सूर्य की किरणों का त्वचा पर बुरा प्रभाव होता है। सूरज से निकलने वाली यूवी किरणों के हानिकारक प्रभावों से बचने के लिए डॉक्टर और हेल्थ एक्सपर्ट त्वचा पर सनस्क्रीन का उपयोग करने की सलाह देते हैं।। अच्छी क्वालिटी का सनस्क्रीन हमारी त्वचा को न केवल धूप से बचाता है, बल्कि यह त्वचा को अनेक अन्य समस्याओं से भी सुरक्षा प्रदान करता है। सनस्क्रीन त्वचा पर सूर्य की यूवी किरणों को प्रतिबिंबित करने का काम करता है। दरअसल, यूवी किरणें त्वचा को झुलसाने यहां तक कि त्वचा के कैंसर का कारण बन सकती हैं, ऐसे में सनस्क्रीन का उपयोग त्वचा के लिए लाभकारी होता है। लेकिन कई बार सनस्क्रीन लगाने के बाद लोगों की त्वचा काली होने लगती है। इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने वसंत कुंज के फोर्टिस अस्पताल की सीनियर कंसल्टेंट, त्वचा विशेषज्ञ डॉक्टर रश्मि शर्मा (Dr. Rashmi Sharma, Dermatologist Sr. Consultant at Fortis Hospital, Vasant Kunj, Delhi) से बात की है।
सनस्क्रीन से डार्क स्किन क्यों होती है?
डॉक्टर ने बताया कि सनस्क्रीन का उपयोग हमारी त्वचा को सूर्य की हानिकारक किरणों से बचाने के लिए किया जाता है। लेकिन कभी-कभी सनस्क्रीन लगाने के बाद भी त्वचा का रंग गहरा या काला हो सकता है। इसके पीछे कुछ विशेष कारण हो सकते हैं, जैसे कि जिंक ऑक्साइड, टाइटेनियम डाइऑक्साइड और ऑक्सीबेनजोन। अगर आपके सनस्क्रीन में ये 3 चीजें होंगी तो सनस्क्रीन लगाने के बाद कालेपन की समस्या हो सकती है।
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1. जिंक ऑक्साइड – Zinc Oxide
जिंक ऑक्साइड अक्सर सनस्क्रीन में पाया जाता है। यह त्वचा की सतह पर परत बनाता है। हालांकि, यह त्वचा पर सफेद परत छोड़ सकता है, जिससे त्वचा काली दिख सकती है। इसके अलावा, कुछ लोगों की त्वचा जिंक ऑक्साइड के प्रति संवेदनशील हो सकती है, जिससे त्वचा में जलन या काले धब्बे हो सकते हैं। अगर आपकी त्वचा जिंक ऑक्साइड के प्रति संवेदनशील है, तो ऐसे सनस्क्रीन का उपयोग करें जिसमें यह न हो। इसके बजाय ऐसे सनस्क्रीन का उपयोग करें जो आपकी त्वचा को नुकसान न पहुंचाए।
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2. टाइटेनियम डाइऑक्साइड – Titanium Dioxide
टाइटेनियम डाइऑक्साइड भी एक सनस्क्रीन एजेंट है जो यूवी किरणों को प्रतिबिंबित करता है। यह भी त्वचा पर सफेद परत छोड़ सकता है, जिससे त्वचा का रंग असमान दिख सकता है। इसके अलावा, यह पसीने या पानी के संपर्क में आने पर त्वचा पर जमा हो सकता है, जिससे त्वचा काली दिखने लगती है। सही तरीके से और समान रूप से सनस्क्रीन लगाएं ताकि यह त्वचा पर अच्छी तरह से समा जाए। अगर समस्या बनी रहती है, तो किसी दूसरे प्रकार के सनस्क्रीन का उपयोग करें जिसमें टाइटेनियम डाइऑक्साइड न होता हो।
3. ऑक्सीबेनजोन – Oxybenzone
ऑक्सीबेनजोन अगर सनस्क्रीन में है तो इसके कारण भी त्वचा पर कालेपन की समस्या हो सकती है। कुछ लोगों में इसके कारण त्वचा में एलर्जी भी हो सकती है, जिससे त्वचा काली या लाल हो सकती है। ऑक्सीबेनजोन का लगातार उपयोग त्वचा को संवेदनशील बना सकता है और हाइपरपिगमेंटेशन का कारण बन सकता है। ऐसे सनस्क्रीन का उपयोग करें, जिसमें ऑक्सीबेनजोन न हो।
सनस्क्रीन का उपयोग करना त्वचा की सुरक्षा के लिए जरूरी है, लेकिन जिंक ऑक्साइड, टाइटेनियम डाइऑक्साइड और ऑक्सीबेनजोन जैसे तत्व त्वचा के रंग को गहरा कर सकते हैं। अपनी त्वचा के प्रकार को ध्यान में रखते हुए सही सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें।
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