राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन
स्रोत: पी. आई. बी.
हाल ही में नीति आयोग के एक बयान के अनुसार, वर्ष 2021-22 से 2024-25 तक की वित्तीय अवधि के पहले तीन वर्षों के दौरान राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन के तहत सरकार द्वारा 3.85 लाख करोड़ रुपए की संपत्ति का मुद्रीकरण किया गया है।
- नीति आयोग को राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन विकसित करने का दायित्व सौंपा गया है।
राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (NMP) क्या है?
- परिचय:
- NMP में चार वर्ष की अवधि (वित्त वर्ष 2021-22 से 2024-25) में सड़क, रेलवे, बिजली, तेल और गैस पाइपलाइन, दूरसंचार, नागरिक उड्डयन आदि जैसे क्षेत्रों में केंद्र सरकार की प्रमुख परिसंपत्तियों को पट्टे पर देने के माध्यम से 6 लाख करोड़ रुपए की कुल मुद्रीकरण क्षमता की परिकल्पना की गई है।
- NMP के माध्यम से मुद्रीकरण में केवल मुख्य परिसंपत्तियाँ शामिल हैं, गैर-मुख्य परिसंपत्तियों के विनिवेश के माध्यम से मुद्रीकरण को छोड़कर।
- फिलहाल केवल केंद्र सरकार के संबंधित मंत्रालयों और बुनियादी ढाँचा क्षेत्र के CPSE की परिसंपत्तियों को ही इसमें शामिल किया गया है।
- प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिये भूमि, रियल एस्टेट और बुनियादी ढाँचे सहित गैर-प्रमुख परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण को निवेश तथा सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (Department of Investment and Public Asset Management- DIPAM) से वित्त मंत्रालय के तहत सार्वजनिक उद्यम विभाग (Department of Public Enterprises- DPE) को स्थानांतरित किया जा रहा है।
- इस पाइपलाइन का उद्देश्य वित्त वर्ष 2025 तक छह वर्षों में 111 लाख करोड़ रुपए के राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन (National Infrastructure Pipeline- NIP) के तहत निवेश का समर्थन करना है।
- NMP की समय-सीमा रणनीतिक रूप से राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन (National Infrastructure Pipeline- NIP) के अंतर्गत शेष अवधि के साथ समाप्त होने के लिये निर्धारित की गई है।
- NMP की स्थिति:
- NMP के तहत पहले दो वर्षों अर्थात् वर्ष 2021-22 से वर्ष 2022-23 तक कुल लक्ष्य 2.5 लाख करोड़ रुपए के स्थान पर 2.30 लाख करोड़ रुपए का लक्ष्य प्राप्त हुआ।
- वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान 1.8 लाख करोड़ रुपए के लक्ष्य के मुकाबले, जो सभी चार वर्षों में सर्वाधिक है, उपलब्धि लगभग 1.56 लाख करोड़ रुपए रही है।
- इसके अतिरिक्त, यह वर्ष 2023-24 का लक्ष्य वर्ष 2021-22 की उपलब्धि का लगभग 159% दर्शाता है।
- सभी मंत्रालयों द्वारा अपने मुद्रीकरण लक्ष्यों का 70% प्राप्त कर लिया है, जिसमें सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय तथा कोयला मंत्रालय वर्ष 2023-24 में 97,000 करोड़ रुपए की कुल उपलब्धि के साथ शीर्ष दो उपलब्धि प्राप्त करने वाले मंत्रालय हैं।
- NMP की आवश्यकता:
- अतिपूंजीकरण: अधिकांश सरकारी बुनियादी अवसंरचना परियोजनाओं में इष्टतम इनपुट-आउटपुट अनुपात शायद ही कभी देखा जाता है, जिसके कारण उनमें अतिपूंजीकरण हो जाता है।
- संसाधन अनुकूल: NMP का उद्देश्य परियोजना की आवश्यकताओं के साथ संसाधनों का बेहतर मिलान करने के लिये बाज़ार-संचालित विधियों को अपनाकर संसाधनों के उपयोग में सुधार लाना, विलंब और लागत वृद्धि को कम करना है।
- समन्वय संबंधी चुनौतियाँ: NMP बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं के क्रियान्वयन में सुधार लाने हेतु सरकारी विभागों और निज़ी फर्मों के बीच टीमवर्क को बढ़ावा देता है।
- अर्थव्यवस्था को बढ़ावा: NMP पीएम गति शक्ति से जुड़ता है, जिसका उद्देश्य भारत के बुनियादी ढाँचे को व्यापक रूप से विकसित करना है, जबकि NMP मौज़ूदा परिसंपत्तियों का लाभ उठाकर नवीन परियोजनाओं के लिये धन एकत्रित करने का प्रयास करता है।
- कम उपयोग की गई सार्वजनिक परिसंपत्तियों का उपयोग: NMP का उद्देश्य अनुत्पादक सरकारी परिसंपत्तियों को बेचकर नए बुनियादी ढाँचे के लिये धन एकत्रित करना और हरित परियोजनाओं का विस्तार करना है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न
प्रिलिम्स:
प्रश्न. भारत में, “पब्लिक की इंफ्रास्ट्रक्चर” पदबंध किसके प्रसंग में प्रयुक्त किया जाता है: (2020)
(a) डिजिटल सुरक्षा आधारभूत संरचना
उत्तर: (a)
मेन्स:
प्रश्न.1 श्रम-प्रधान निर्यातों के लक्ष्य प्राप्त करने में विनिर्माण क्षेत्रक की विफलता का कारण बताइये। पूंजी-प्रधान निर्यातों की अपेक्षा अधिक श्रम-प्रधान निर्यातों के लिये, उपायों को सुझाइये। (2017)
प्रश्न. 2 हाल के समय में भारत में आर्थिक संवृद्धि की प्रकृति का वर्णन अक्सर नौकरीहीन संवृद्धि के तौर पर किया जाता है। क्या आप इस विचार से सहमत हैं? अपने उत्तर के समर्थन में तर्क प्रस्तुत कीजिये। (2015)
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