कस्टम हायरिंग योजना
किसानों को समर्थन देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, कस्टम हायरिंग सेंटर ने आधुनिक खेती के उपकरण, जैसे रोटावेटर और कल्टीवेटर, मात्र ₹50 प्रतिदिन की दर से उपलब्ध कराने की पहल की है। यह योजना अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के आर्थिक रूप से कमजोर किसानों को सहायता देने के उद्देश्य से सरकार द्वारा चलाई जा रही है।
क्या है कस्टम हायरिंग योजना:
सरकार द्वारा प्रत्येक गांव में कस्टम हायरिंग सेंटर खोले गए हैं जिससे छोटे व सीमांत से लेकर कमजोर किसानों तक खेती के लिए आधुनिक कृषि यंत्र उपलब्ध कराया जा सके। कस्टम हायरिंग सेंटर से किसानों को कम किराये पर कृषि यंत्र दिए जाते हैं। कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने के लिए सरकार की ओर से 80 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाती है। कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने की लागत 10 लाख रुपए निर्धारित की गई है जिसमें सरकार की ओर से 8 लाख रुपए की सब्सिडी दी जाती है।
उन्नत उपकरणों के साथ किसानों को सशक्त बनाना:
कृषि वैज्ञानिक डॉ. भूपेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि कस्टम हायरिंग सेंटर, भारतीय सरकार के एक व्यापक प्रयास का हिस्सा है, जिसमें सरकार और निजी क्षेत्र, दोनों, किसानों को आवश्यक संसाधन और समर्थन प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इसके अलावा, किसान उत्पादक संगठन (FPO) की शुरुआत ने छोटे किसानों को एक साथ लाने में अहम भूमिका निभाई है, जिससे उन्हें बाजार, क्रेडिट, और प्रौद्योगिकी तक बेहतर पहुंच मिल रही है। कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) कृषि को अधिक प्रबंधनीय और उत्पादक बनाने के लिए लगातार काम कर रहा है। इसी के तहत कृषि विज्ञान केंद्र में कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना किसानों की सुविधा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
किन किसानों को मिलेगा लाभ:
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कृषि विज्ञान केंद्र कोडरमा में स्थापित कस्टम हायरिंग सेंटर भारत सरकार की योजना है। डॉ. सिंह ने बताया कि कस्टम हायरिंग सेंटर विशेष रूप से SC और ST किसानों के लिए लाभकारी है, जो महंगे खेती उपकरण खरीदने में असमर्थ होते हैं। अब कई महंगे उपकरण किराए पर उपलब्ध होने से किसान अपनी मेहनत को कम कर सकते हैं और उत्पादकता बढ़ा सकते हैं।
किराये पर मिलेगा किसानों को कृषि यंत्र: KVK विभिन्न प्रकार के कृषि उपकरण उपलब्ध कराता है, जैसे सब्जी खेती उपकरण से लेकर धान की खेती के लिए मशीनें। कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के किसानों को कम किराया दर पर खेती के काम आने वाले कृषि यंत्रों को उपलब्ध कराया जा रहा है। विशेष रूप से युवा किसानों के लिए ये उपकरण लाभदायक साबित हो रहे हैं। किसान इन मूल्यवान मशीनों को तीन दिनों तक किराए पर ले सकते हैं, जिनकी दैनिक दरें ₹50 से ₹300 तक होती हैं, जो मशीन के प्रकार पर निर्भर करती हैं। कृषि विज्ञान केंद्र में रोटावेटर, कल्टीवेटर, घास काटने की मशीन और बीज बोने वाले प्लांटर जैसे उपकरण उपलब्ध हैं, जो किसानों को उनकी सफलता के लिए आवश्यक संसाधन प्रदान करते हैं।