि इस विस्फोट का हमारे अंतरिक्ष में तैरती किरणों पर क्या असर होगा।
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