ठंडा मौसम दिल के मरीजों के लिए खासा चुनौती भरा हो सकता है। इस समय जहां तापमान गिरने के कारण ब्लड में क्लोटिंग ज्यादा होने लगती है, वही रक्त को पंप करने के लिए भी हार्ट को अधिक मेहनत करनी पड़ती है।
मौसम की यह अहम बात है कि यह बदलता रहता है। किसी इवेंट में जावेद अख़्तर साहब ने यह कहा था कि भारत बहुत लकी है कि हमारे यहां तीन मौसम हैं। लेकिन यह सौभाग्य कईयों का दुर्भाग्य बन जाता है। सर्दियां आते ही हार्ट अटैक का ख़तरा (Heart attack in cold weather) बढ़ने की बात आपने भी सुनी होगी। क्यों होता है ऐसा? आज हम यही समझने जा रहे हैं।
ठंडे मौसम में कमजोर हो जाता है दिल (Heart function in cold weather)
हार्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टर प्रकाश चन्द्र का कहना है कि रात में सोते समय शरीर की गतिविधि धीमी हो जाती है। साथ ही, ब्लड प्रेशर और शुगर का स्तर भी कम हो जाता है। लेकिन सुबह उठने से पहले ही शरीर का ऑटोनॉमिक नर्वस सिस्टम उसे सामान्य स्तर पर लाने का काम करता है।
ऑटोनॉमिक नर्वस सिस्टम हर मौसम में काम करता है, लेकिन सर्दी के मौसम में इस सिस्टम के लिए दिल को सामान्य की तुलना में अधिक मेहनत करनी पड़ती है। इस वजह से जिन्हें पहले से दिल की बीमारी होती हैं उन्हें हार्ट अटैक का खतरा (Heart attack in cold weather) बढ़ जाता है।
हार्ट अटैक के लक्षण (Symptoms of Heart attack in cold weather)
ह्रदय रोग यानी दिल से संबंधित बीमारी (Heart attack in cold weather) होने पर आप खुद में अनेक लक्षणों को अनुभव कर सकते हैं जैसे कि-
- सांस लेने में तकलीफ
- सीने में जलन और दर्द
- सीने में दबाव महसूस होना
- पैर, टखने और तलवों में सूजन
- हाथ, कमर, गर्दन और जबड़े में दर्द
क्यों ठंडे मौसम में बढ़ जाता है हार्ट अटैक का जोखिम (Causes of heart attack in cold weather)
1 ज्यादा फैट वाला खाना
सर्दियों में लोग ज्यादा तली-भुनी चीजें और भारी खाना खाते हैं, जो दिल के लिए नुकसानदायक हो जाता है। इसके अलावा शराब पीने और स्मोकिंग करने से भी दिल की बीमारियों का खतरा (Heart attack in cold weather) बढ़ता है।
2 अचानक ब्लड प्रेशर बढ़ना
बहुत सर्द माहौल में भी शरीर को झटका लग सकता है, जिससे हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर तेजी से बढ़ सकता है। यह भी हार्ट अटैक की एक बड़ी वजह (Heart attack in cold weather) बन जाता है। इसीलिए डॉक्टर्स ठंड में बहुत ठंडे पानी से न नहाने की सलाह देते हैं।
3 कोलेस्ट्रॉल डिपॉजिट
ठंड के मौसम में लोग घर के अंदर रहना ज्यादा पसंद करते हैं और शारीरिक गतिविधियां (जैसे वॉक या एक्सरसाइज) कम हो जाती हैं। इससे शरीर में चर्बी और कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है जो दिल की नसों को ब्लॉक कर देता है।
4 खून गाढ़ा होना
ठंड के कारण खून गाढ़ा हो सकता है जिससे खून के थक्के (ब्लड क्लॉट्स) बनने के चांसेस बढ़ जाते हैं। ये थक्के दिल की धमनियों को ब्लॉक कर सकते हैं, इस वजह से भी लोगों में हार्ट अटैक देखा गया है।
5 सूजन बढ़ना
सर्दियों में फ्लू और सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियां भी ज्यादा होती हैं। ये बीमारियां शरीर में सूजन बढ़ा सकती हैं जो दिल के लिए हानिकारक है। ठंड का असर उन लोगों पर ज्यादा पड़ता है, जिन्हें पहले से हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज या दिल की कोई बीमारी (Heart attack in cold weather) है।
ठंडे मौसम में हार्ट के जोखिम से बचने के उपाय (Tips to reduce heart attack risk in cold weather)
1 व्यायाम करें
ठंड में शारीरिक व्यायाम अमूमन कम हो जाते हैं, लेकिन रोजाना हल्की-फुल्की एक्सरसाइज बहुत जरूरी है। सुबह की सैर या घर में योग और स्ट्रेचिंग जैसे व्यायाम करें। इससे शरीर में खून का संचार ठीक रहता है और दिल पर दबाव कम रहेगा।
2 संतुलित खाना
सर्दियों में ज्यादा तली-भुनी चीजें खाने का मन करता है, लेकिन इन्हें कम करें। इसके बजाय हरी सब्जियां, ताजे फल, सूखे मेवे और फाइबर से भरपूर आहार लें। हल्कानलेकिं पोषण से भरपूर भोजन दिल को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
3 गर्म कपड़े पहनें
ठंड से बचने के लिए शरीर को अच्छी तरह से ढकें। गर्म कपड़े, मोजे और टोपी पहनें ताकि शरीर का तापमान सही बना रहे। ठंड से दिल पर असर पड़ सकता है, इसलिए शरीर को गर्म रखना जरूरी है।
4 स्मोकिंग और शराब से बचें
धूम्रपान और शराब दिल के लिए बहुत नुकसानदायक है। ये ब्लडप्रेशर बढ़ाते हैं और दिल की नसों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। अगर आप अपने दिल का अच्छा स्वास्थ्य चाहते हैं तो इन आदतों को छोड़कर आप अपने दिल की सेहत को बेहतर बना सकते हैं।
5 नियमित हेल्थ चेकअप कराना जरूरी
अपना ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और शुगर समय-समय पर जांचते रहिए। अगर कोई समस्या हो, तो डॉक्टर की सलाह लें।
इन आसान उपायों को अपनाकर आप सर्दियों में अपने दिल को स्वस्थ और सुरक्षित रख सकते हैं। दिल का ख्याल रखना आपकी जिम्मेदारी है।
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