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ओवेरियन कैंसर जागरूकता माह – Drishti IAS

bareillyonline.com by bareillyonline.com
12 September 2024
in बरेली न्यूज़
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ट्रांसओशनिक अभियानों पर महिला नौसेना अधिकारी
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ओवेरियन कैंसर जागरूकता माह

स्रोत: द हिंदू

चर्चा में क्यों?

कैंसर अनुसंधान के लिये समर्पित विश्व की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी व्यावसायिक संस्था, अमेरिकन एसोसिएशन फॉर कैंसर रिसर्च ने सितंबर माह को डिंबग्रंथि/ओवेरियन कैंसर जागरूकता माह के रूप में मान्यता दी है।

  • यह माह इस घातक स्त्री रोग संबंधी कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिये समर्पित है।

नोट:

  • कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने और कैंसर के शीघ्र निदान को प्रोत्साहित करने के लिये भारत में प्रत्येक वर्ष 7 नवंबर को राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस मनाया जाता है।

ओवेरियन कैंसर से संबंधित मुख्य तथ्य क्या हैं?

  • ओवेरियन कैंसर के बारे में: 

    • डिंबग्रंथि/ओवेरियन कैंसर एक कैंसरयुक्त ट्यूमर है, जो अंडाशय के ऊतकों में बनता है। अंडाशय मादा जनन ग्रंथियों का एक युग्म है, जिनसे डिंब और मादा हार्मोन का उत्पादन होता है।
    • कैंसर एक ऐसा रोग है जिसमें शरीर में असामान्य कोशिकाएँ अनियंत्रित रूप से बढ़कर ट्यूमर का रूप ले लेती हैं।

  • महामारी विज्ञान: भारत में महिलाओं में होने वाले सभी कैंसर में ओवेरियन कैंसर का योगदान 6.6% है। ओवेरियन कैंसर की स्थिति विशेष रूप से इस रोग के विलंबित निदान के कारण समस्याग्रस्त है, जो जीवित रहने की दर को महत्त्वपूर्ण रूप से प्रभावित करती है।
  • लक्षण: सामान्य लक्षणों में पेट फूलना, पैल्विक या श्रोणि में दर्द, भूख न लगना, बार-बार पेशाब आना, अपच, कब्ज़, पीठ दर्द, लगातार थकान, वज़न कम होना और रजोनिवृत्ति के बाद योनि से रक्तस्राव शामिल हैं। 

    • इन लक्षणों के कारण प्रायः रोग का गलत निदान हो जाता है या उपचार में बहुत देरी हो जाती है।

  • ओवेरियन कैंसर के प्रकार:

    • प्रकार I: सामान्य तथा आमतौर पर शीघ्र तथा बेहतर रोग निदान।
    • प्रकार II: अधिक गंभीर, आमतौर पर बाद के चरण में पता लगने वाला तथा ओवेरियन कैंसर से होने वाली अधिकांश मौतों के लिये जिम्मेदार।

  • जीवित रहने की दर: जीवित रहने की दर बहुत हद तक उस चरण पर निर्भर करती है, जिस पर कैंसर का पता चलता है। 

    • शोध से पता चलता है कि गंभीर ओवेरियन कैंसर से पीड़ित लगभग 20% रोगी, जिन्हें इष्टतम उपचार मिलता है, 10 वर्षों में रोग-मुक्त हो सकते हैं।

  • स्क्रीनिंग चुनौतियाँ: स्तन कैंसर या सर्वाइकल कैंसर के विपरीत, ओवेरियन कैंसर के लिये कोई प्रभावी स्क्रीनिंग टेस्ट/परीक्षण नहीं है।

    • निदान किये गए मामलों की मॉनिटरिंग के लिये CA125 रक्त परीक्षण उपयोगी होते हुए भी इसकी सीमित विशिष्टता और गलत सकारात्मक परिणाम की संभावना के कारण रूटीन स्क्रीनिंग के लिये अनुशंसित नहीं है। 

      • ओवेरियन, फैलोपियन ट्यूब या प्राथमिक चरण के पेरिटोनियल कैंसर की पहचान या पता लगाने के लिये CA125 परीक्षण, रक्त प्रोटीन के मापन पर आधारित है।

  • आनुवंशिक कारक: ओवेरियन कैंसर में एक प्रबल आनुवंशिक घटक होता है, जिसमें 65-85% आनुवंशिक मामले BRCA1 व BRCA2 जीन उत्परिवर्तन से जुड़े होते हैं। 

