राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन
स्रोत: पी.आई.बी.
चर्चा में क्यों?
हाल ही में, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) ने बढ़ती मांग को पूरा करने के लिये उर्वरक क्षेत्र के लिये ग्रीन अमोनिया का वार्षिक आवंटन 550,000 टन से बढ़ाकर 750,000 टन कर दिया है, जिससे भारत में ग्रीन हाइड्रोजन के लिये समर्थन बढ़ गया है।
राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन (NGHM) क्या है?
- भारत ने जनवरी 2023 में राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन (NGHM) लॉन्च किया।
- नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) वर्ष 2030 तक देश में हरित हाइड्रोजन की उत्पादन क्षमता 5 मिलियन टन प्रति वर्ष हासिल करने के लक्ष्य के साथ NGHM को क्रियान्वित कर रहा है।
- NGHM के तहत भारत में हरित हाइड्रोजन पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के मिशन और कदमों के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिये एक समर्पित पोर्टल लॉन्च किया गया।
- भारत ने इस्पात, परिवहन और शिपिंग क्षेत्रों में ग्रीन हाइड्रोजन के उपयोग के लिये योजना दिशानिर्देश भी जारी किये हैं।
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने भारत में नवाचार को बढ़ावा देने और हरित हाइड्रोजन पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिये हाइड्रोजन वैली इनोवेशन क्लस्टर की शुरुआत की है।
नवीकरणीय ऊर्जा से संबंधित अन्य पहलें
ग्रीन अमोनिया क्या है?
- परिचय:
- अमोनिया एक ऐसा रसायन है जिसका उपयोग मुख्य रूप से यूरिया तथा अमोनियम नाइट्रेट जैसे नाइट्रोजनयुक्त उर्वरकों के निर्माण में किया जाता है, लेकिन इसका उपयोग अन्य उपयोगों जैसे कि इंजन संचालन के लिये भी किया जा सकता है।
- ग्रीन अमोनिया उत्पादन वह है जहाँ अमोनिया निर्माण की प्रक्रिया 100% नवीकरणीय एवं कार्बन मुक्त होती है।
- उत्पादन की विधि:
- यह जल के इलेक्ट्रोलिसिस से हाइड्रोजन एवं वायु से अलग नाइट्रोजन का उपयोग करके निर्मित किया जाता है। फिर इन्हें हेबर प्रक्रिया में डाला जाता है, जो सभी सतत् विद्युत द्वारा संचालित होते हैं।
- हरित अमोनिया उत्पादन में जलविद्युत, सौर ऊर्जा अथवा पवन टर्बाइन जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग किया जाता है।
- हैबर प्रक्रिया में, हाइड्रोजन तथा नाइट्रोजन को उच्च तापमान एवं दबाव पर एक साथ प्रतिक्रिया करके अमोनिया (NH3) का उत्पादन किया जाता है।
- यह जल के इलेक्ट्रोलिसिस से हाइड्रोजन एवं वायु से अलग नाइट्रोजन का उपयोग करके निर्मित किया जाता है। फिर इन्हें हेबर प्रक्रिया में डाला जाता है, जो सभी सतत् विद्युत द्वारा संचालित होते हैं।
- उपयोग:
- ऊर्जा भंडारण: अमोनिया को तरल रूप में आसानी से मध्यम दबाव (10-15 बार) पर या -33 डिग्री सेल्सियस पर रेफ्रिजरेट करके बड़ी मात्रा में संग्रहित किया जा सकता है। यह इसे अक्षय ऊर्जा के लिये एक आदर्श रासायनिक भंडार बनाता है।
- शून्य कार्बन ईंधन: अमोनिया को इंजन में जलाया जा सकता है या विद्युत उत्पादन के लिये ईंधन सेल में प्रयोग किया जा सकता है। जब इसका उपयोग किया जाता है, तब अमोनिया के केवल उप-उत्पाद जल एवं नाइट्रोजन होते हैं।
- समुद्री उद्योग: समुद्री उद्योग द्वारा समुद्री इंजनों में ईंधन तेल के उपयोग को प्रतिस्थापित करते हुए इसे शीघ्र अपनाने की संभावना है।
- महत्त्व:
- हरित अमोनिया में भविष्य में जलवायु-तटस्थ परिवहन ईंधन बनने की क्षमता है और इसका उपयोग कार्बन-तटस्थ उर्वरक उत्पादों के उत्पादन में किया जाएगा, जो खाद्य आपूर्ति शृंखला को कार्बन-मुक्त करेगा।
- विश्व की बढ़ती जनसंख्या के लिए CO2 मुक्त बिजली और पर्याप्त भोजन उत्पादन की तत्काल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये हरित अमोनिया आवश्यक है।
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