मुंबई10 मिनट पहले
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मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से देश की टॉप-10 कंपनियों में से 6 की वैल्यू बीते हफ्ते कंबाइंड रूप से 1.07 लाख करोड़ रुपए बढ़ी है। इस दौरान स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) टॉप गेनर रही है। हफ्ते भर के कारोबार के बाद बैंक का मार्केट कैप 36,100 करोड़ रुपए बढ़कर 7.33 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गई है।
SBI के अलावा, ICICI बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, ITC और हिंदुस्तान यूनिलीवर का हफ्तेभर के कारोबार के बाद मार्केट कैप बढ़ा है। वहीं, इंफोसिस इस दौरान टॉप लूजर रही। कंपनी का मार्केट कैप 38,054 करोड़ रुपए कम होकर 7.31 लाख करोड़ रुपए पर आ गया है।
इन कंपनियों का मार्केट कैप बढ़ा
कंपनी | मार्केट कैप में बढ़ोतरी (₹करोड़ में) | मौजूदा मार्केट कैप (₹लाख करोड़ में) |
SBI | ₹36,100.09 | ₹7.33 |
ICICI बैंक | ₹25,775.58 | ₹9.11 |
LIC | ₹16,887.74 | ₹5.89 |
Reliance Industries | ₹15,393.45 | ₹18.12 |
ITC | ₹10,671.63 | ₹6.14 |
हिंदुस्तान यूनिलीवर | ₹2,537.56 | ₹5.96 |
टोटल | ₹1,07,366.05 | *** |
इन कंपनियों का मार्केट कैप कम हुआ
कंपनी | मार्केट कैप में गिरावट (₹करोड़ में) | मौजूदा मार्केट कैप (₹लाख करोड़ में) |
इंफोसिस | ₹38,054.43 | ₹7.31 |
एयरटेल | ₹27,299.54 | ₹9.20 |
TCS | ₹26,231.13 | ₹14.42 |
HDFC बैंक | ₹3,662.78 | ₹13.26 |
टोटल | ₹95247.88 | *** |
मार्केट कैप के लिहाज से देश की टॉप-10 कंपनियां
कंपनी | मार्केट कैप (₹ लाख करोड़ में) |
रिलायंस | ₹18.12 |
TCS | ₹14.42 |
HDFC बैंक | ₹13.26 |
एयरटेल | ₹9.20 |
ICICI बैंक | ₹9.11 |
SBI | ₹7.33 |
इंफोसिस | ₹7.31 |
ITC | ₹6.14 |
हिंदुस्तान यूनिलीवर | ₹5.96 |
LIC | ₹5.89 |
मार्केट कैपिटलाइजेशन क्या होता है?
मार्केट कैप किसी भी कंपनी के टोटल आउटस्टैंडिंग शेयरों यानी वे सभी शेयर, जो फिलहाल उसके शेयरहोल्डर्स के पास हैं, की वैल्यू है। इसका कैलकुलेशन कंपनी के जारी शेयरों की टोटल नंबर को स्टॉक की प्राइस से गुणा करके किया जाता है।
मार्केट कैप का इस्तेमाल कंपनियों के शेयरों को कैटेगराइज करने के लिए किया जाता है, ताकि निवेशकों को उनके रिस्क प्रोफाइल के अनुसार उन्हें चुनने में मदद मिले। जैसे लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप कंपनियां।
मार्केट कैप = (आउटस्टैंडिंग शेयरों की संख्या) x (शेयरों की कीमत)
मार्केट कैप कैसे काम आता है?
किसी कंपनी के शेयर में मुनाफा मिलेगा या नहीं इसका अनुमान कई फैक्टर्स को देख कर लगाया जाता है। इनमें से एक फैक्टर मार्केट कैप भी होता है। निवेशक मार्केट कैप को देखकर पता लगा सकते हैं कि कंपनी कितनी बड़ी है।
कंपनी का मार्केट कैप जितना ज्यादा होता है, उसे उतनी ही अच्छी कंपनी माना जाता है। डिमांड और सप्लाई के अनुसार स्टॉक की कीमतें बढ़ती और घटती है। इसलिए मार्केट कैप उस कंपनी की पब्लिक पर्सीवड वैल्यू होती है।
मार्केट कैप कैसे घटता-बढ़ता है?
मार्केट कैप के फॉर्मूले से साफ है कि कंपनी की जारी शेयरों की कुल संख्या को स्टॉक की कीमत से गुणा करके इसे निकाला जाता है। यानी अगर शेयर का भाव बढ़ेगा तो मार्केट कैप भी बढ़ेगा और शेयर का भाव घटेगा तो मार्केट कैप भी घटेगा।