    • इन उत्परिवर्तनों वाली महिलाओं को ओवेरियन कैंसर होने का खतरा काफी अधिक होता है।
    • BRCA1 और BRCA2 जीन DNA की मरम्मत तथा कोशिका विभाजन को विनियमित करने में मदद करते हैं। इन जीनों में उत्परिवर्तन स्तन, डिम्बग्रंथि एवं अन्य कैंसर के जोखिम को बढ़ाता है। 

  • जीवनशैली कारक: टैल्कम पाउडर और केश-उत्पादों में पाए जाने वाले रसायनों के संपर्क सहित कुछ जीवनशैली विकल्पों को ओवेरियन कैंसर के संभावित जोखिम कारकों के रूप में चर्चा की गई है।

    • इसके अतिरिक्त हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (HRT) से भी जोखिम बढ़ता है। 
    • HRT का प्रयोग आमतौर पर रजोनिवृत्ति संक्रमण के दौरान महिलाओं में वासोमोटर और योनि असुविधा लक्षणों को नियंत्रित करने तथा इनके उपचार के लिये किया जाता है।

  • जोखिम कम करना:

    • ओवेरियन या स्तन कैंसर से जुड़े पारिवारिक इतिहास अथवा आनुवंशिक उत्परिवर्तन (BRCA1/BRCA2) वाली महिलाओं के लिये जेनेटिक काउंसलिंग महत्त्वपूर्ण है, जो जोखिम प्रबंधन और निवारक उपायों पर अनुरूप मार्गदर्शन प्रदान करता है।
    • फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर आहार ओवेरियन कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है।
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      बरेली में सेटेलाइट फ्लाईओवर का निर्माण: पीलीभीत बाइपास पर जाम से मिलेगी राहत

      बिजली केबिल जोड़ने से मना करने पर नवाबगंज में लोगों ने बिजलीघर में ताला जड़कर हंगामा किया।

      बरेली में आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नाथ परंपरा पर एक भव्य डॉक्यूमेंट्री बनाने की योजना है।

    • आहार और व्यायाम के माध्यम से स्वस्थ शारीरिक वज़न बनाए रखने से जोखिम कम हो सकता है।
    • नियमित स्त्री रोग संबंधी जाँच से जनन स्वास्थ्य की मॉनिटरिंग करने और संभावित समस्याओं का शीघ्र पता लगाने में मदद मिल सकती है।

Cancer_Statistics_In_India

कैंसर उपचार से संबंधित सरकारी पहलें क्या हैं?

और पढ़ें: कैंसर की बढ़ती चिंताएँ  




  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)  

प्रिलिम्स

प्रश्न. कैंसरग्रस्त ट्यूमर के उपचार के संदर्भ में, साइबरनाइफ नामक एक उपकरण चर्चा में रहा है। इस संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही नहीं है? (2010)

(a) यह एक रोबोटिक इमेज गाइडेड सिस्टम है। 
(b) यह विकिरण की अत्यंत सटीक डोज़ प्रदान करता है। 
(c) इसमें सब-मिलीमीटर सटीकता प्राप्त करने की क्षमता है। 
(d) यह शरीर में ट्यूमर के प्रसार को मैप कर सकता है। 

उत्तर: (d)


प्रश्न. ‘RNA अंतर्क्षेप [RNA इंटरफे्रेंस (RNAi)]’ प्रौद्योगिकी ने पिछले कुछ वर्षों में लोकप्रियता हासिल कर ली है। क्यों?  (2019) 

  1. यह जीन अनभिव्यक्तीकरण (जीन साइलेंसिंग) रोगोपचारों के विकास में प्रयुक्त होता है।
  2. इसे कैंसर की चिकित्सा में रोगोपचार विकसित करने हेतु प्रयुक्त किया जा सकता है।
  3. इसे हॉर्मोन प्रतिस्थापन रोगोपचार विकसित करने हेतु प्रयुक्त किया जा सकता है।
  4. इसे ऐसी फसल पादपों को उगाने के लिये प्रयुक्त किया जा सकता है, जो विषाणु रोगजनकों के लिये प्रतिरोधी हो।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) 1, 2 और 4
(b) 2 और 3
(c) 1 और 3
(d) केवल 1 और 4

उत्तर: (a)



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