हिमालयी क्षेत्र में नवीकरणीय ऊर्जा खाद्य सुरक्षा ला सकती है क्रांतिकारी बदलाव
नई दिल्ली विशेषज्ञों ने कहा है कि नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग हिंदू कुश हिमालय (एचकेएच) क्षेत्र में खाद्य सुरक्षा में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है। इंटरनेशनल सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड माउंटेन डेवलपमेंट (आईसीआईएमओडी) और वैकल्पिक ऊर्जा संवर्धन केंद्र, नेपाल द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में विशेषज्ञों ने यह बात कही। यह सम्मेलन “हिंदू कुश हिमालय में कृषि में नवीकरणीय ऊर्जा के उन्नत उत्पादक उपयोग” विषय पर आयोजित किया गया था।
आईसीआईएमओडी के अनुसार, सम्मेलन में विकास भागीदार, नागरिक समाज के सदस्य, पर्यावरण विशेषज्ञ, निजी क्षेत्र के प्रतिनिधि और बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल और पाकिस्तान के सरकारी अधिकारी शामिल थे। इसमें 100 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। विशेषज्ञों ने कहा, “बढ़ता तापमान एचकेएच पहाड़ों में खाद्य सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर रहा है। पारंपरिक सिंचाई के तरीके और ऊर्जा तक सीमित पहुंच इन ऊंचाई वाले क्षेत्रों में कृषि उत्पादकता में बाधा डाल रहे हैं।”
एचकेएच क्षेत्र 3,500 किलोमीटर तक फैला हुआ है और यह अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, चीन, भारत, म्यांमार, नेपाल और पाकिस्तान तक फैला हुआ है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ ऊर्जा – जल, सौर, बायोमास और पवन – एचकेएच में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है।
नवीकरणीय ऊर्जा के क्या हैं लाभ:
- सिंचाई में सुधार: सौर और पवन ऊर्जा से चलने वाले पंपों का उपयोग करके किसान अपनी फसलों को अधिक कुशलता से सिंचाई कर सकते हैं।
- कृषि प्रसंस्करण: सौर ऊर्जा का उपयोग खाद्य पदार्थों को संसाधित और संरक्षित करने के लिए किया जा सकता है, जिससे बर्बादी कम होती है।
- बाजार तक पहुंच में सुधार: सौर ऊर्जा से चलने वाले रेफ्रिजरेटर और परिवहन का उपयोग करके किसान अपने उत्पादों को बाजार में अधिक आसानी से ले जा सकते हैं।
- आय में वृद्धि: किसान नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों को बेचकर या उनका उपयोग करके अतिरिक्त आय अर्जित कर सकते हैं।