वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने सेल्फ केयर मंथ की पांचवी एनिवर्सरी पर व्यक्ति के स्वास्थ्य देखभाल के लिए पहली ग्लोबल सेल्फ केयर इंटरवेंशन गाइडलाइन शेयर की है। इन 12 टिप्स के साथ आप भी रह सकती हैं हेल्दी।
सेल्फ केयर सुनने में एक छोटा टर्म है, पर इसका एक व्यक्ति के जीवन में बड़ा महत्व होता है। 24 जून से सेल्फ केयर मंथ की शुरुआत होती है, जो 24 जुलाई को सेल्फ केयर डे के साथ समाप्त होगा। यह प्रतीकात्मक दिन इसलिए चुना गया क्योंकि सेल्फ केयर प्रैक्टिस “दिन में 24 घंटे/सप्ताह में 7 दिन” किया जा सकता है। 5 साल पहले वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन द्वारा सेल्फ केयर मंथ की शुरुआत की गई थी।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने सेल्फ केयर मंथ की पांचवी एनिवर्सरी पर व्यक्ति के स्वास्थ्य देखभाल के लिए पहली ग्लोबल सेल्फ केयर इंटरवेंशन गाइडलाइन शेयर की है। तो चलिए हेल्थ शॉट्स के साथ जानते हैं, सेल्फ केयर डे सेलिब्रेट करने का क्या महत्व है। साथ ही जानेंगे वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन द्वारा निर्धारित गाइडलाइंस से जुड़ी कुछ जरूरी जानकारी (Self care tips)।
जानें सेल्फ केयर डे मनाने का क्या महत्व है
सेल्फ केयर मंथ सेलिब्रेट करने के अपने कई महत्व हैं। यह मेंटल, फिजिकल और इमोशनल तीनों ही रूपों में आपकी सेहत के लिए जरूरी होता है।
सेल्फ केयर और सेल्फ केयर इंटरवेंशन को लेकर अवेयरनेस बढ़ाने के लिए। लोगों द्वारा उनके जीवन की उपलब्धि को पहचानना और अब तक जो हासिल किया गया है उसे प्रोत्साहित करना जरूरी है। जब लोग ऐसा करते हैं, तो उन्हें अपने सेल्फ वर्थ का पता लगता है, जिसके लिए सेल्फ केयर बहुत जरूरी है।
इतना ही नहीं सेल्फ केयर का मतलब है, अपनी सेहत के सभी पहलुओं की उचित देखभाल के प्रति खुदको जागरूक करना। इससे किसी भी सेहत संबंधी समस्या को बढ़ने से पहले रोका जा सकता है। व्यक्ति के लिए अपने स्वास्थ्य को बढ़ावा देना और बनाए रखना प्राथमिक है। सेल्फ केयर के तहत हर प्रकार की बीमारी एवं आपातकालीन स्थिति से बचा जा सकता है।
अब जानें आत्म देखभाल क्यों जरूरी है (importance of self care)
आत्म-देखभाल वास्तव में हर व्यक्ति के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। एक खुशहाल, स्वस्थ और संतुलित जीवन को बनाए रखने के लिए अपने शारीरिक, भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखना आवश्यक है। आत्म-देखभाल को प्राथमिकता देकर, आप एक स्वस्थ, संतुलित एवं खुशहाल जीवन जी सकती हैं।
तनाव और चिंता को कम करे।
मूड और समग्र मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाएं।
ऊर्जा के स्तर और शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा दें।
आत्म-जागरूकता और आत्मविश्वास बढ़ जाता है।
स्वस्थ सीमाएं निर्धारित करे और आत्म-करुणा का अभ्यास करे।
रिश्तों और जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार होता है।
याद रखें, सेल्फ केयर सेल्फिश नहीं है, यह आवश्यक है। ऐसी गतिविधियों के लिए समय निकालें जो आपके मन, शरीर और आत्मा को पोषण दें, जैसे व्यायाम, मेडिटेशन, रीडिंग, राइटिंग, प्रकृति में समय बिताना और अपने पसंदीदा शौक में शामिल होना।
यहां जानें सेल्फ केयर के कुछ कॉमन गाइडलाइन जो सभी को फॉलो करने चाहिए (Self care tips)
1. स्वस्थ आहार है जरूरी
सेल्फ केयर का सबसे अच्छा तरीका है, अपने खान-पान पर ध्यान देना। एक स्वस्थ एवं संतुलित भोजन आपके शरीर को तमाम तरह की समस्याओं से प्रोटेक्ट कर सकता है। इसलिए पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों को अपनी नियमित डाइट का हिस्सा बनाएं।
2. प्रतिदिन शरीर को एक्टिव रखने का प्रयास करें
सेल्फ केयर गाइडलाइन में शारीरिक गतिविधियों में भाग लेने को प्राथमिकता दी गई है। नियमित रूप से खुदको कुछ देर एक्टिव रखें, इसके लिए हाई इंटेंसिटी वर्कआउट करना जरूरी नहीं है, वॉकिंग, जॉगिंग, साइकलिंग, स्विमिंग जैसी गतिविधियां भी बॉडी को एक्टिवेट करने में मदद करती हैं। ऐसे में क्रॉनिक डिजीज का खतरा कम हो जाता है। वहीं आप एक स्वस्थ एवं संतुलित जीवन जीती हैं।
