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Phulera Dooj 2024: किस दिन मनाया जाएगा फुलेरा दूज पर्व? जानिए सही तिथि और पूजन नियम

bareillyonline.com by bareillyonline.com
29 February 2024
in न्यूज़
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यह त्योहार मुख्य रूप से मथुरा, ब्रज और वृन्दावन में मनाया जाता है। इस दिन व्रत रखा जाता है और भगवान कृष्ण और देवी राधा की पूजा की जाती है।

By Ekta Sharma

Publish Date: Thu, 29 Feb 2024 03:43 PM (IST)

Updated Date: Thu, 29 Feb 2024 03:43 PM (IST)

Phulera Dooj 2024: किस दिन मनाया जाएगा फुलेरा दूज पर्व?  जानिए सही तिथि और पूजन नियम
Phulera dooj 2024

HighLights

  1. इस खास दिन पर कृष्ण ने पानी और रंगों के बजाय फूलों से होली खेली थी।
  2. उदया तिथि के अनुसार, फुलेरा दूज 12 मार्च, मंगलवार को मनाया जाएगा।
  3. इस दिन घरों को सजाया जाता है और रंगोली बनाई जाती है।

धर्म डेस्क, इंदौर। Phulera Dooj 2024: फुलेरा दूज हर साल फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष फुलेरा दूज 12 मार्च 2024 को मनाया जाएगा। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, यह दिन विवाह के लिए बहुत शुभ माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस खास दिन पर कृष्ण ने पानी और रंगों के बजाय फूलों से होली खेली थी। यह त्योहार मुख्य रूप से मथुरा, ब्रज और वृन्दावन में मनाया जाता है। इस दिन व्रत रखा जाता है और भगवान कृष्ण और देवी राधा की पूजा की जाती है।

फुलेरा दूज तिथि और समय

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 11 मार्च को सुबह 10 बजकर 44 मिनट पर शुरू हो रही है। यह 12 मार्च 2024 को सुबह 07:13 बजे समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार, फुलेरा दूज 12 मार्च, मंगलवार को मनाया जाएगा।

विधि-विधान से करें पूजा

इस दिन घरों को सजाया जाता है और रंगोली बनाई जाती है। इसके बाद, भगवान कृष्ण को अर्पित करने के लिए मिठाई भी बनाई जाती है। इस दिन का सबसे लोकप्रिय व्यंजन पोहा है। पोहा को प्रसाद के रूप में बांटा जाता है। कहा जाता है कि इस दिन राधा-कृष्ण की विधि-विधान से पूजा की जाए, तो सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। बता दें कि वृन्दावन में भक्त राधा-कृष्ण के प्रेम को व्यक्त करने के लिए फूलों की वर्षा करते हैं।

अबूझ मुहूर्त का महत्व

यह दिन अबूझ मुहूर्त के नाम से भी जाना जाता है। इसका अर्थ है कि कोई भी शुभ कार्य बिना पंचांग देखे शुरू किया जा सकता है। इस दिन राधा-कृष्ण प्रसन्न मुद्रा में होते हैं इसलिए भक्तों को उनका विशेष आशीर्वाद मिलता है।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

  • ABOUT THE AUTHOR

    एकता शर्मा नईदुनिया डिजिटल में सब एडिटर के पद पर हैं और बीते 2 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। डिजिटल मीडिया में काम करने का अनुभव है। साल 2022 से जागरण न्यू मीडिया (JNM) से जुड़ी हैं और Naiduni …

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