Mumps Vaccine doctor Piyush Mishra explains the MMR Vaccine: देशभर में बच्चों के बीच मम्प्स बीमारी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार, रोजाना देशभर में 5 से 8 मामले अस्पतालों में मम्प्स के आ रहे हैं। मम्प्स को गलसुआ (Mumps Cases in India) भी कहा जाता है। मुख्यतौर पर मम्प्स की बीमारी बच्चों में देखी जाती है। 5 से 6 साल की उम्र के बच्चों में मम्प्स के मामले ज्यादा देखने को मिलते हैं। इस बीमारी के कारण बच्चों को बुखार हो जाता है और गंभीर स्थिति में बच्चे को अस्पताल में भर्ती भी करवाना पड़ता है। मम्प्स से बचाव का मुख्य तरीका है एमएमआर वैक्सीन। गौर करने वाली बात यह है कि ज्यादातर पेरेंट्स को मम्प्स वैक्सीन (MMR Vaccine) के बारे में जानकारी ही नहीं होती है। आज इस लेख में हम उत्तर पूर्वी दिल्ली के जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, डॉ. पीयूष मिश्रा से जानेंगे एमएमआर वैक्सीन क्या है और यह बच्चों के लिए क्यों जरूरी है।
एमएमआर वैक्सीन क्या है?- What is the MMR Vaccine?
डॉ. पीयूष मिश्रा के अनुसार, “एमएमआर वैक्सीन एक संयोजन टीका है जो तीन अत्यधिक संक्रामक वायरल बीमारियों: खसरा, कण्ठमाला और रूबेला से सुरक्षा प्रदान करता है। इसे आम तौर पर दो खुराक में दिया जाता है। पहला 12-15 महीने की उम्र में और दूसरा 4-6 साल की उम्र में।” एमएमआर वैक्सीन को लगवाने के बाद बच्चों में मम्प्स जैसी संक्रामक बीमारी होने का खतरा नहीं रहता है।
मम्प्स वैक्सीन क्यों है जरूरी?- Why is the Mumps Vaccine Important?
मम्प्स एक वायरल संक्रमण है जिसमें लार ग्रंथियों की दर्दनाक सूजन, बुखार, सिरदर्द और थकान जैसी समस्या होती है। जबकि अधिकांश मामले कुछ हफ्तों के भीतर ही मम्प्स ठीक हो जाते हैं। लेकिन गंभीर स्थितियों में मम्प्स के कारण मेनिनजाइटिस, एन्सेफलाइटिस, बहरापन और बांझपन जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। मम्प्स और इसकी संभावित परेशानियों से बचाव के लिए एमएमआर वैक्सीन को लगवाना बहुत जरूरी है।
इसे भी पढ़ेंः ब्रेस्टफीड कराने वाली ज्यादातर मदर्स करती हैं ये गलतियां, एक्सपर्ट से जानें इसके बारे में
कितनी प्रभावशील है मम्प्स वैक्सीन?- Effectiveness of the Mumps Vaccine
अध्ययनों ने लगातार एमएमआर वैक्सीन को मम्प्स की रोकथाम में अत्यधिक प्रभावी दिखाया है। रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के अनुसार, एमएमआर वैक्सीन की दो खुराक मम्प्स को रोकने में लगभग 88% प्रतिशत कामयाब होती है। सीडीसी के अनुसार, 1963 में मम्प्स वैक्सीन कार्यक्रम शुरू होने से पहले अमेरिका में हर साल 3 से 4 मिलियन मम्प्स के मामले दर्ज किए जाते थे। इनमें से लगभग 400 से 500 की मृत्यु हो जाती थी। लेकिन जब से मम्प्स वैक्सीन की शुरुआत की गई है, तब से मम्प्स के साथ-साथ अन्य संक्रमण के मामले कम हुए हैं।
इसे भी पढ़ेंः कंप्यूटर की तरह तेज काम करेगा दिमाग, आज से ही फॉलो करें एक्सपर्ट की ये 4 टिप्स
हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, सभी बच्चों के लिए मम्प्स वैक्सीन बहुत ज्यादा जरूरी है। इससे भविष्य में मम्प्स के अलावा कई गंभीर बीमारियों के खतरे को कम करने में मदद मिलती है। लोगों को मम्प्स बीमारी के बारे में जागरूक करने और टीकाकरण से इसे कैसे रोका जा सकता है इस बारे में शिक्षित करने के उद्देश्य से हर साल 16 मार्च को खसरा टीकाकरण दिवस मनाया जाता है।
एमएमआर वैक्सीन की कीमत- MMR Vaccine Price in Hindi
डॉक्टर के अनुसार, एमएमआर वैक्सीन देशभर के विभिन्न राज्यों के सरकारी अस्पताल में फ्री में लगाई जाती है। वहीं, प्राइवेट अस्पतालों में एमएमआर वैक्सीन की कीमत हजारों रूपये में होती है। अगर आप अपने बच्चों को एमएमआर वैक्सीन लगवाना चाहते हैं, तो इस विषय पर डॉक्टर से बातचीत करें।
All Image Credit: Freepik.com