3. वैक्सीनेशन है जरूरी
खुद को बीमारियों एवं संक्रमण से प्रोटेक्ट करने के लिए सेल्फ केयर गाइडलाइन में वैक्सीनेशन को भी एक अहम हिस्सा बताया गया है। एचआईवी, एड्स, कोविड वैक्सीनस के अलावा महिला एवं पुरुष के लिए अन्य कई वैक्सीन हैं, जिसे तमाम तरह की बीमारियों का खतरा कम हो जाता है। इस पर ध्यान दें, वहीं छोटे बच्चों को भी जरूरी वैक्सीन जरूर लगवाएं।
4. किसी भी प्रकार के तंबाकू का इस्तेमाल न करें
सेल्फकेयर गाइडलाइन में तंबाकू से परहेज रखने की सलाह दी गई है क्योंकि यह आपकी सेहत के लिए अच्छा नहीं है यदि आप किसी भी प्रकार के तंबाकू का सेवन करती हैं तो इसे फौरन छोड़ने पर विचार करें। यदि आप खुद का ध्यान रखना चाहती हैं, और और एक स्वस्थ एवं सुरक्षित जीवन जीना चाहती हैं, तो इसे जरूर फॉलो करें।
5. शराब का सेवन न करें
वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन के गाइडलाइन के अनुसार सेल्फ केयर के तहत आपको शराब से परहेज रखने की सलाह दी जाती है। हालांकि, आप चाहे तो कभी कभार मॉडरेशन में अल्कोहल ले सकते हैं। परंतु इसकी अधिकता जानलेवा साबित हो सकती है।
6. शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए स्ट्रेस मैनेजमेंट पर ध्यान दें
सेल्फ केयर के तहत स्ट्रेस मैनेजमेंट बहुत जरूरी होता है। क्योंकि आजकल लोगों में तनाव काफी ज्यादा बढ़ गया है, जिसकी वजह से शारीरिक तथा मानसिक समस्याओं के आंकड़े बढ़ रहे हैं। गाइडलाइन के अनुसार रिलैक्सिंग टेक्निक्स और स्ट्रेस मैनेजमेंट एक्टिविटीज में पार्टिसिपेट कर आप अपने तनाव को कम कर सकती हैं।
7. हाइजीन की अच्छी आदतें अपनाएं
हाइजीन सेल्फ केयर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। बॉडी हाइजीन से लेकर अपने घर और आसपास के वातावरण में साफ सफाई करना बहुत जरूरी है। कई बार हम अपने बॉडी को साफ कर लेते हैं, परंतु आसपास के वातावरण में गंदगी होने से हमारी सेहत नकारात्मक रूप से प्रभावित हो सकती है। इसलिए एक बेहतर हाइजीन मैनेजमेंट की प्रैक्टिस करें।
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8. स्पीड, ड्रिंक एंड ड्राइव को पूरी तरह अवॉइड करें
एक व्यक्ति सेल्फ केयर के तहत अपने जीवन को लंबा, सुरक्षित और स्वस्थ बना सकता है। इसलिए भूल कर भी शराब पीकर गाड़ी न चलाएं, साथ ही तेज गाड़ी चलाने से बचें। क्योंकि इससे केवल आपका नहीं बल्कि किसी और का भी नुकसान हो सकता है।
9. आपकी प्रायोरिटी होनी चाहिए सीट बेल्ट और हेलमेट
कर ड्राइव करते वक्त सीट बेल्ट लगाना और मोटरसाइकिल या साइकिल चलाते वक्त हेलमेट पहनना आपकी ट्रैवल प्रायोरिटी होनी चाहिए। चाहे आप कितनी भी जल्दी में हों इसे स्किप न करें क्योंकि यह आपकी जान बचा सकता है।
10. प्रैक्टिस सेफ सेक्स
सभी को सेफ सेक्स प्रेक्टिस करने की सलाह दी जाती है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के सेल्फ केयर गाइडलाइन के अनुसार सेक्सुअल गतिविधियों के दौरान प्रोटेक्शन का इस्तेमाल जरूर करें। इससे आप सेक्सुअल ट्रांसमिटेड इनफेक्शन और अनवांटेड प्रेगनेंसी को अवॉयड कर सकती हैं। अबॉर्शन महिलाओं की बॉडी के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं है।
11. नियमित हेल्थ चेकअप है जरूरी
वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन द्वारा निर्धारित गाइडलाइन के अनुसार सभी को नियमित हेल्थ चेकअप करवाते रहना चाहिए। इससे कोई भी बीमारी शुरुआती दौड़ में पकड़ में आ जाती है, जिससे बीमारियों का इलाज मुमकिन हो पता है। वहीं व्यक्ति एक स्वस्थ एवं संतुलित जीवन जीता है
12. बच्चा एवं मां दोनों के लिए जरूरी है ब्रेस्टफीडिंग
ब्रेस्टफीडिंग मां एवं बच्चे दोनों के लिए बेहद जरूरी है। महिलाओं में ब्रेस्टफीडिंग ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को कम कर देता है। वहीं बच्चों में मां का दूध हड्डी, ब्रेन तथा समग्र बॉडी डेवलपमेंट के लिए जरूरी होता है। महिलाओं को सेल्फ केयर के तहत ब्रेस्टफीडिंग जरूर करवानी चाहिए, ताकि उन्हें भविष्य में किसी प्रकार की गंभीर बीमारी का सामना न करना पड़े।
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