देश के सबसे बड़े ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक ने कॉरपोरेट ऋण की ब्याज दर बढ़ाने के संकेत दिए हैं। बैंक ने कहा है कि ब्याज दरों अभी चरम पर नहीं पहुंची हैं और इनमें 10 से 15 आधार अंक इजाफा हो सकता है। बैंक ने पिछले हफ्ते ही सीमांत लागत आधारित उधारी दर (एमसीएलआर) बढ़ाई थी।
कंपनियों को दिए जाने वाले ऋण एमसीएलआर से जुड़े होते हैं। यह दर बैंक को रकम मिलने में आने वाली लागत पर निर्भर करती है। खुदरा ऋण बाह्य बेंचमार्क उधारी दर (ईबीएलआर) से जुड़े होते हैं, जो आम तौर पर भारतीय रिजर्व बैंक की रीपो दर से तय होती है।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैंकों से कहा था कि ऋण और जमा वृद्धि की रफ्तार में फर्क देखते हुए उन्हें अपने कारोबारी मॉडल पर नए सिरे से विचार करना चाहिए। दास के इस सुझाव के बाद स्टेट बैंक ने एमसीएलआर बढ़ा दी। केंद्रीय बैंक ने फरवरी 2023 से रीपो दर में कोई बदलाव नहीं किया है और यह 6.5 फीसदी बनी हुई है।
स्टेट बैंक में एक शीर्ष अधिकारी ने अपनी पहचान जाहिर न करने की शर्त पर बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा कि जमा दर को नीतिगत दर के हिसाब से बदलने का काम कमोबेश पूरा हो चुका है। मगर उन्होंने कहा, ‘उधारी दर में वहां 10-15 आधार अंक इजाफे की गुंजाइश है, जहां एमसीएलआर को बेंचमार्क माना गया है।’
जमा दरों में वृद्धि का सिलसिला शायद पूरा हो चुका है मगर कर्ज की ब्याज दर इसका असर अभी कुछ महीने तक पता चलता रहेगा। नकदी की किल्लत ने बैंकों को कर्ज मांग पूरी करने के लिए ऊंची ब्याज दर पर जमा लेने के लिए मजबूर किया। रकम की लागत बढ़ने से एमसीएलआर भी बढ़ेगी, जो लघु एवं मझोले उद्यमों के ऋण के लिए बेंचमार्क है।
पिछले सप्ताह ही स्टेट बैंक के चेयरमैन दिनेश खारा ने संकेत दिया था कि जमा दरें उच्चतम स्तर पर पहुंज गई हैं और अब इनमें बढ़ोतरी की गुंजाइश नहीं है। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार स्टेट बैंक के ऋण बहीखाते में एमसीएलआर आधारित ऋणों की हिस्सेदारी मार्च 2024 तक 36-37 फीसदी थी। सूचीबद्ध वाणिज्यिक बैंकों में एमसीएलआर आधारित ऋणों का हिस्सा कुल ऋण में 39.4 फीसदी था।
मई में अर्थव्यवस्था की सेहत पर रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार मई 2022 के बाद से रीपो दर में 250 आधार अंक इजाफे के कारण नई एवं पुरानी जमा पर भारित औसत सावधि जमा दरें 250 और 185 आधार अंक बढ़ चुकी हैं। बैंक एमसीएलआर तब बढ़ाते हैं, जब रकम जुटाना उनके लिए महंगा हो जाता है।
स्टेट बैंक के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि उधारी दरें 10 से 15 आधार अंक बढ़ने की गुंजाइश मौजूद है। उनका कहना था कि इससे बैंक को शुद्ध ब्याज मार्जिन सुधारने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा, ‘आवास ऋण सहित खुदरा ऋण श्रेणी में ब्याज दर बढ़ाने की गुंजाइश ही नहीं है क्योंकि वहां होड़ बहुत ज्यादा है। उद्योग एवं सेवा श्रेणियों में मजबूती आ रही है, जिससे मिजाज बुलंद लग रहा है। पूंजीगत व्यय में तेजी से भी संभावनाएं बढ़ रही हैं।’
First Published – June 17, 2024 | 10:26 PM IST