पीएमएस यानी माहवारी शुरू होने से पहले के कुछ दिनों में कई लक्षण दिखाई देने लगते हैं। ये भूख, मूड और मांसपेशियों से संबंधित हो सकते हैं। पर कुछ महिलाओं को इस दौरान अनिद्रा की समस्या भी होने लगती है। चलिए जानते हैं इसका कारण।
मेंस्ट्रुअल पीरियड के शरीर पर कई प्रभाव पड़ते हैं। यह कई अलग-अलग तरह के लक्षणों के साथ आ सकता है। इनमें से ज्यादातर असुविधाजनक होते हैं। इसका एक लक्षण नींद में खलल पड़ना या नींद नहीं आना भी हो सकता है। कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि सोने का पैटर्न मेनस्ट्रूअल साइकिल के दौरान बाधित होता है। विशेष रूप से माहवारी शुरू होने से ठीक पहले कम नींद (period insomnia) आती है । पीरियड के दौरान इनसोमनिया को दूर करने के लिए कुछ उपाय किये जा सकते हैं।
क्यों होती है पीरियड के दौरान अनिद्रा (cause of insomnia in period)
अनिद्रा नींद संबंधी डिसऑर्डर है, जिसमें अच्छी तरह नींद आना मुश्किल हो जाता है। यह लंबे समय तक चलने वाली समस्या हो सकती है या कुछ दिनों या हफ्तों तक बनी रह सकती है। पीरियड संबंधी अनिद्रा माहवारी से पहले कई दिनों तक रह सकती है। यह माहवारी खत्म होने तक रह सकती है।
यह पीएमएस यानी प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम और पीएमडीडी या प्रीमेंस्ट्रुअल डिस्फोरिक डिसऑर्डर के लिए जिम्मेदार सबसे आम लक्षणों में से एक है। यदि किसी महिला को माहवारी शुरू होने से पहले और उसके दौरान नींद की समस्या है, तो उसे अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए। वे माहवारी के कारण होने वाली अनिद्रा के लिए प्रभावी ट्रीटमेंट बता सकते हैं।
पीरियड इनसोम्निया के लक्षण (Period Insomnia symptoms)
यदि माहवारी के दौरान नींद नहीं आती है, तो दिन में नींद आना, थकान, चिड़चिड़ापन, भूलने की बीमारी, सुबह सिरदर्द, सेक्स में रुचि कम होना, मूड में बदलाव आदि जैसे लक्षण दिख सकते हैं।
ये 3 कारण हैं पीरियड इनसोम्निया के लिए जिम्मेदार (Causes of period insomnia)
1 हार्मोनल चेंज (Hormonal change causes insomnia in period)
पीरियड को नियंत्रित करने वाले दो मुख्य हार्मोन एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हैं। माहवारी से पहले सप्ताह में प्रोजेस्टेरोन का स्तर बढ़ जाता है। शरीर संभावित गर्भावस्था के लिए खुद को तैयार करता है।
गर्भवती नहीं होने पर प्रोजेस्टेरोन लेवल नाटकीय रूप से गिर जाता है। यह माहवारी की शुरुआत का कारण बनता है, क्योंकि यूट्रस की लाइनिंग निकल जाती है। प्रोजेस्टेरोन नींद लाने के लिए भी जिम्मेदार होता है। माहवारी से ठीक पहले प्रोजेस्टेरोन लेवल में तेज गिरावट अनिद्रा का कारण बन सकता है।
2 शरीर के तापमान में बदलाव (Body temperature causes insomnia in period)
नींद और शरीर का तापमान आपस में जुड़े हुए हैं। स्वाभाविक रूप से सोते समय शरीर का तापमान कम हो जाता है, जो नींद की गहरी अवस्था में ले जाता है। माहवारी के दौरान शरीर का तापमान बदलता रहता है।
ओव्यूलेशन के बाद यह लगभग 0.3 डिग्री सेल्सियस से 0.7 डिग्री सेल्सियस अधिक हो जाता है। यह पीरियड शुरू होने तक हाई बना रहता है। माहवारी से ठीक पहले शरीर का तापमान अधिक होता है, इसलिए इसका नींद पर असर पड़ सकता है।
3 पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS causes insomnia)
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम होने पर अनियमित पीरियड, लो प्रोजेस्टेरोन लेवल और हाई टेस्टोस्टेरोन लेवल हो सकता है। इससे नींद में खलल पड़ सकता है। इस दौरान स्लीप एपनिया का खतरा भी अधिक हो सकता है। यह तब होता है जब नींद के दौरान थोड़े समय के लिए व्यक्ति सांस लेना बंद कर देता है। सांस लेने में ये छोटे-छोटे ठहराव रात में 400 बार तक हो सकते हैं। यह प्रक्रिया भी नींद में खलल डाल सकते हैं।
माहवारी के दौरान अच्छी नींद के लिए ये उपाय किये जा सकते हैं (tips to prevent period insomnia)
• प्रतिदिन लगभग एक ही समय पर सोना और जागना।
• दिन के समय झपकी लेने से बचना।
• बिस्तर पर 15 मिनट से अधिक न जागना। यदि नींद नहीं आ रही है, तो एक कुर्सी पर बैठें या तब तक खड़े रहें जब तक आपको दोबारा नींद न आने लगे।
• बिस्तर पर टीवी, पढ़ने या मोबाइल उपकरणों का उपयोग करने से बचें।
• दिन के अंत में कैफीन युक्त पेय से परहेज करें।
• यह सुनिश्चित करना कि बैडरूम में ताज़ी हवा आती हो। खिड़कियों को रात के दौरान खुला रख सकती हैं। अगर बहुत ठंड है, तो सोने से पहले कम से कम पांच मिनट के लिए इसे खुला रख सकती हैं।
• यह सुनिश्चित करना कि बैडरूम आरामदायक हो, लाइटें बंद हों और गद्दे आरामदायक हों।
कुछ अन्य उपाय भी किये जा सकते हैं (Home remedies for period insomnia)
• माहवारी से पहले के दिनों में अधिक आराम और नींद लेने का प्रयास करें।
• जरूरी व्यायाम करें।
• स्वस्थ आहार बनाए रखें।
• शराब और कैफीन का सेवन कम करें।
• माहवारी से पहले और उसके दौरान अधिक धूप का सेवन करने की कोशिश करें।
• नमक और चीनी कम खाएं और कैल्शियम से भरपूर खाद्य पदार्थ अधिक खाएं।
• मेलाटोनिन लेने के बारे में डॉक्टर से बात करें।
यह भी पढ़ें :- अच्छी सेक्स लाइफ चाहिए तो रात को जल्दी सोने की आदत डालिए, प्रजनन स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकती है अधूरी नींद