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- Saraswati Saree Depot IPO 2024 Update; Price Band, Lisitng Date, Lot Size
मुंबई2 घंटे पहले
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सरस्वती साड़ी डिपो लिमिटेड का इनिशियल पब्लिक ऑफर यानी IPO आज यानी 12 अगस्त को ओपन होगा। निवेशक 14 अगस्त तक इस IPO के लिए बिडिंग कर सकेंगे। 20 अगस्त को कंपनी के शेयर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर लिस्ट होंगे।
इस इश्यू के जरिए कंपनी टोटल ₹160.01 करोड़ जुटाना चाहती है। इसके लिए कंपनी ₹104 करोड़ के 6,499,800 फ्रेश शेयर इश्यू कर रही है। जबकि, कंपनी के मौजूदा निवेशक ऑफर फॉर सेल यानी OFS के जरिए ₹56.02 करोड़ के 3,501,000 शेयर बेच रहे हैं।
अगर आप भी इसमें पैसा लगाने का प्लान बना रहे हैं तो हम आपको बता रहे हैं कि आप इसमें कितना निवेश कर सकते हैं।
मिनिमम और मैक्सिमम कितना पैसा लगा सकते हैं?
सरस्वती साड़ी डिपो लिमिटेड ने इस इश्यू का प्राइस बैंड ₹152-₹160 तय किया है। रिटेल निवेशक मिनिमम एक लॉट यानी 90 शेयर्स के लिए बिडिंग कर सकते हैं। यदि आप IPO के अपर प्राइज बैंड ₹160 के हिसाब से 1 लॉट के लिए अप्लाय करते हैं, तो इसके लिए ₹14,400 इन्वेस्ट करने होंगे।
वहीं, मैक्सिमम 13 लॉट यानी 1170 शेयर्स के लिए रिटेल निवेशक अप्लाय कर सकते हैं। इसके लिए निवेशकों को अपर प्राइज बैंड के हिसाब से ₹187,200 इन्वेस्ट करने होंगे।
इश्यू का 35% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व
कंपनी ने इश्यू का 50% हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए रिजर्व रखा है। इसके अलावा 35% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स और बाकी का 15% हिस्सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) के लिए रिजर्व है।
1996 में हुई थी सरस्वती साड़ी डिपो की स्थापना
सरस्वती साड़ी डिपो लिमिटेड की स्थापना 1996 में हुई थी, जो विमेंस अपैरल की मैन्युफैक्चरिंग और होलसेल बिक्री करती है। कंपनी का प्रायमरी बिजनेस साड़ियों के होलसेल सेगमेंट में है।
इसके साथ ही कंपनी कुर्तियां, ड्रेस मटीरियल, ब्लाउज पीस, लहंगे सहित अन्य अपैरल की मैन्युफैक्चरिंग और बिक्री करती है। कंपनी मुख्य रूप से महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक और तमिलनाडु सहित साउथ और वेस्टन रिजन में अपने प्रोडक्ट बेचती है।
IPO क्या होता है?
जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर्स को आम लोगों के लिए जारी करती है तो इसे इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO कहते हैं। कंपनी को कारोबार बढ़ाने के लिए पैसे की जरूरत होती है। ऐसे में कंपनी बाजार से कर्ज लेने के बजाय कुछ शेयर पब्लिक को बेचकर या नए शेयर इश्यू करके पैसा जुटाती है। इसी के लिए कंपनी IPO लाती है।