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मुंबई25 मिनट पहले
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बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर ओरिएंट टेक्नोलॉजीज लिमिटेड की लिस्टिंग सेरेमनी हुई।
ओरिएंट टेक्नोलॉजीज लिमिटेड का शेयर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर इश्यू प्राइस से 40.78% ऊपर ₹290 पर लिस्ट हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर शेयर इश्यू प्राइस से 39.81% ऊपर ₹288 पर लिस्ट हुआ। इस इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग का इश्यू प्राइस ₹206 था।
यह IPO 21 अगस्त से 23 अगस्त तक निवेशकों के लिए ओपन था। तीन कारोबारी दिनों में IPO टोटल 154.84 गुना सब्सक्राइब हुआ था। रिटेल कैटेगरी में 68.93 गुना, क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) में 188.79 गुना और नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) कैटगरी में 310.03 गुना सब्सक्राइब हुआ था।
₹214.76 करोड़ का था ओरिएंट टेक्नोलॉजीज का इश्यू
ओरिएंट टेक्नोलॉजीज का ये इश्यू टोटल ₹214.76 करोड़ का था। इसके लिए कंपनी ₹120 करोड़ के 5,825,243 फ्रेश शेयर इश्यू किए। जबकि, कंपनी के मौजूदा निवेशक ऑफर फॉर सेल यानी OFS के जरिए ₹94.76 करोड़ के 4,600,000 शेयर बेचे।
मैक्सिमम 936 शेयर के लिए बिडिंग कर सकते थे रिटेल निवेशक
ओरिएंट टेक्नोलॉजीज ने इस इश्यू का प्राइस बैंड 195 रुपए से 206 रुपए तय किया था। रिटेल निवेशक कम से कम एक लॉट यानी 72 शेयर्स के लिए बिडिंग कर सकते थे। यदि आप IPO के अपर प्राइस बैंड 206 रुपए के हिसाब से 1 लॉट के लिए अप्लाय करते, तो इसके लिए ₹14,832 इन्वेस्ट करने होते।
वहीं, रिटेल निवेशक मैक्सिमम 13 लॉट यानी 936 शेयर्स के लिए अप्लाय कर सकते थे। इसके लिए निवेशकों को अपर प्राइज बैंड के हिसाब से 1,92,816 रुपए इन्वेस्ट करने होते।
इश्यू का 35% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व था
कंपनी ने इश्यू का 50% हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए रिजर्व रखा था। इसके अलावा 35% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स और बाकी का 15% हिस्सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) के लिए रिजर्व था।
ओरिएंट टेक्नोलॉजीज की स्थापना 1997 में हुई थी
ओरिएंट टेक्नोलॉजीज लिमिटेड की स्थापना 1997 में हुई थी। कंपनी इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (IT) सॉल्यूशंस प्रोवाइड करती है। कंपनी ने अपने बिजनेस वर्टिकल के भीतर स्पेशल एरिया के लिए प्रोडक्ट्स सॉल्यूशन बनाने का काम करती है। ओरिएंट का हेडक्वार्टर मुंबई में है।
IPO क्या होता है?
जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर्स को आम लोगों के लिए जारी करती है तो इसे इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO कहते हैं। कंपनी को कारोबार बढ़ाने के लिए पैसे की जरूरत होती है। ऐसे में कंपनी बाजार से कर्ज लेने के बजाय कुछ शेयर पब्लिक को बेचकर या नए शेयर इश्यू करके पैसा जुटाती है। इसी के लिए कंपनी IPO लाती है।