[ad_1]

भारत में समय से पहले मानसून दस्तक दे सकता है
अल नीनो का प्रभाव कमजोर हो रहा है, जिससे भारत में इस साल मानसून के पहले भाग में अच्छी बारिश होने की संभावना है। इस तरह अल नीनो का कमजोर होना और ला नीना का बनना भारत में इस साल मानसून के लिए अच्छी खबर है। हालांकि, जलवायु परिवर्तन के कारण, मौसम की घटनाएं अधिक अनिश्चित और तीव्र होती जा रही हैं। इसलिए, मानसून से जुड़ी किसी भी अपडेट के लिए नवीनतम पूर्वानुमानों पर नज़र रखना महत्वपूर्ण है।
अप्रैल-जून में ला नीना बनने की संभावना:
अमेरिका के जलवायु पूर्वानुमान केंद्र (एनओएए) के अनुसार, अल नीनो का मौजूदा दौर अप्रैल और जून में ला नीना में बदल जाएगा।
मानसून का पूर्वानुमान: इसके बाद, जून-अगस्त में ला नीना के मजबूत होने की संभावना है, जो भारत में अच्छी बारिश का संकेत देता है।
तापमान में वृद्धि: मई में भी भारत में तापमान सामान्य से अधिक रहने की उम्मीद है।
अल नीनो और ला नीना क्या हैं?
अल नीनो और ला नीना दक्षिण अमेरिकी तट से दूर पूर्वी प्रशांत महासागर में समुद्र की सतह के तापमान में बदलाव हैं। अल नीनो के दौरान, पानी असामान्य रूप से गर्म हो जाता है, जबकि ला नीना के दौरान यह ठंडा हो जाता है।
ये बदलाव दुनिया भर में मौसम की घटनाओं को प्रभावित करते हैं। अल नीनो भारत में मानसून के दौरान कम बारिश का कारण बनता है, जबकि ला नीना का विपरीत प्रभाव होता है।
अल नीनो का प्रभाव: विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्लूएमओ) के अनुसार, 2023-24 में अल नीनो का मौजूदा दौर अब तक के पांच सबसे मजबूत दौरों में से एक था। इसने दुनिया के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक तापमान का कारण बना। डब्लूएमओ ने चेतावनी दी है कि अल नीनो का प्रभाव कम से कम मई 2024 तक जारी रह सकता है।
[ad_2]
Source link